न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि काबुल एयरपोर्ट को निशाना बनाकर 5 रॉकेट दागे गए थे, जिन्हें मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने इंटरसेप्ट कर नाकाम कर दिया। अमेरिका की तरफ से जारी किए गए एक बयान में बताया गया है कि NSA द्वारा इस रॉकेट अटैक को लेकर राष्ट्रपति को जानकारी दी गई है।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल आज सुबह एकबार फिर से कई धमाकों से थर्रा उठी। बताया जा रहा है कि ये धमाके रॉकेट के जरिए किए गए। न्यूज एजेंसी AFP के अनुसार, आज सुबह काबुल शहर में कई रॉकेट उड़ते सुनाई दिए, जिसके बाद धमाकों की आवाजें सुनाई दीं। ये हमला अमेरिका की तरफ से किया गया या आतंकियों की तरफ से ये अभी स्पष्ट नहीं है। कुछ अफगानी पत्रकारों का दावा है कि रॉकेट हमले एयरपोर्ट को निशाना बनाकर किए गए, जिन्हें Kabul airfield defense system ने समय रहते नाकाम कर दिया।
अमेरिका ने अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट आतंकियों पर फिर ड्रोन हमला किया है रविवार को किए गए इस हमले में आत्मघाती हमलावरों के वाहन को निशाना बनाया गया है जो काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर हमला करने जा रहे थे।
काबुल एयरपोर्ट से खतरा अभी टला नहीं है। डेंजर जोन बना काबुल एयरपोर्ट पर फिर से फायरिंग की खबरें आ रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट पर रुक-रुक कर फायरिंग हो रही है। अमेरिका ने काबुल अटैक के साजिशकर्ता को ढेर करके बदला ले लिया है, लेकिन काबुल एयरपोर्ट पर एक बार फिर फायरिंग शुरू हो गई है। काबुल एयरपोर्ट पर रुक-रुककर फायरिंग हो रही है।
काबुल एयरपोर्ट पर कल रात हुए आतंकी हमले की ज़िम्मेदारी तालिबान ने नहीं बल्कि खुरासान ने ली है। तो क्या अब अफगानिस्तान में तालिबान और खुरासान के बीच जंग छिड़ने वाली है? देखिए कुरुक्षेत्र पंकज भार्गव के साथ।
काबुल एयरपोर्ट पर कल रात हुए हमले के तार पाकिस्तान से जुड़ने लगे हैं। इस हमले की प्लानिंग करने वाला एक पाकिस्तानी बताया जा रहा है। ऐसे में क्या ये हमला भारत के लिए सावधान होने का संकेत है?। देखिये मुक़ाबला अजय कुमार के साथ ।
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद देश से भाग रहे हजारों हताश लोगों को निशाना बनाकर किए गए दो आत्मघाती बम धमाकों के एक दिन बाद राजधानी काबुल से निकासी उड़ानें शुक्रवार को फिर से शुरू हो गईं।
इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत ने काबुल हवाई अड्डे पर फिदायीन हमलों की जिम्मेदारी ली है। इस संगठन ने दावा किया है कि अब्दुल रहमान अल-लोगरी इस हमले के फिदायीन हमलावरों में से एक है। इन हमलों में 60 अफगान समेत 13 अमेरिकी सुरक्षाबलों के जवान मारे गए हैं।
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