Doda Cracks: Jammu & Kashmir के डोडा से एक डराने वाली खबर आई है। डोडा में नई बस्ती नाम के गांव की हस्ती मिटने वाली है। जिस जगह ये गांव बसा है, वहां की ज़मीन खिसक रही है। ज़मीन धंसने से गांव के कई घरों में इतनी बड़ी दरारें आ गई हैं कि उन्हें खाली करना पड़ रहा है
डोडा के एसएसपी अब्दुल कयूम ने कहा, अब तक 19 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। चट्टानों को ढीले होने के कारण भूस्खलन हुआ। कयूम ने कहा कि भूवैज्ञानिकों और इंजीनियरों की एक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है।
अब एनडीएमए ने 4 फरवरी को इन संस्थानों की बैठक बुलाई है। इसमें जोशीमठ को लेकर संस्थानों की प्रारंभिक रिपोर्ट के साथ ही वर्तमान स्थिति के संबंध में चर्चा होगी।
केंद्र सरकार ने कहा कि जोशीमठ में भू-धसाव से पहले तपोवन में हिमस्खलन और बाढ़ की घटनाएं हुई थीं। इसकी वजह से बिजली परियोजना का काम रोकना पड़ा था। मोदी सरकार ने कहा कि जोशीमठ और उसके आस पास कोई जल विद्युत परियोजना नहीं है।
जोशीमठ में अभी दरारों वाले भवनों की संख्या 863 है। इनमें सें 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं। जेपी परिसर जोशीमठ में पानी का रिसाव 540 एलपीएम से घटकर वर्तमान में 170 एलपीएम हो गया है।
उत्तराखंड में केवल जोशीमठ ही नहीं बल्कि सैकड़ों ऐसी जगह है जहां पर बड़ी-बड़ी दरारें आ रखी हैं। लोगों की जान और उनके घर, मकान पूरे के पूरे गांव खतरे की जद में हैं। पिथौरागढ़ का भी एक ऐसा गांव है जो दरारों का दंश झेल रहा है।
जोशीमठ में नई दरारें पड़ने से इलाके में हड़कंप मच गया है। दरअसल ये नई दरारें बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर देखी गई हैं। इन्हें देखने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है और लोग डरे हुए नजर आ रहे हैं।
जोशीमठ में शुक्रवार को हुई बर्फबारी के बाद एक ओर जहां ठंड बढ़ गई है वहीं जमीन धंसने के कारण धंस चुके बिजली के खंभों और ट्रांसफॉर्मर की वजह से जोशीमठ पर बिजली का संकट गहराने का खतरा है।
जोशीमठ में अभी 84 गर्भवती रह रही हैं, जिनमें 18 महिलाएं ऐसी हैं, जिनका प्रसव 15 फरवरी तक होना है। सुरक्षित प्रसव के लिए यहां तीन एंबुलेंस और 108 सेवा की एंबुलेंस की चौबीसों घंटे के लिए तैनाती की गई है।
इंडिया टीवी एक बार फिर सुई गांव पहुंचा। बातचीत के दौरान यहां के लोगों ने समस्याएं बताई। अपना घर देखने आई एक महिला ने कहा कि 'होटल में दूध नहीं मिल रहा। बच्चे छोटे हैं। 1 लाख 40 हजार से क्या होगा हम सब कुछ खो चुके हैं।'
जोशीमठ में सरकारी भवनों पर बुलडोजर चलने लग गया है. वो सरकारी भवन जो पूरी तरह से खतरे की जद में आ गए थे, जिनमें बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गईं थी अब वो सभी इमारतें ढ़ाही जा रही हैं. इन सब के बीच जोशीमठ के लोग बहुत डजरे हुए हैं.
अभी समस्या दो इलाकों में रहने वाले 15 लोगों और कुछ अन्य लोगों के घरों में मौजूद है। विधीचंद्र मोहल्ले के मूलचंद्र अग्रवाल, जिनके घर में दरारें आ रही हैं, कहते हैं कि इस घर में हमने अपनी पूरी जिंदगी की कमाई लगा दी है, अब समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें।
जोशीमठ में घरों और होटल्स में दारारें आने के बाद अब PWD के दो गेस्ट हाउस भी उसकी जद में आ गए हैं। दोनों गेस्ट हाऊस का भवन तिरछा हो गया है और उसकी दीवारों में दरारें आ चुकी हैं, जिसके बाद उसे आज से ध्वस्त करने की तैयारी है।#johsimathdemoltion
Joshimath: उत्तराखंड के बद्रीनाथ मंदिर को लेकर हिंदुओं की गहरी आस्था है। ऐसे में इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि लाखों सालों बाद बद्रीनाथ मंदिर जोशीमठ के करीब स्थापित हो जाएगा और फिर वही जगह भगवान विष्णु का स्थान होगा।
जोशीमठ में घरों, सड़कों और खेतों में दरारें लगातार बढ़ रही हैं। इतना ही नहीं यहां पर जमीन से अचानक पानी भी निकलने लगा है। इस बीच एक सदियों पुरानी भविष्यवाणी की चर्चा खूब हो रही है। आइए जानते हैं।
जोशीमठ में प्रवेश करने के बाद तीर्थयात्री बद्रीनाथ आने-जाने वाले वाहनों से यहां वन-वे रास्ते का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन जोशीमठ में जारी भू-धंसाव संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। यहां सैंकड़ों घरों और सड़कों में दरारें आ गई हैं, जिसके चलते धाम बद्रीनाथ तक ले जाने के रास्ते पर सवाल उठ रहे हैं।
Joshimath के लोगों पर जमीन और पहाड़ से आने वाले खतरों के बाद अब आसमानी आफत बढ़ गई है। मौसम विभाग ने जोशीमठ और उत्तराखंड के कई शहरों में अगले चार दिन बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है।#joshimathweather #joshimathsinking
12 किलोमीटर की सुरंग में 8 किलोमीटर ड्रिल बोरिंग और बाकी ब्लास्टिंग से बनाया जाएगा। एनटीपीसी तपोवन के चीफ जीएम आरपी अहिरवार ने ये बयान दिया है। ऐसे में सवाल फिर उठने लगे हैं कि ऐसा हालात में क्या ब्लास्ट करना सही कदम है?
'जोशीमठ बचाओ' संघर्ष समिति ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। संघर्ष समिति ने कहा, ‘केंद्र सरकार जोशीमठ के राहत, पुनर्वास और स्थिरीकरण के काम को अपने हाथ में लेकर त्वरित गति से कार्रवाई करे ताकि लोगों का जीवन और हित सुरक्षित रहे।’
Hearing On Joshimath Crisis: दरारों की दहशत और पलायन से दर्द से जूझ रहे जोशीमठ के लिए आज का दिन काफी अहम है। आज Supreme Court में जोशीमठ पर अहम सुनावई है। सुप्रीम कोर्ट आज ये तय करेगा कि जोशीमठ राष्ट्रीय आपदा है या फिर नहीं, दोपहर 2 बजे सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनवाई शुरू करेगा।
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