प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा कई मायने में अहम साबित हुई है। खासकर के भारतीय सेना को मजबूत करने की दिशा में पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच हुई वार्ता ने हथियारों के कलपुर्जों की आपूर्ति में होने वाली देरी के बड़े मुद्दे को हल कर दिया है। रूस अब इसके लिए भारत में ही संयुक्त उद्यम लगाएगा।
भारत और रूस ने दोनों देशों की सामरिक शक्ति को मजबूत करने के लिए जब ब्रह्मोस को लेकर समझौता किया होगा तो सोचा भी नहीं होगा कि यह रक्षा उत्पादों की श्रेणी का एक बड़ा ब्रांड होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रूस की कंपनियों को भारत में उच्च प्रौद्योगिकी रक्षा उपकरण बनाने की विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया।
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