प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर कहा कि न्यायपालिका ने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हुए राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा की है।
सीएम अशोक गहलोत ने न्यायपालिका पर भ्रष्टाचार और केंद्रीय एजेंसियो पर भी कई तरह के आरोप लगाए थे। हालांकि, अब उन्होंने सफाई दी है।
गहलोत ने कहा, मैंने कई नामों की सिफारिश भी की है, जो जज बन गए, लेकिन मैंने बाद में उनसे संपर्क नहीं किया। मैंने न्यायपालिका, आरपीएससी (राजस्थान लोक सेवा आयोग), या एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) में कभी हस्तक्षेप नहीं किया।
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका को छोड़कर सारे संस्थान पर सरकार का कब्जा हो चुका है। अगर सरकार न्यायपालिका पर भी कब्जा कर ले तो संविधान का क्या होगा?
PM Modi: पीएम ने कहा, ‘‘न्याय में देरी एक ऐसा विषय है, जो भारत के नागरिकों की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। हमारी न्यायपालिकाएं इस दिशा में काफी गंभीरता से काम कर रही हैं।''
Nitin Gadkari: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि लोकतंत्र के लिए निष्पक्ष न्यायिक सिस्टम सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने लोकतंत्र के चार स्तंभों- विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया की तारीफ की।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘संविधान में, प्रत्येक संस्था का अपना परिभाषित स्थान होता है जिसके भीतर वह कार्य करती है।’
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