चंद्रयान-3 को 14 जुलाई 2023 के दिन श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। इससे पहले 2019 में 22 जुलाई को मिशन चंद्रयान 2 लॉन्च किया गया था। इसरो के पूर्व चीफ K Sivan ने मून मिशन(चंद्रयान-2) के लॉन्चिंग में अहम भूमिका निभाई थी।
गगनयान कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यान के माध्यम से मानव को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और फिर उन्हें धरती पर सुरक्षित वापस लाने की क्षमता का प्रदर्शन करने का है।
भारतीय अंतरिक्षण अनुसंधान संगठन (इसरो) अब केवल भविष्य की नई खोजों पर ही ध्यान देगा और अंतरिक्ष से जुड़ी अपनी ज्यादातर गतिविधियों को उद्योगों के हवाले कर देगा।
भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) द्वारा रविवार को सुबह 19 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी सूचना देते हुए कहा कि शनिवार सुबह 8.54 बजे से इसके लॉन्च होने की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के सिवन ने शनिवार को कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी अपने महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन ‘गगनयान’ के लिए ‘हरित प्रणोदक’ विकसित कर रही है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) श्रृंखलाबद्ध अभियानों की तैयारी कर रहा है जिसमें छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यानों का छोड़ा जाना शामिल है। इसरो के अध्यक्ष के.सिवन ने शनिवार को यह जानकारी दी।
वेबिनार में के सिवन ने कहा कि इसरो के निजीकरण जैसी कई गलत धारणाएँ हैं। मैं यह बताना चाहता हूं कि इसरो का कोई निजीकरण नहीं है।
कैबिनेट ने ग्रहों पर अन्वेषण के मिशन समेत अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बुधवार को अनुमति दी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के चेयरमैन के सिवन सम्बोधन कर रहे हैं।
साल 2020-2021 में ISRO ने 36 मिशन प्लान किये हैं, लेकिन कोरोना के चलते अधिकांश मिशन का प्रोगेस प्लान के मुताबिक नहीं हो पा रहा है, साथ ही इसरो के पहले मानव रहित मिशन में भी देरी की संभावना अब बढ़ गयी है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को मानवरहित अंतरिक्ष मिशन के लिए पहली बार ह्यूमनॉइड 'व्योम मित्र' का अनावरण किया।
ISRO चीफ के शिवन ने यह भी बताया कि चंद्रमा की सतह पर उतरने के अगले प्रयास चंद्रयान-3 के प्रोजेक्ट पर भी काम शुरू हो चुका है और यह प्रोजेक्ट तेजी से चल रहा है
इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा है कि तीसरे चंद्रयान मिशन को सरकार की मंजूरी मिल गई है और इससे संबंधित सभी गतिविधियां सुचारू रूप से चल रही हैं।
आखिर ऐसी क्या तकनीकी खामी आई थी जिस वजह से लैंडर विक्रम इतिहास रचने से चूक गया था? बुधवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष के शिवन ने इसके बारे में जानकारी दी
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