भारत ने कनाडा द्वारा खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाने के बाद से सख्त एक्शन लेना शुरू कर दिया है। इससे प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो अपने ही जाल में फंसते नजर आ रहे हैं। भारत की सख्त कार्रवाइयों ने कनाडा की बोलती बंद कर दी है।
कनाडा को उसी लहजे में जवाब देने के लिए मोदी सरकार ने बेहद सख्त एक्शन लिया है। कनाडा के एक शीर्ष राजनयिक को भारत से निष्कासित करने के बाद अब सरकार ने कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा सेवा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के बाद एनआइए की हिट लिस्ट में शामिल एक और गैंगस्टर सुक्खा दुनेके की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। कनाडा के एक गैंगवार के दौरान सुक्खा को 15 राउंड गोलियां मारी गईं। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
कनाडा में भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने खालिस्तान आंदोलन की निंदा की है और कहा है कि सरकार के हालिया रवैये से हिंदू समुदाय आतंकियों के लिए ‘आसान लक्ष्य’ बन गए हैं।
भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव चरम पर पहुंच गया है। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के उलटे-सीधे कदमों ने दोनों देशों के रिश्तों पर बुरा असल डाल दिया है। अब जी20 सम्मेलन के दौरान ट्रूडो द्वारा किए गए एक अन्य हैरानी वाले काम का खुलासा हुआ है।
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो (Canadian PM Justin Trudeau) के खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने वाले बयान के बाद से हलचल मच गई है. इस पर तमाम नेताओं समेत राजनयिकों की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रहीं हैं. इस बीच ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग (Australian FM Penny Wong) का रि
भारत और कनाडा के बीच तनातनी बढ़ गई है। इसी बीच इंडियन वर्ल्ड फोरम ने कनाडा में भारतीय प्रवासियों के खिलाफ हिंसा करने को लेकर सिख फॉर जस्टिस सहित गैरकानूनी संगठनों की कड़ी निंदा की है। साथ ही कनाडा और इन संगठनों को कड़ा जवाब भी दिया है।
अमेरिकन इंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ फेलो माइकल रुबिन ने जस्टिन ट्रूडो पर निशाना साधते हुए कहा है कि वह निज्जर की हत्या मामले में तो बयान दे रहे हैं, लेकिन करीमा बलूच के मर्डर पर संज्ञान तक नहीं लिया है।
भारत के खिलाफ वर्षों से कनाडा में रहकर आतंकी साजिश रचते आ रहे खालिस्तानियों के समर्थक पीएम जस्टिन ट्रुडो के अंदर कितना जहर भरा है, इसका खुलासा वॉशिंगटन पोस्ट के एक खुलासे ने कर दिया है। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में भारत पर आरोप लगाने वाले ट्रुडो ब्रिटेन और अमेरिका से निंदा कराना चाहते थे।
India Canada Tension: सिख अलगाववादी नेता की हत्या पर कनाडाई पीएम के बयान के बाद से देशभर से लोगों का गुस्सा सामने आ रहा है। अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा के अध्यक्ष एमएस बिट्टा ने कहा है कि वोटों के लिए खालिस्तानियों को संरक्षण दिया जा रहा है।
खालिस्तानी आतंकवादी और प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस का चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू भारत के खिलाफ साजिश रचने के कई मामलों को लेकर सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर है।
कनाडा द्वारा भारत सरकार पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाने और भारतीय राजनयिक को निकालने के कदम पर बवाल हो रहा है। भारत ने भी कनाडा पर कार्रवाई करते हुए उसके राजनयिक को निकाल दिया है।
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में खटास देखी गई। इस बीच कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो का मंगलवार को कहा कि भारत सरकार को इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लेने की जरूरत है।
Bharat Action On Canada: कनाडा को भारत का मुंह तोड़ जवाब
भारत सरकार ने भी कनाडा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। भारत सरकार ने भी एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को बर्खास्त कर दिया है और उन्हें 5 दिनों में देश छोड़ने का आदेश दिया है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराते हुए जांच की बात कही। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर भारत की नाराजगी मोल लेकर भी ट्रूडो निज्जर के मुद्दे पर इतने मुखर क्यों हैं?
भारत ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मुद्दे पर कनाडा सरकार द्वारा लगाए गए आरोपों को कड़ाई से खारिज करते हुए आतंकी तत्वों पर कार्रवाई की मांग की है।
हरदीप सिंह निज्जर को 2020 में भारत ने आतंकी घोषित किया था और 2022 में NIA ने उसके ऊपर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। खालिस्तानी आतंकी निज्जर की बीते 18 जून को कनाडा में हत्या हो गई थी।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हताशा भरा बयान देते हुए कहा है कि वह खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत के कनेक्शन की जांच करवा रहे हैं।
कनाडा में खालिस्तानियों के अलावा कोई भी भारतीय सुरक्षित नहीं रह गया है। कनाडाई सरकार खालिस्तानियों को गुप्त समर्थन देती आ रही है। कनाडा सरकार की यह मंशा उस वक्त भी जी-20 के दौरान नई दिल्ली में जाहिर हो गई, जब पीएम जस्टिन ट्रुडो ने खालिस्तानी गतिविधियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता करार दिया।
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