यह अगस्त में तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने का बाद अबतक का सबसे दुस्साहसी हमला है।
अफगानिस्तान में पाकिस्तान की एयरलाइंस ने लूट मचा रखी थी और जब तालिबान ने इस पर सख्ती की जो पाकिस्तान की एयरलाइंस को मजबूर होकर सेवा की बंद करनी पड़ी।
15-16 तालिबान लड़ाकों ने दोपहर को गुरुद्वारे पर धावा बोल दिया और वहां मौजूद 3 गार्ड्स को हाथ-पैर बांध दिए।
तालिबान के गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि रविवार को यहां एक मस्जिद के प्रवेश स्थल पर हुए बम विस्फोट में कम से कम पांच नागरिकों की मौत हुई है। कारी सईद खोस्ती ने इन मौतों की पुष्टि की है।
पिछले हफ्ते भी रशीद ने कहा था कि दुनिया के लिए यह उम्मीद करना अनुचित होगा कि अफगानिस्तान 8 दिनों में कुछ स्कैंडिनेवियाई देशों की तरह समृद्ध हो जाएगा।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि 29 अगस्त को किया गया ड्रोन हमला एक भारी भूल थी, सैनिकों की पूरी तरह वापसी से पहले अमेरिका ने ये हमला आईएसआईएस आतंकियों को टारगेट बनाकर किया था।
बता दें कि तालिबान ने बीते 15 अगस्त को अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया था।
कुछ महिलाओं ने काबुल में इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान (आईईए) के समर्थन में एक प्रदर्शन का आयोजन किया।
एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि तालिबान के 2 वरिष्ठ अधिकारियों ने विदेशी नागरिकों के प्रस्थान में मदद की और उसके अधिकारी एयरपोर्ट पर गश्त दे रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों के हाथों में पोस्टर्स थे, जिनपर पाकिस्तान के खिलाफ स्लोगन लिखे हुए थे। इस दौरान उन्होंने जमकर पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पाकिस्तान को अफगानिस्तान की सीमा से बाहर निकालने की मांग की।
तालिबान राज में महिलाओं पर जुल्म कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार महिलाओं ने तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। राजधानी काबुल सहित कई शहरों से अबतक महिलाओं के प्रदर्शन की तस्वीरें सामने आ चुकी हैं।
अफगानिस्तान, भारतीय चीनी निर्यात के लिए शीर्ष तीन गंतव्यों में से एक है। वहां हर वर्ष लगभग छह-सात लाख टन चीनी का निर्यात किया जाता है।
सरकारी कर्मचारियों को महीनों से भुगतान नहीं किया गया है और स्थानीय मुद्रा का अवमूल्यन हो रहा है। अफगानिस्तान के अधिकांश विदेशी मुद्रा भंडार विदेशों में हैं और वर्तमान में उनके लेनदेन पर रोक है।
15 अगस्त तक अफगानिस्तान के अधिकतर क्षेत्रों में तालिबान का कब्जा हो चुका था और अमेरिका के नियंत्रण में सिर्फ काबुल एयरपोर्ट बचा था। लेकिन 30 अगस्त की रात को अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों की वापसी की पूरी होने की घोषणा कर दी... इस घोषणा के साथ ही सामने आई एक तस्वीर, जो हमेशा अमेरिका के जेहन में हार रूपी कांटे के रूप में चुभेगी।
न्यूज एजेंसी AFP के अनुसार, आज सुबह काबुल शहर में कई रॉकेट उड़ते सुनाई दिए, जिसके बाद करीब चार जगहों पर अमेरिका द्वारा हमला किया गया।
अमेरिका ने काबुल में ISIS-K के संदिग्ध ठिकाने पर हवाई हमला किया। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने जानकारी दी है।
अब्दुल गनी बरादर न केवल एशिया बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के एक नए खौफनाक चेहरे के रूप में उभर कर सामने आया है।
व्हाइट हाउस ने बताया कि अमेरिका ने 14 अगस्त से अब तक काबुल स्थित हामिद करजई हवाई अड्डे से लगभग 1,13,500 लोगों को निकाला है या निकालने में सहायता की है।
देश में हालांकि एटीएम मशीनें अभी भी काम कर रही हैं, लेकिन निकासी को 24 घंटे में लगभग 200 डॉलर तक सीमित कर दिया गया है।
एक तरफ तालिबानी नेता अफगानिस्तान में शांति की बात कर रहे हैं तो वहीं उनके लड़ाके जगह-जगह आतंक फैलाने का काम कर रहे हैं। अफगानिस्तान में तालिबान ने काबुल में अपने आतंकियों की संख्या बढ़ा दी है। तालिबान ने ये फैसला अफगानिस्तान के नांगरहार में ISIS के खुरासान ग्रुप के ठिकाने पर अमेरिका के हमले के बाद लिया है।
संपादक की पसंद