भारत और कनाडा के बीच तनाव एक बार फिर से काफी बढ़ता नजर आ रहा है। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के बेतुके आरोपों के बीच भारत सरकार ने कड़ा एक्शन लेते हुए 6 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है।
लाओस में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पीएम मोदी से संक्षिप्त समय के लिए मुलाकात की है। मगर इस दौरान दोनों नेताओं के बीच जस्टिन ट्रूडो की पूर्व टिप्पणियों को लेकर कोई ठोस चर्चा नहीं हुई।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के एक ऐलान से अब विदेशी लोगों को वहां नौकरी करना मुश्किल हो जाएगा। कनाडा में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं। ऐसे में कनाडा सरकार के फैसले से भारतीय लोगों पर असर पड़ने वाला है।
भारत ने अमेरिका की उस टिप्पणी का करारा जवाब दिया है, जिसमें उनकी ओर से पीएम मोदी के रूस दौरे की टाइमिंग और पुतिन को गले लगाने के मामले में उठाए गए सवाल का करारा जवाब दिया है। साथ ही पीएम जस्टिन ट्रूडो को धमकी मामले में दोहरा रवैया अपनाए जाने पर कनाडा को आईना दिखाया है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दिलजीत दोसांझ से खास मुलाकात की है। दोनों की मुलाकात की खूब चर्चा है। दिलजीत दोसांझ ने इस मुलाकात की झलकियां भी खुद लोगों को दिखाई हैं।
भारत ने आतंकवादियों का महिमामंडन करने वाले कनाडा को जमकर खरी-खोटी सुनाई है। वर्ष 1985 में हुए कनिष्क विमान बम विस्फोट की 39वीं बरसी पर भारत ने मारे गए सभी 329 लोगों के परिवारजनों के प्रति संवेदना और दुःख प्रकट किया। साथ ही कनाडा को इसके लिए जमकर लताड़ा।
इटली में हुए जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की मुलाकात के बाद कनाडाई अदालत का खालिस्तानियों पर एक महत्वपूर्ण फैसला आया है। कनाडा की अदालत ने पहली बार खालिस्तानियों आतंकियों के खिलाफ फैसला सुनाते हुए उनकी अपील को खारिज कर दिया है।
भारत में नई सरकार के गठन और G7 समिट में पीएम मोदी से मुलाकात के बाद कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के सुर बदले हुए नजर आ रहे हैं। कनाडा भारत से विभिन्न मुद्दों परे बात करना चाहता है।
इटली के जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बीच मुलाकात के दौरान क्या बातचीत हुई थी। इस बारे में कोई नहीं जानता। मगर अब ट्रूडो ने बताया कि उन्होंने पीएम मोदी को तीसरी बार निर्वाचित होने की बधाई दी। साथ ही भारत के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जाहिर की।
लोकसभा चुनाव में एनडीए की जीत के बाद बधाई देने वाले देशों में कनाडा भी था। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने नरेंद्र मोदी को जीत पर बधाई दी थी। अब प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्रूडो को जवाब दिया है।
लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की जीत पर कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने प्रतिक्रिया दी है। ट्रूडो ने अपने बधाई संदेश में 'मानवाधिकारों, विविधता और कानून के शासन' जैसी बातें कहीं। इसके बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर ट्रूडो की क्लास लगा दी।
भारत ने कनाडा को एक बार फिर जमकर खरी-खोटी सुनाई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा भारत विरोधी अपराधियों को अपने यहां पनाह देता है। भारत के कई प्रत्यर्पण अनुरोध कनाडा के पास लंबित हैं, जिस पर उसने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।
भारत की ओर से आतंकवादी घोषित किए गए खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में 3 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कनाडा फिर खुद से नियंत्रण खोने लगा है। ऐसे में भारत ने पीएम जस्टिन ट्रूडो को उन्हें उनकी सीमा याद दिलाई है। साथ ही कनाडा में आपराधिक और अलगाववादी तत्वों को पनाह देना बंद करने की चेतावनी दी है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले का जिक्र किया है। वह संसद द्वारा चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप मामले में गठित समिति के सामने गवाही दे रहे थे। जांच में इसमें चीन का नाम सामने आ रहा है।
भारत पर शक करने वाले जस्टिन ट्रूडो को उनके ही देश के जांच आयोग ने बड़ा झटका दिया है। कनाडा के जांच आयोग ने ट्रूडो के उन आरोपों को खारिज कर दिया है, जिसमें वह भारत पर शक जाहिर कर रहे थे। आयोग की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि वह काम भारत ने नहीं, चीन ने किया है।
कनाडा ने भारत और पाकिस्तान पर बड़ा आरोप लगाया है और कहा है कि दोनों देशों ने कनाडा में हुए चुनावों में हस्तक्षेप करने की कोशिश की थी। इस आरोप का भारत ने जवाब दिया है।
मारे जा चुके खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के सहयोगी के घर भी अज्ञात हमलावरों ने बृहस्पतिवार को गोलियों की बौछार कर दी। इससे कनाडा में एक बार फिर हड़कंप मच गया है। घटना के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है।
भारत से रार ठानना कनाडा को बहुत भारी पड़ने लगा है। इस वर्ष कनाडा में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 86 फीसदी तक की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इससे कनाडा को बड़ा आर्थिक नुकसान होने का अंदेशा है। अब ये छात्र विकल्प के रूप में अमेरिका को चुन रहे हैं।
कनाडा में सक्रिय भारत विरोधी तत्वों और खालिस्तानी अलगाववादियों और आतंकियों को लेकर विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो को कानून का शासन याद दिलाया है। भारत ने कनाडा से ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से ही तनाव चल रहा है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अमेरिका की ओर से भी भारत पर ऐसे ही आरोप लगाए जाने के बाद फिर अपने कथन को दोहराया है। उन्होंने कहा कि अब उन्हें बात समझ आने लगी है। पहले से भारत का रुख नरम पड़ा है। जबकि पहले ऐसा नहीं था। ट्रूडो ने कहा कि हम हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में मामले में भारत से जांच में सहयोग चाहते हैं।
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