Prachanda took Oath as PM of Nepal: नेपाल के 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में मात्र 32 सीटें जीतकर भी पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ देश के नेए प्रधानमंत्री बन गए। उन्होंने सोमवार को नेपाल के नए प्रधानमंत्री पद की शपथ भी ले ली है।
New Government be Formed in Nepal: नेपाल के राष्ट्रीय चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। यहां 275 सीटों वाले प्रतिनिधि सभा में 89 सीटें जीतकर नेपाली कांग्रेस देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
Nepal's former PM KP Oli working behest of China: नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने चीन के इशारे पर फिर से भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया है। सत्ता में रहने के दौरान भी ओली ने चीन के कहने पर भारत से रिश्ते खराब कर लिए थे। अब नेपाल में 20 नवंबर को चुनाव होना है।
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने एक बार फिर भारत विरोधी सुर छेड़ा है। ओली ने एक चुनावी सभा में कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वह नेपाल के उन इलाकों को वापस लाएंगे जिनपर भारत अपना दावा करता है।
ओली ने टीके की पूरी खुराक ले रखी है, लेकिन अन्य बीमारियों के भी मरीज हैं और मार्च 2020 में उनका दूसरा गुर्दा प्रतिरोपण हुआ था। इस माह के शुरू में पूर्व प्रधानमंत्री और नेपाल के सत्तारूढ़ गठबंधन के वरिष्ठ नेता पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ भी कोरोना संक्रमित पाए गए थे।
ओली ने विश्वास जताया कि सीपीएन-यूएमएल अगले साल होने वाले आम चुनाव में सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत के रूप में उभरेगा।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, नेपाल की शीर्ष अदालत ने लगभग पांच महीनों में दूसरी बार भंग प्रतिनिधि सभा को बहाल कर दिया है।
निर्वाचन आयोग प्रतिनिधि सभा भंग करने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दाखिल याचिकाओं की वजह से बने अनिश्चितता के माहौल के बावजूद नवंबर में प्रस्तावित मध्यावधि चुनाव की तैयारी कर रहा है।
नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने प्रतिनिधि सभा को भंग करने के अपनी सरकार के विवादास्पद फैसले का बचाव किया और सुप्रीम कोर्ट को बताया कि प्रधानमंत्री नियुक्त करने की जिम्मेदारी न्यायपालिका के पास नहीं है क्योंकि वह राज्य के विधायी और कार्यकारी कार्य नहीं कर सकती।
देश में जारी राजनीतिक संकट और व्यापक आलोचनाओं के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने एक सप्ताह में दूसरी बार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया। पिछले महीने सदन में विश्वासमत प्राप्त करने में विफल रहने के बाद ओली अल्पमत की सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।
नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने राष्ट्रपति द्वारा प्रतिनिधि सभा को भंग किये जाने को उचित ठहराने की कोशिश करते हुए शुक्रवार को सभी राजनीतिक दलों से एक सर्वदलीय सरकार बनाने और नये चुनाव कराने का आग्रह किया।
नेपाल का राजनीतिक संकट शुक्रवार को और गहरा गया जब प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और विपक्षी दलों दोनों ने ही राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी को सांसदों के हस्ताक्षर वाले पत्र सौंपकर नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया।
नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बडा फैसला सुनाते हुए ओली सरकार के 7 मंत्रियों की नियुक्ति को असंवैधानिक करार देते हुए उनके मंत्री पद पर हुई नियुक्ति को रद्द कर दिया है।
नेपाल के सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को 4 रिट याचिकाएं दायर की गईं जिसमें प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली को फिर से शपथ दिलाने का अनुरोध किया गया है।
प्रतिनिधि सभा में महत्वपूर्ण विश्वास मत हारने के 3 दिन बाद राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने CPN-UML के 69 वर्षीय अध्यक्ष के. पी. शर्मा ओली को प्रधानमंत्री के रूप में फिर से नियुक्त किया।
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के विश्वासमत खोने के बाद राष्ट्रपति ने नेपाल में सरकार गठन की समयसीमा बृहस्पतिवार रात तक तय की थी, लेकिन नेपाल के राजनीतिक दल अपने धड़ों के बीच गुटबाजी के चलते अभी तक इस मामले पर कोई सहमति कायम नहीं कर पाए हैं।
राजनीतिक रूप से संकट का सामना कर रहे ओली के लिए इसे एक और झटका माना जा रहा है जो कम्युनिस्ट पार्टी नेपाल (माओवादी केंद्र) नीत पुष्पकमल दहल गुट द्वारा सरकार से समर्थन वापस लिए जाने के बाद पार्टी पर पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।
नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को सोमवार को ससंद के निचले सदन में अपना बहुमत साबित करने के लिए विश्वास मत में जीत हासिल करनी होगी। पुष्पकमल दहल ''प्रचंड'' नीत नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) द्वारा ओली सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद उन्हें निचले सदन में बहुमत साबित करना है।
नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएएमल) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) के 2018 में हुए विलय को रविवार को रद्द कर दिया।
सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिद्वंद्वी गुट के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो वह रविवार तक अपना पद छोड़ दें, नहीं तो संसद में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार रहें।
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