उन्होंने कहा कि विधायी प्रक्रिया द्वारा अदालती फैसलों में अवरोध पैदा करने के उदाहरण पहले भी रहे हैं।
एक अभूतपूर्व संवाददाता सम्मेलन में तीन अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों का नेतृत्व करने वाले सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज जस्टिस जे . चेलमेश्वर शीर्ष अदालत में करीब सात साल रहने के बाद शुक्रवार को सेवानिवृत्त होंगे।
न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने 12 जनवरी को तीन अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीशों के साथ विवादास्पद संयुक्त प्रेस कांफ्रेस की थी। इस प्रेस कांफ्रेंस में न्यायालय में मुकदमों के आबंटन और इसके कामकाज को लेकर प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ गंभीर आरोप लगाये गये थे।
सरकार ने 26 अप्रैल को न्यायमूर्ति के एम जोसफ को सर्वोच्च न्यायालय के जज के तौर पर प्रोन्नत करने की कॉलेजियम की सिफारिश पुनर्विचार के लिये लौटा दी थी।
जस्टिस जे चेलमेश्वर ने रिटायर होने के मौके पर उनके सम्मान में 18 मई को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित किए जा रहे विदाई कार्यक्रम का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है...
जस्टिस जे . चेलमेश्वर ने आज कहा कि महाभियोग हर सवाल या समस्या का जवाब नहीं हो सकता और प्रणाली को दुरूस्त किए जाने की जरूरत है।
I think all 4 judges should be impeached, they have no business to sit there and deliver verdicts anymore. This trade unionism is wrong.
We collectively tried to persuade CJI that certain things aren't in order so take remedial measures but unfortunately our efforts failed: Justice J.Chelameswar
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