खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर मामले में कनाडा ने फिर पलटी मार ली है। कनाडा के प्रधानमंत्री की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि उसके पास भारतीय नेताओं अधिकारियों के खिलाफ हरदीप निज्जर की हत्या मामले में कोई सुबूत नहीं हैं।
ब्राजील के G-20 में शिखर सम्मेलन में एक वक्त ऐसा आया, जब अमेरिकी राष्ट्रपति के अगल-बगल कनाडा और भारत के पीएम खड़े थे। मगर इस दौरान बाइडेन ने पीएम मोदी को ज्यादा महत्व दिया। इससे ट्रूडो टेंशन में पड़ गए।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने स्वीकार किया है कि उनकी सरकार से इमिग्रेशन पॉलिसी में चूक हुई है। सरकार की गलती के चलते कई लोगों ने अपने फायदे के लिए सिस्टम का इस्तेमाल किया।
कनाडा में पुलिस हिंदू समुदाय पर दबाव बनाती हुई नजर आ रही है। कनाडा पुलिस हिंदुओं के साथ भेदभाव कर रही है। पुलिस की ओर से सुरक्षा के बदले पैसे की मांग की गई है।
भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में पिछले कई महीनों से गतरोध है। जस्टिन ट्रूडो सरकार कई ऐसे फैसले ले रही है, जिसका असर सीधे तौर पर वहां रहे रहे भारतीय मूल के लोंगों या हायर एजूकेशन के लिए कनाडा जाने वाले छात्रों पर पड़ रहा है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ओटावा में खालिस्तानियों के होने का सच स्वीकार लिया है। ट्रूडो ने यह माना है कि कनाडा में काफी संख्या में खालिस्तानी समर्थक हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सारे खालिस्तानी सिखों का प्रतिनिधित्व नहीं करते।
कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए हमले को लेकर ऑस्ट्रेलिया और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के संयुक्त बयान की खबर दिखाए जाने पर ट्रूडो ने जिस ऑस्ट्रेलिया टूडे को ब्लॉक किया था, अब उसकी प्रतिक्रिया सामने आई है। ऑस्ट्रेलिया टुडे ने कनाडा के इस कदम की कड़ी निंदा की है।
टेस्ला के CEO एलन मस्क ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के सियासी भविष्य पर बड़ा बयान दिया है। बता दें कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के पीछे मस्क का भी बड़ा योगदान माना जा रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद दुनिया के कई देशों के भीतर सरकार में तनाव का माहौल हो गया है। खुद अमेरिका के पड़ोसी देश कनाडा ने भी अब इस मामले में बड़ा कदम उठाया है।
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को जस्टिन ट्रूडो सरकार की आलोचना की क्योंकि उसने विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनकी ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग के कैनबरा में प्रेस वार्ता के दौरान एक ऑस्ट्रेलियाई मीडिया आउटलेट को ब्लॉक कर दिया था।
कनाडा में हिंदुओं पर हो रहे हमले की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। अब विदेश मंत्री जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया में खड़े हो कर कनाडा को लताड़ लगाई है। आइए जानते हैं कि उन्होंने क्या कहा।
कनाडा के ब्रैम्पटन में स्थित हिंदू सभा मंदिर में बीते दिन खालिस्तानी चरमपंथियों ने हमला कर दिया था। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें मंदिर के बाहर एक पुलिस अधिकारी भी खालिस्तानियों के साथ प्रदर्शन कर रहा था।
आज कनाडा से परेशान करने वाली खबर आई....खालिस्तानियों में मंदिर में घुसकर हिन्दुओं पर हमला किया....हिन्दुओं को पीटा गया....और कनाडा की पुलिस तमाशा देखती रही....हैरानी की बात ये है कि खालिस्तानी मंदिर में घुसे....लाठी डंडों से हिन्दुओं पर हमला खालिस्तानियों ने किया...घायल हिन्दू हुए...और कनाडा की पुलि
कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए हमले को लेकर देश के लोगों में गुस्सा है। सीधे तौर पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर निशाना साधा जा रहा है। वहीं, अब केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने जस्टिन ट्रूडो को लेकर बड़ी बात कही है।
Canada Hindu Temple Attack | खालिस्तानियों ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर हमल किया। हिंदू श्रद्धालुओं को दौड़ा-दौड़ाकर लाठियों से पीटा गया। हालांकि पीएम Justin Trudeau ने घटना पर दुख जाहिर किया है। देखिए क्या है पूरा मामला।
भारत और कनाडा के बीच संबंधों में और ज्यादा तनाव बढ़ सकता है। ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला कर के वहां लोगों के साथ मारपीट की है।
कनाडा के ब्रैम्पटन में खालिस्तानियों ने भयंकर उत्पात मचाया है। खालिस्तान समर्थकों ने मंदिर में घुसकर लोगों पर लाठियों से हमला किया है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अप्रवासियों की संख्या कम करने की बात कही है। कनाडा सरकार का यह कदम अप्रवासियों के मुश्किलें खड़ी कर सकता है। अब अप्रवासियों के लिए कनाडा में नौकरी पाना और बसना मुश्किल हो जाएगा।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने साफ कर दिया है कि वह फिर से चुनाव लड़ेंगे और लिबरल पार्टी का नेतृत्व करेंगे। ट्रूडो ने यह फैसला उस समय लिया है जब उनकी पार्टी के अंदर ही बगावत नजर आ रही है।
कनाडा ने भारत के मोस्टवांटेड आतंकी गोल्डी बरार का नाम अपनी वांछितों की लिस्ट से अचानक बाहर निकाल दिया है। इससे कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मंशा को आसानी से भांपा जा सकता है। कनाडा हमेशा से भारत विरोधी तत्वों का समर्थक रहा है।
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