Joshimath के हालात से निपटने के लिए आज से जल शक्ति मंत्रालय की टीम अपना सर्वे का काम शुरू करेगी। वहीं, आज गृह मंत्रालय से भी एक टीम Joshimath पहुंच रही है जो हालात का जायजा लेगी। #joishimath #joshimathsinking #rajanthsingh
क्या जोशीमठ में रह रहे लोगों को शिफ्ट कराना ही होगा? क्या पूरा जोशीमठ देहरादून शिफ्ट होगा? क्या है सरकार का प्लान? क्या है लोगों के मन में ? देखिए इस रिपोर्ट में..
जोशीमठ को बचाने का एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है. सरकार ने लोगों को शिफ्ट करवाने के लिए प्रशासन को आदेश दिया है. लोगों को शिफ्ट करने का काम शुरू भी हो चुका है.
जोशीमठ बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच कई पगडंडियों और प्राचीन मार्गों का प्रवेश द्वार है। यहां पहुंचने के लिए आप ट्रेन, प्राइवेट टैक्सी और बस से पहुंच सकते हैं।
जोशीमठ के कई इलाकों में आ रही दरारों और जमीन के धंसाव को लेकर लोगों में दहशत के साथ ही आक्रोश भी है। इसी बीच उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार समस्या से निपटने के लिए एक्शन के मोड में आ गई है। इसके चलते 81 लोगों को अब तक शिफ्ट किया जा चुका है। आपात मीटिंग में कई अहम निर्णय लिए गए हैं।
अगस्त 2022 से उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार, जोशीमठ के धंसने में भूगर्भीय कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अत्यधिक भारी बारिश और बाढ़ ने भी जोशीमठ के धंसने में योगदान दिया है।
जोशीमठ में घरों और ज़मीन पर पड़ी दरारें हर घंटे चौड़ी होती जा रही हैं। प्रशासन ने डेंज़र ज़ोन के घरों पर लाल निशान लगा दिए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है।
आपदा की दृष्टि से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है। यहां कभी भूकंप से तबाही मचती है, तो कभी जलप्रलय से इस बार भगवान बदरीनाथ धाम के प्रवेशद्वार जोशीमठ से आपदा की आहट आ रही है। यहां घरों पर दरारें पड़ गई हैं, जमीन के नीचे पानी की हलचल साफ सुनाई दे रही है।
Uttarakhand के Joshimath में जमीन धंसने का सिलसिला जारी है। इस बीच राज्य सरकार की एक्सपर्ट की सर्वे रिपोर्ट भी आ गई है। इस बीच आज केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की एक्सपर्ट टीम जोशीमठ पहुंच रही है। #joshimathsinking #joshimath
प्रदेश सरकार ने रिपोर्ट के आधार पर जोशीमठ शहर में जानमाल की सुरक्षा के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। शहर के लगभग डेढ़ किलोमीटर के भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र को आपदाग्रस्त घोषित किया गया है।
भू-धंसाव का क्षेत्र अब सेना और आईटीबीपी के कैंप की ओर भी बढ़ना शुरू हो गया है। कैंप की सड़क धंसने के साथ ही सीमा को जोड़ने वाला मलारी हाईवे धंस गया है।
Joshimath Sinking: Uttarakhand के Joshimath शहर में आई आपदा पर आज बहुत बड़े एक्शन का दिन है। पहाड़ से खिसक कर नीचे की तरफ जा रहे जोशीमठ को बचाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय एक्टिव हो गया है। जोशीमठ मामले में आज PMO की एक हाईलेवल मीटिंग होने वाली है।
जोशीमठ संकट को लेकर पीएमओ ने हाई लेवल मीटिंग बुलाई है। पीएम के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा आज दोपहर पीएमओ में कैबिनेट सचिव, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा करेंगे।
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Kurukshetra: देश के प्रधानमंत्री और एक मुख्यमंत्री का सारा ध्यान इस वक्त एक शहर पर टिका हुआ है | केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की पूरी ताकत एक शहर की चिंता दूर करने में जुटी है |
क्या जोशीमठ तबाही लाएगा, दूसरे शहरों का नंबर आएगा ? क्या एक शहर जलसमाधि लेने वाला है ?
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