रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने बाइडेन के उस बयान को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने रूसी सेना द्वारा नाटों देशों पर हमले की योजना बनाने का दावा किया था। पुतिन ने कहा कि बाइडेन का यह बयान पूरी तरह बकवास है और इसमें कोई दम नहीं है।
युद्ध के भवंरजाल में बुरी तरह फंस चुके यूक्रेन का खेल अब खत्म होने वाला है। 22 महीने की जंग के बाद यूक्रेन के पास अब हथियार और गोला-बारूद की भारी कमी हो गई है। यूरोपीय संघ और अमेरिका ने उसे अब आगे मदद देने में असमर्थता जाहिर कर दी है। ऐसे में पुतिन की सेना अब यूक्रेन को जल्द अपने चंगुल में ले सकती है।
यात्रा के पुनर्निर्धारण के बारे में किसी अमेरिकी अधिकारी द्वारा सुलिवन की पहली टिप्पणी है। यह असामान्य है, क्योंकि अमेरिका आमतौर पर उन यात्राओं पर टिप्पणी नहीं करता है, जिनकी प्रशासन ने पहले औपचारिक रूप से घोषणा नहीं की है। मगर इसे अमेरिकी पक्ष की ओर से एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि रणनीतिक संबंध मजबूत हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पर महाभियोग प्रस्ताव चलाने को मंजूरी मिल गई है। इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने के बाद जानिए राष्ट्रपति जो बाइडेन की क्या प्रतिक्रिया सामने आई है?
इजराइल और हमास की जंग में अमेरिका पूरी तरह इजराइल के साथ खड़ा है। लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइली पीएम नेतन्याहू की आलोचना में बड़ी बात कह दी है। जानिए बाइडेन ने नेतन्याहू के लिए क्या कहा?
रूस यूक्रेन में जंग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडेन से मिले। इस दौरान बाइडेन ने बताया कि उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस से यूक्रेन के लिए फंड की डिमांड की। वहीं मुलाकात के दौरान जेलेंस्की ने कहा कि पुतिन के मंसूबे कभी पूरे नहीं होने देंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन को हौसला बढ़ाने और उसे निरंतर सपोर्ट जारी रखने कि लिए अमेरिकी कांग्रेस से बड़ी अपील की है। उन्होंने कहा है कि यूक्रेन के लोगों के लिए और स्वतंत्रता के लिए साथ खड़े होइये। हम पुतिन को जीतने नहीं दे सकते। अगर हमने यूक्रेन की स्वतंत्रता का साथ नहीं दिया तो इतिहास हमारे साथ कठोर न्याय करेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि अगर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की दौड़ में नहीं होते तो शायद वह भी दोबारा इस पद के लिए चुनाव नहीं लड़ते।
अमेरिकी सरकार के एक फैसले से वहां काम कर रहे भारतीयों को काफी फायदा होने जा रहा है। यह फायदा खासकर अमेरिका में रह रहे भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को काफी होगा। इसके लिए अमेरिकी सरकार एक खास पायलेट प्रोग्राम शुरू करने जा रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा है कि इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम को बनाए रखना लक्ष्य है। ताकि हम और अधिक बंधकों को बाहर आते हुए देख सकें और जरूरतमंद लोगों को अधिक मानवीय राहत पहुंचा सकें।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को बंधकों की रिहाई के मसले पर भी बात की और कहा कि वह उम्मीद करते हैं वक्त गुजरने के साथ और भी बंधक रिहा किए जाएंगे।
अमेरिका में अगले साल राष्ट्रपति चुनाव है। इससे पहले ट्रंप ने बाइडेन के 81वें जन्मदिन पर अपनी हेल्थ रिपोर्ट जारी की। इसमें उन्होंने अपने को फिट बताया। इस तरह उन्होंने चुनाव में परोक्ष रूप से उम्र को मुद्दा बनाने का पासा फेंका है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवारों की दौड़ में शामिल भारतीय मूल की अमेरिकी नेता निक्की हेली को बाइडेन-हैरिस की टीम ने महिला विरोधी चरमपंथी करार दिया है। हेली ने सत्ता में आने पर गर्भपात पर बैन लगाने का समर्थन किया था।
जो बाइडेन ने अस्थाई व्यय विधेयक पर हस्ताक्षर करके एक बार फिर अमेरिका को कुछ समय के लिए शटडाउन के खतरों से बचा लिया है। एक दिन बाद ही अमेरिका में शटडाउन का खतरा था। मगर उसके पहले ही बाइडेन ने इसकी अवधि बढ़ा दी। इससे यह संकट अस्थाई रूप से फिलहाल टल गया है।
सैन फ्रांसिस्को में 15 नवंबर को हुए अमेरिका-चीन सम्मेलन के बाद अचानक तिब्बत का मुद्दा भी उछल गया है। अमेरिका से इस मुद्दे पर एक अंतरराष्ट्रीय संगठन ने चीन पर दबाव बनाने की मांग की है। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को इस मुद्दे को समाधान कराने का उनका पुराना वादा भी याद दिलाया है।
अमेरिका-चीन सम्मेलन भले ही दोनों देशों के बीच कड़वाहट भरे रिश्तों में मिठास पैदा करने के प्रयास के तहत किया गया हो। बावजूद दोनों देशों के पूर्व रुख में खास बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। सम्मेलन के अगले ही दिन बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति को तानाशाह कहा और अब एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि जो चीन को पसंद न हो वही बात कहेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सैन फ्रांसिस्को में इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (आईपीईएफ) के सम्मेलन में 3 बड़े मुद्दों पर आम सहमति का ऐलान किया है। बाइडेन ने कहा है कि आइपीएफ के सभी 14 सदस्य देशों में इन मुद्दों पर सहमति है। आगे हमें मिलकर बहुत से काम करने हैं।
तेजी से बदल रहे वैश्विक भू-राजनीतिक माहौल, आर्थिक और कूटनीतिक परिस्थितियों के मद्देनजर अमेरिका को सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। वह अपने ताकतवर दुश्मन देशों से लगातार घिरता जा रहा है। लिहाजा शक्ति संतुलन बनाए रखने के लिए आखिरी वक्त में भारत से दोस्ती संग अमेरिका को चीन से संबंध बहाली की ओर मुड़ना पड़ा है।
अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे भारी तनावों के बीच चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अमेरिका की यात्रा पर पहुंचे हैं। हालांकि, उन्होंने चीन की वैश्विक छवि से उलट एक अजीब बयान दिया है।
अमेरिका और चीन के राष्ट्रपतियों के बीच हुई रणनीतिक द्विपक्षीय वार्ता से क्या दोनों देशों के संबंध अब वाकई में बहाल हो जाएंगे। बाइडेन और जिनपिंग के बीच बातचीत में अमेरिका और चीन के संबंधों को भविष्य में बिगड़ने नहीं देने पर प्रतिबद्धता जताई गई है। इसके लिए इस खास तरीके पर चर्चा हुई।
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