जोशीमठ में नई दरारें पड़ने से इलाके में हड़कंप मच गया है। दरअसल ये नई दरारें बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर देखी गई हैं। इन्हें देखने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है और लोग डरे हुए नजर आ रहे हैं।
जोशीमठ में शुक्रवार को हुई बर्फबारी के बाद एक ओर जहां ठंड बढ़ गई है वहीं जमीन धंसने के कारण धंस चुके बिजली के खंभों और ट्रांसफॉर्मर की वजह से जोशीमठ पर बिजली का संकट गहराने का खतरा है।
जोशीमठ में अभी 84 गर्भवती रह रही हैं, जिनमें 18 महिलाएं ऐसी हैं, जिनका प्रसव 15 फरवरी तक होना है। सुरक्षित प्रसव के लिए यहां तीन एंबुलेंस और 108 सेवा की एंबुलेंस की चौबीसों घंटे के लिए तैनाती की गई है।
इंडिया टीवी एक बार फिर सुई गांव पहुंचा। बातचीत के दौरान यहां के लोगों ने समस्याएं बताई। अपना घर देखने आई एक महिला ने कहा कि 'होटल में दूध नहीं मिल रहा। बच्चे छोटे हैं। 1 लाख 40 हजार से क्या होगा हम सब कुछ खो चुके हैं।'
जोशीमठ में सरकारी भवनों पर बुलडोजर चलने लग गया है. वो सरकारी भवन जो पूरी तरह से खतरे की जद में आ गए थे, जिनमें बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गईं थी अब वो सभी इमारतें ढ़ाही जा रही हैं. इन सब के बीच जोशीमठ के लोग बहुत डजरे हुए हैं.
अभी समस्या दो इलाकों में रहने वाले 15 लोगों और कुछ अन्य लोगों के घरों में मौजूद है। विधीचंद्र मोहल्ले के मूलचंद्र अग्रवाल, जिनके घर में दरारें आ रही हैं, कहते हैं कि इस घर में हमने अपनी पूरी जिंदगी की कमाई लगा दी है, अब समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें।
जोशीमठ में घरों और होटल्स में दारारें आने के बाद अब PWD के दो गेस्ट हाउस भी उसकी जद में आ गए हैं। दोनों गेस्ट हाऊस का भवन तिरछा हो गया है और उसकी दीवारों में दरारें आ चुकी हैं, जिसके बाद उसे आज से ध्वस्त करने की तैयारी है।#johsimathdemoltion
Joshimath: उत्तराखंड के बद्रीनाथ मंदिर को लेकर हिंदुओं की गहरी आस्था है। ऐसे में इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि लाखों सालों बाद बद्रीनाथ मंदिर जोशीमठ के करीब स्थापित हो जाएगा और फिर वही जगह भगवान विष्णु का स्थान होगा।
जोशीमठ में घरों, सड़कों और खेतों में दरारें लगातार बढ़ रही हैं। इतना ही नहीं यहां पर जमीन से अचानक पानी भी निकलने लगा है। इस बीच एक सदियों पुरानी भविष्यवाणी की चर्चा खूब हो रही है। आइए जानते हैं।
जोशीमठ में प्रवेश करने के बाद तीर्थयात्री बद्रीनाथ आने-जाने वाले वाहनों से यहां वन-वे रास्ते का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन जोशीमठ में जारी भू-धंसाव संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। यहां सैंकड़ों घरों और सड़कों में दरारें आ गई हैं, जिसके चलते धाम बद्रीनाथ तक ले जाने के रास्ते पर सवाल उठ रहे हैं।
Joshimath के लोगों पर जमीन और पहाड़ से आने वाले खतरों के बाद अब आसमानी आफत बढ़ गई है। मौसम विभाग ने जोशीमठ और उत्तराखंड के कई शहरों में अगले चार दिन बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है।#joshimathweather #joshimathsinking
12 किलोमीटर की सुरंग में 8 किलोमीटर ड्रिल बोरिंग और बाकी ब्लास्टिंग से बनाया जाएगा। एनटीपीसी तपोवन के चीफ जीएम आरपी अहिरवार ने ये बयान दिया है। ऐसे में सवाल फिर उठने लगे हैं कि ऐसा हालात में क्या ब्लास्ट करना सही कदम है?
'जोशीमठ बचाओ' संघर्ष समिति ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। संघर्ष समिति ने कहा, ‘केंद्र सरकार जोशीमठ के राहत, पुनर्वास और स्थिरीकरण के काम को अपने हाथ में लेकर त्वरित गति से कार्रवाई करे ताकि लोगों का जीवन और हित सुरक्षित रहे।’
Hearing On Joshimath Crisis: दरारों की दहशत और पलायन से दर्द से जूझ रहे जोशीमठ के लिए आज का दिन काफी अहम है। आज Supreme Court में जोशीमठ पर अहम सुनावई है। सुप्रीम कोर्ट आज ये तय करेगा कि जोशीमठ राष्ट्रीय आपदा है या फिर नहीं, दोपहर 2 बजे सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनवाई शुरू करेगा।
उत्तराखंड सरकार का का दावा है कि बीते 72 घंटों में किसी मकान में नई दरार देखने को नहीं मिली है, लोगों को घबराने की जरुरत नहीं हैं। लेकिन तथास्तु होटल की दीवारों में आई दरारें सरकार की चिंता जरूर बढ़ा सकती है।
आज Supreme Court में जोशीमठ में भू-धंसाव संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए कोर्ट के दखल देने वाली याचिका पर सुनवाई होगी।#joshimath #supremecourtonjoshimath #uttarakhand
जोशीमठ के लोगों पर डबल अटैक हुआ है. घरों में आई दरारें जहां तेजी से बढ़ रही है. वहीं बारिश के बाद पानी का रिसाव भी तेज हो गया है.
जोशीमठ के धंसने की जहां से शुरुआत एक साल पहले हुई थी, इंडिया टीवी उस गांव में पहुंचा है।
Joshimath Land Sinking: जोशीमठ में पल-पल संकट गहरा होता जा रहा है। धीरे-धीरे घरों की दरारें चौड़ी हो रही हैं। पहाड़ पर हो रही बारिश और बर्फबारी की वजह से भू-धंसाव का ख़तरा बढ़ता जा रहा है।
पंजाब के जालंधर से कांग्रेस सांसद चौधरी संतोख सिंह का आज निधन हो गया है. वे भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए थे जहां वे अचानक बीमार पड़ गए थे.
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