रूस यूक्रेन में जंग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडेन से मिले। इस दौरान बाइडेन ने बताया कि उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस से यूक्रेन के लिए फंड की डिमांड की। वहीं मुलाकात के दौरान जेलेंस्की ने कहा कि पुतिन के मंसूबे कभी पूरे नहीं होने देंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन को हौसला बढ़ाने और उसे निरंतर सपोर्ट जारी रखने कि लिए अमेरिकी कांग्रेस से बड़ी अपील की है। उन्होंने कहा है कि यूक्रेन के लोगों के लिए और स्वतंत्रता के लिए साथ खड़े होइये। हम पुतिन को जीतने नहीं दे सकते। अगर हमने यूक्रेन की स्वतंत्रता का साथ नहीं दिया तो इतिहास हमारे साथ कठोर न्याय करेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि अगर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की दौड़ में नहीं होते तो शायद वह भी दोबारा इस पद के लिए चुनाव नहीं लड़ते।
अमेरिकी सरकार के एक फैसले से वहां काम कर रहे भारतीयों को काफी फायदा होने जा रहा है। यह फायदा खासकर अमेरिका में रह रहे भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को काफी होगा। इसके लिए अमेरिकी सरकार एक खास पायलेट प्रोग्राम शुरू करने जा रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा है कि इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम को बनाए रखना लक्ष्य है। ताकि हम और अधिक बंधकों को बाहर आते हुए देख सकें और जरूरतमंद लोगों को अधिक मानवीय राहत पहुंचा सकें।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को बंधकों की रिहाई के मसले पर भी बात की और कहा कि वह उम्मीद करते हैं वक्त गुजरने के साथ और भी बंधक रिहा किए जाएंगे।
अमेरिका में अगले साल राष्ट्रपति चुनाव है। इससे पहले ट्रंप ने बाइडेन के 81वें जन्मदिन पर अपनी हेल्थ रिपोर्ट जारी की। इसमें उन्होंने अपने को फिट बताया। इस तरह उन्होंने चुनाव में परोक्ष रूप से उम्र को मुद्दा बनाने का पासा फेंका है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवारों की दौड़ में शामिल भारतीय मूल की अमेरिकी नेता निक्की हेली को बाइडेन-हैरिस की टीम ने महिला विरोधी चरमपंथी करार दिया है। हेली ने सत्ता में आने पर गर्भपात पर बैन लगाने का समर्थन किया था।
जो बाइडेन ने अस्थाई व्यय विधेयक पर हस्ताक्षर करके एक बार फिर अमेरिका को कुछ समय के लिए शटडाउन के खतरों से बचा लिया है। एक दिन बाद ही अमेरिका में शटडाउन का खतरा था। मगर उसके पहले ही बाइडेन ने इसकी अवधि बढ़ा दी। इससे यह संकट अस्थाई रूप से फिलहाल टल गया है।
सैन फ्रांसिस्को में 15 नवंबर को हुए अमेरिका-चीन सम्मेलन के बाद अचानक तिब्बत का मुद्दा भी उछल गया है। अमेरिका से इस मुद्दे पर एक अंतरराष्ट्रीय संगठन ने चीन पर दबाव बनाने की मांग की है। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को इस मुद्दे को समाधान कराने का उनका पुराना वादा भी याद दिलाया है।
अमेरिका-चीन सम्मेलन भले ही दोनों देशों के बीच कड़वाहट भरे रिश्तों में मिठास पैदा करने के प्रयास के तहत किया गया हो। बावजूद दोनों देशों के पूर्व रुख में खास बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। सम्मेलन के अगले ही दिन बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति को तानाशाह कहा और अब एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि जो चीन को पसंद न हो वही बात कहेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सैन फ्रांसिस्को में इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (आईपीईएफ) के सम्मेलन में 3 बड़े मुद्दों पर आम सहमति का ऐलान किया है। बाइडेन ने कहा है कि आइपीएफ के सभी 14 सदस्य देशों में इन मुद्दों पर सहमति है। आगे हमें मिलकर बहुत से काम करने हैं।
तेजी से बदल रहे वैश्विक भू-राजनीतिक माहौल, आर्थिक और कूटनीतिक परिस्थितियों के मद्देनजर अमेरिका को सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। वह अपने ताकतवर दुश्मन देशों से लगातार घिरता जा रहा है। लिहाजा शक्ति संतुलन बनाए रखने के लिए आखिरी वक्त में भारत से दोस्ती संग अमेरिका को चीन से संबंध बहाली की ओर मुड़ना पड़ा है।
अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे भारी तनावों के बीच चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अमेरिका की यात्रा पर पहुंचे हैं। हालांकि, उन्होंने चीन की वैश्विक छवि से उलट एक अजीब बयान दिया है।
अमेरिका और चीन के राष्ट्रपतियों के बीच हुई रणनीतिक द्विपक्षीय वार्ता से क्या दोनों देशों के संबंध अब वाकई में बहाल हो जाएंगे। बाइडेन और जिनपिंग के बीच बातचीत में अमेरिका और चीन के संबंधों को भविष्य में बिगड़ने नहीं देने पर प्रतिबद्धता जताई गई है। इसके लिए इस खास तरीके पर चर्चा हुई।
अमेरिका-चीन के बीच हुई द्विपक्षीय रणनीतिक वार्ता के महज कुछ घंटे बाद ही दोनों देशों के रिश्तों में फिर से कड़वाहट के संकेत मिलने लगे हैं। हालांकि शी जिनपिंग के साथ बैठक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे बहुत ही सकारात्मक कहा था। मगर अब बाइडेन ने जिनपिंग को तानाशाह करार दिया है।
चरम पर चल रहे वैश्विक तनावों के बीच अमेरिका और चीन ने अपने रिश्तों की कड़वाहट दूर करने के प्रयास के साथ ही वैश्विक समस्याओं के निदान पर भी फोकस किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति सी जिनपिंग की वैश्विक क्षेत्रीय मुद्दों पर अहम वार्ता हुई है।
जो बाईडेन और शी जिनपिंग के बीच अहम द्विपक्षीय बैठक होने जा रही है। दोनों देशों में तनाव के बीच यह बैठक कई मायनों में काफी अहम है। जानिए इस बैठक का क्या है मकसद और इससे क्या समीकरण बनेंगे?
भारत और अमेरिका की स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के बीच चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडेन के बीच आज सैन फ्रांसिस्को में अहम बैठक होने जा रही है। इस पर भारत की पैनी नजर है। हालांकि उम्मीद की जा रही है कि अमेरिका भारत के साथ अपने रणनीतिक साझेदार होने की बात को ध्यान में रखकर ही चीन से कोई डील करेगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी दीया जलाकर व्हाइट हाउस में दिवाली मनाया। उन्होंने इसे सोशल मीडिया मंच एक्स पर भी शेयर किया है।
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