काबुल में फंसे भारतीय लोगों को निकालने के लिए प्रयास लगातार जारी है। फिलहाल खबर ये है कि भारतीय वायुसेना का विमान 90 लोगों को लेकर काबुल से तजाकिस्तान पहुंच गया है।
अफगानिस्तान में काबुल एयरपोर्ट पर 210 भारतीय अभी फंसे हुए हैं। तालिबानियों ने इनकी आईडी कार्ड चेक की है और तलाशी ली है इसके बाद से सभी 210 भारतीय बेहद डरे हुए हैं।
कंधार, हेरात, मजार-ए-शरीफ से सैकड़ों लोग काबुल एयरपोर्ट पहुंचे, छोड़ना चाहते हैं अपना वतन। एक फुटबॉलर, एक डॉक्टर, एक नौजवान: आसमान से अमेरिकी विमान से गिरे 3 लोगों की दर्दनाक दास्तां। देखिए- आज की बात, रजत शर्मा के साथ
पूर्वी काबुल के इमाम बशीर वारदाक ने कहा कि दशकों से चले आ रहे खून-खराबे को रोकने के लिए अफगानिस्तान के लोगों को एकजुट होना चाहिए।
अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी पर कुछ लोग भारत में मुबारकबाद दे रहे हैं और वहीं दूसरी तरफ तालिबान ने अफगानिस्तान में मौजूद भारतीय दूतावास के दफ्तरों में घुसना शुरू कर दिया है।
काबुल एयरपोर्ट की दूसरी तस्वीर भी हैरान करने वाली है.10 फीट से ज्यादा ऊंची दीवार पर चढ़कर एक महिला पहले ने अपने बच्चे को सौंपा और फिर खुद भी दीवार पर चढ़ गई । अमेरिकी सैनिक ने भी महिला की मदद की और दोनों को एयरपोर्ट की दीवार के इस पार खींच लिया,ये तस्वीरें गवाह हैं कि अफगानिस्तान के लोगों में तालिबान का कितना ख़ौफ
काबुल पर तालिबान द्वारा तेज और अप्रत्याशित आक्रमण के चार दिन बाद अफगानिस्तान की राजधानी की सड़कों पर कोई महिला नजर नहीं आई।
अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां की आम जनता बेहद डरी हुई है। लोग किसी भी कीमत पर देश छोड़कर निकल जाना चाहते हैं। वहीं देर रात काबुल एयरपोर्ट पर उस समय अफरा-तफरी मच गई जब अचानक भीड़ पर अंधाधुंध फायरिंग होने लगी। देर रात हुई फायरिंग का वीडियो सामने आया है जिसमें गोली चलने की आवाज साफ सुनाई दे रही है। हालांकि इस फायरिंग में हताहत लोगों के बारे में फिलहार कोई सूचना नहीं है।
फायरिंग शुरू होते ही एयरपोर्ट पर एकदम से अफरा-तफरी मच गई। पुरुष, महिलाएं और बच्चे जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे।
जब यह विमान के खाड़ी देश कतर के अल उदैद हवाई अड्डा पर उतरने के बाद उसके पहिए में मानव अवशेष मिले थे। अमेरिकी वायु सेना ने कहा है कि उसका विशेष जांच कार्यालय सोमवार को काबुल हवाई अड्डा पर हुई दुर्घटना की जांच कर रहा है।
क्या दूसरा साइगॉन बन चुका है काबुल? क्योंकि, काबुल से अमेरिकी सैनिकों द्वारा हेलिकॉप्टर के जरिए अपने लोगों को बाहर निकालने की जो तस्वीरें सामने आई हैं, वह ठीक वैसी ही हैं जैसी 1975 में साइगॉन से अमेरिका के बाहर निकलने के वक्त आई थीं।
एयरपोर्ट के अंदर पूरी तरह तबाही का मंजर है। लोग अभी भी किसी तरह काबुल से बाहर निकलना चाहते हैं।
मंगलवार को जब भारतीय वायुसेना के C-17 विमान के जरिए भारतीय दल काबुल से भारत पहुंचा तो उसी दल के साथ तीनों कुत्तों को भी भारत लाया गया और फिलहाल उन्हें ITBP के छावला कैंप में रखा गया है।
आज का काबुल और अन्य शहर वैसे नहीं हैं जैसे 20 साल पहले के तालिबान शासन में थे जिसके लड़ाके मुख्यतः ग्रामीण इलाकों से आते हैं।
अफगानिस्तान में तालिबान का शिकंजा दिन-ब-दिन कसता जा रहा है। ऐसे में रूस, चीन और पाकिस्तान ने तालिबान को समर्थन भी कर दिया है। तालिबान को चीन, पाकिस्तान का खुलेआम समर्थन मिल गया है। अफगान संकट पर अमेरिकी राष्ट्रपति की सफाई भी आई है। राष्ट्रपति बायडेन ने मौजूदा संकट से पल्ला झाड़ लिया है।
काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की राजधानी में पैदा हुए मौजूदा हालात के मद्देनजर वहां स्थित भारतीय राजदूत और अन्य कर्मियों को लेकर भारतीय वायुसेना का एक विमान मंगलवार को काबुल से भारत रवाना हुआ।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान के कब्जे के पैदा हुए अफरातफरी के माहौल के बीच आज भारतीय वायुसेना का सी-17 मालवाहक विमान काबुल से भारतीय दूतावास के राजदूत सहित 148 लोगों को भारत लेकर पहुंचा।
सबसे आश्चर्य की बात तो ये रही कि पिछले दो दशकों के दौरान अमेरिका ने जिस सेना को ट्रेनिंग दी, उन्हें हाथियार और अन्य उपकरण उपलब्ध कराए, उसने इतनी जल्दी सरेंडर कर दिया।
इनामुल्लाह ने आगे कहा कि सरकार की संरचना पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, लेकिन अनुभव के आधार पर पूरी तरह से इस्लामी नेतृत्व होना चाहिए और सभी पक्षों को शामिल होना चाहिए।
पाकिस्तान चैनल से जब उनसे पूछा कि क्या तालिबान भारत के साथ अच्छे संबंध चाहता है तो सुहैल शाहीन ने कहा कि अगर उनके अधूरे प्रोजेक्ट्स जैसे डैम, सड़क हैं तो वो उन्हें पूरे करें
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