अप्रैल 2019 में अमेरिका ने विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे पर हैकिंग की साजिश रचने का आरोप लगाया था। 23 मई 2019 को अमेरिका की ग्रैंड ज्यूरी ने असांजे के खिलाफ जासूसी के 17 केस दर्ज किए हैं।
जूलियन असांजे पर अमेरिका ने जासूसी का आरोप लगाया है। असांजे को अमेरिका भेजने के मामले में ब्रिटिश कोर्ट आज फैसला सुनाएगा। अमेरिका ने ब्रिटिश कोर्ट को आश्वासन दिया है कि वे असांजे को मौत की सजा नहीं देंगे।
जासूसी के आरोपों में लंदन की जेल में बंद विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे पर ब्रिटेन की अदालत फैसला सुना सकती है। गत 13 वर्षों से वह कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। अब इस बात पर फैसला होना है कि क्या उन्हें अमेरिका प्रत्यर्पित किया जा सकता है या नहीं।
UK News: ब्रिटेन की सरकार ने शुक्रवार को विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के अमेरिका प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी। अमेरिका भेजे जाने से बचने के लिए असांजे की वर्षों तक चली कानूनी लड़ाई में यह एक बड़ा मोड़ है।
विकीलीक्स के फाउंडर जूलियन असांजे के केस में ब्रिटेन की अदालत ने उन्हें अमेरिका को सौंपने की मंजूरी दे दी है। उन पर इराक और अफगानिस्तान में युद्ध से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने को लेकर अमेरिका में केस चल रहा है। यदि वे दोषी पाए गए तो कम से कम 175 साल की सजा हो सकती है।
निचली अदालत ने कहा था कि यदि असांजे को प्रत्यर्पित किया गया तो अपनी कमजोर मानसिक स्थिति के चलते उनके आत्महत्या करने का खतरा है।
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