अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर 15 अगस्त को कब्जा करने के करीब तीन सप्ताह बाद मंगलवार को तालिबान ने अंतरिम सरकार बनाने का ऐलान किया। तालिबान ने मुल्ला हसन अखुंद को नई सरकार में प्रधानमंत्री बनाने का ऐलान किया है। इसके साथ ही, मुल्ला बरादर को उप प्रधानमंत्री बनाने की घोषणा की गई है।
पाकिस्तान के खिलाफ फूटा अफगानियों का गुस्सा, दरअसल पंजशीर में हुए पाकिस्तानी हमले से नाराज लोगों ने पाकिस्तान की एंबेसी के बाहर जबरदस्त नारेबाजी करते पाकिस्तान के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार किया
प्रदर्शनकारियों के हाथों में पोस्टर्स थे, जिनपर पाकिस्तान के खिलाफ स्लोगन लिखे हुए थे। इस दौरान उन्होंने जमकर पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पाकिस्तान को अफगानिस्तान की सीमा से बाहर निकालने की मांग की।
तालिबान ने कहा है कि उसका पंजशीर क्षेत्र पर कब्जा हो गया है, लेकिन पंजशीर में तालिबान का विरोध कर रही सेनाओं का नेतृत्व करने वाले नेता अहमद मसूद ने एक ऑडियो मैसेज के जरिए कहा कि तालिबान के साथ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। अहमद मसूद ने ये भी कहा कि पंजशीर में अकेले तालिबान नहीं पाकिस्तान भी जंग लड़ रहा है और वह तालिबान का साथ दे रहा है।
तालिबान की तरफ से दावा किया जा रहा है कि पंजशीर पर पूरी तरह से कब्जा हो गया है, NRF ने इस दावे को फर्जी बताया है, लेकिन उन्होंने करीब-करीब अपनी हार स्वीकार ली है।
तालिबान राज में महिलाओं पर जुल्म कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार महिलाओं ने तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। राजधानी काबुल सहित कई शहरों से अबतक महिलाओं के प्रदर्शन की तस्वीरें सामने आ चुकी हैं।
काबुल में तालिबान ने पंजशीर घाटी में जीत का जश्न मानाने के लिए अंधाधुन हवाई फायरिंग की। लेकिन इस फायरिंग में 3 लोगों की मौत हो गई और कई बच्चे भी घायल हो गए।
तालिबान ने काबुल में नई सरकार का ऐलान एक हफ्ते कि लिए क्यों टाला, जानिए वजह । पंजाब विधानसभा के अंदर नजर आई सिद्धू-कैप्टन के बीच की दरार, सदन में अलग बैठे सिद्धू समर्थक । देखिए- आज की बात, रजत शर्मा के साथ।
बिन सलमान ने यह दिखाने की कोशिश की कि तालिबान अफगान लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असमर्थ हैं और यह साबित करता है कि तालिबान के तहत, अफगानिस्तान आतंकवाद का केंद्र होगा।
अफगानिस्तान, भारतीय चीनी निर्यात के लिए शीर्ष तीन गंतव्यों में से एक है। वहां हर वर्ष लगभग छह-सात लाख टन चीनी का निर्यात किया जाता है।
अमेरिकी सेना के काबुल छोड़ने के बाद देर रात अमेरिका के राष्ट्रपति Joe Biden ने पूरी दुनिया को संबोधित किया. अपने फैसले पर सफाई देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उनके पास काबुल छोड़ने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं था
सरकारी कर्मचारियों को महीनों से भुगतान नहीं किया गया है और स्थानीय मुद्रा का अवमूल्यन हो रहा है। अफगानिस्तान के अधिकांश विदेशी मुद्रा भंडार विदेशों में हैं और वर्तमान में उनके लेनदेन पर रोक है।
15 अगस्त तक अफगानिस्तान के अधिकतर क्षेत्रों में तालिबान का कब्जा हो चुका था और अमेरिका के नियंत्रण में सिर्फ काबुल एयरपोर्ट बचा था। लेकिन 30 अगस्त की रात को अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों की वापसी की पूरी होने की घोषणा कर दी... इस घोषणा के साथ ही सामने आई एक तस्वीर, जो हमेशा अमेरिका के जेहन में हार रूपी कांटे के रूप में चुभेगी।
जनरल केनेथ मैकेंजी ने कहा कि हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहले से मौजूद 73 विमानों को अमेरिकी सैनिकों ने वहां से रवाना होने से पहले ही तकनीकी तौर पर बेकार कर दिया
रविवार रात को काबुल एयरपोर्ट को निशाना बनाकर 5 रॉकेट दागे गए थे, जिन्हें अमेरिकी मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने इंटरसेप्ट कर नाकाम कर दिया।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि काबुल एयरपोर्ट को निशाना बनाकर 5 रॉकेट दागे गए थे, जिन्हें मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने इंटरसेप्ट कर नाकाम कर दिया। अमेरिका की तरफ से जारी किए गए एक बयान में बताया गया है कि NSA द्वारा इस रॉकेट अटैक को लेकर राष्ट्रपति को जानकारी दी गई है।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल आज सुबह एकबार फिर से कई धमाकों से थर्रा उठी। बताया जा रहा है कि ये धमाके रॉकेट के जरिए किए गए। न्यूज एजेंसी AFP के अनुसार, आज सुबह काबुल शहर में कई रॉकेट उड़ते सुनाई दिए, जिसके बाद धमाकों की आवाजें सुनाई दीं। ये हमला अमेरिका की तरफ से किया गया या आतंकियों की तरफ से ये अभी स्पष्ट नहीं है। कुछ अफगानी पत्रकारों का दावा है कि रॉकेट हमले एयरपोर्ट को निशाना बनाकर किए गए, जिन्हें Kabul airfield defense system ने समय रहते नाकाम कर दिया।
न्यूज एजेंसी AFP के अनुसार, आज सुबह काबुल शहर में कई रॉकेट उड़ते सुनाई दिए, जिसके बाद करीब चार जगहों पर अमेरिका द्वारा हमला किया गया।
काबुल एयरपोर्ट पर 26 अगस्त को शहीद हुए अमेरिकी जवानों के शवों को रिसीव करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन खुद पहुंचे
अफगानिस्तान के काबुल में एक अमेरिकी हवाई हमले में उस वाहन को निशाना बनाया गया, जिसमें इस्लामिक स्टेट के एक सहयोगी संगठन के कई आत्मघाती हमलावर सवार थे। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि ये आत्मघाती हमलावर काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अमेरिकी सेना के सैन्य निकासी अभियान को निशाना बनाना चाहते थे। अमेरिकी सेना ने इसकी पुष्टि की।
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