अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल के रिपोर्टर के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट सीरियल फिदायीन ब्लास्ट में 60 से ज्यादा अफगान नागरिकों की मौत हुई है। धमाके में 4 अमेरिकी मरीन कमांडो की भी मौत हो गई है। वहीं फॉक्स न्यूज ने दावा किया है कि काबुल एयरपोर्ट बम धमाकों में 10 अमेरिकी मरीन कमांडो की मौत हुई है।
इससे पहले दिन में कई देशों ने लोगों से एयरपोर्ट से दूर रहने की अपील की थी क्योंकि वहां आत्मघाती हमले की आशंका जताई गई थी।
काबुल एयरपोर्ट पर और भी हमला हो सकता है। काबुल एयरपोर्ट पर रॉकेट से हमला हो सकता है। काबुल एयरपोर्ट पर धमाके के बाद से अफरातरफी का माहौल है। काबुल से आईं तस्वीरों में लोगों को लहूलुहान और जान बचाकर भागते हुए देखा जा सकता है।
अफगानिस्तान को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन ने आज हमले की जो आशंका जताई थी वही हुआ है, अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार काबुल एयरपोर्ट पर विस्फोट हुआ है। एयरपोर्ट के Abbey गेट पर धमाका होने की खबर है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के प्रेस सेक्रेटरी की तरफ से बताया गया है कि काबुल एयरपोर्ट के बाहर धमाका हुआ है लेकिन उसमें कितना नुकसान हुआ है इसकी जानकारी अभी नहीं मिल पायी है।
काबुल एयरपोरर्ट पर गुरुवार शाम एक के बाद एक लगातार दो धमाके हुए हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट के Abbey गेट पर धमाका होने की खबर है। बताया जा रहा है कि कुल 2 हमलावर थे। एक ने खुद को बम से उड़ा लिया दूसरे ने फायरिंग की।
काबुल एयरपोर्ट के Abbey गेट पर धमाका होने की खबर है। बताया जा रहा है कि कुल 2 हमलावर थे। एक ने खुद को बम से उड़ा लिया दूसरे ने फायरिंग की। इस ब्लास्ट में तीन अमेरिकी सैनिकों के जख्मी होने की खबर है।
बता दें कि ब्रिटिश सरकार ने बृहस्पतिवार को चेतावनी दी थी कि इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान में काबुल हवाई अड्डे पर जमा लोगों को निशाना बनाकर हमला किए जाने की बहुत विश्वसनीय खुफिया रिपोर्ट है।
अफगानिस्तान में टोलो न्यूज को रिपोर्टर की तालिबान द्वारा हत्या की खबर अफवाह साबित हुई है। तालिबान के लोगों ने टोलो न्यूज रिपोर्टर के साथ मारपीट की थी जबकि हत्या की अफवाह उड़ा दी गई।
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की डेडलाइन 31 अगस्त तक की है। फिलहाल काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी सेना का नियंत्रण है और वहां से सारी उड़ानें उसी के मुताबिक संचालित हो रही हैं।
अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड ने अपने नागरिकों को एयरपोर्ट से सुरक्षित जगहों पर जाने और अगले आदेश का इंतजार करने को कहा है।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारतीय एयरफोर्स का विमान काबुल से 24 भारतीय और 11 नेपाली नागरिकों को लेकर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतर गया है।
काबुल से भारतीय वीजा वाले कई अफगान पासपोर्ट चोरी हो गए हैं और इसके पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ बताया जा रहा है।
मंगलवार को भारत आने वाले 78 लोगों में से अफगान सिख और हिंदुओं की संख्या 46 थी, जिनमें पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के तीन स्वरूप लाने वाले भी शामिल हैं। तीनों स्वरूपों को दिल्ली के काबुली गुरुद्वारा में रखवाया गया है।
क्या आप अफगान वापस जाएंगी? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "हालात के मुताबिक तय किया जाएगा, हमारी नजर से सुकून यह नहीं कि लड़ाई-झगड़ा न हो, बल्कि मेरी नजर में सुकून वो है, जिसमें लड़कियां पढ़ाई लिखाई करें, काम करें। वहीं उन्हें डर न हो कि कहीं बाहर निकलूं तो कुछ हो जाएगा। हमारा हक मिलना ही हमारे लिए सुकून है।"
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने प्रयास जारी रखने की प्रतिबद्धता जताते हुए स्वीकार किया कि वे निकासी अभियान की समयसीमा को बढ़ाने के संबंध में बाइडन को मनाने में नाकाम रहे।
अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद वहां के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और वहां पर अल्पसंख्यक हिंदू और सिखों पर अत्याचार की आशंका बढ़ गई है, यही वजह है कि अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं।
पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के तीन स्वरूपों को काबुल से दिल्ली लेकर आने वाले सरदार धर्मेंद्र सिंह और सरदार कुलराज सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय वायुसेना को मदद के लिए धन्यवाद किया है।
घर पहुंचते ही शैलेंद्र शुक्ला ने चैन की सांस ली और कहा कि वह उन 48 घंटों के दर्दनाक अनुभव को भूलना चाहते हैं, जो उन्होंने काबुल में खौफ के साए में रहते हुए बिताए।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचकर खुद जाकर तीनों प्रतियों को रिसीव किया है। सोमवार को तीनों प्रतियों को सुरक्षित काबुल एयरपोर्ट पहुंचाया गया था जिसके बाद आज उन्हें भारत पहुंचा दिया गया है।
भारत को धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा, "पूरे अफगानिस्तान की ओर से, मैं भारत के प्रति अपना अत्यंत आभार व्यक्त करना चाहती हूं और मैं आपको धन्यवाद कहना चाहती हूं। इन वर्षों में हमने महसूस किया है कि हमारे पड़ोस में एकमात्र अच्छा मित्र भारत है।"
संपादक की पसंद