बुधवार रात को हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। वहीं गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने राजभवन जाकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद भी वह अभी राज्य के कार्यवाहक सीएम बने हुए हैं।
झारखंड में सियासी हलचल तेज है। सीएम हेमंत सोरेन कभी भी गिरप्तार हो सकते हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद कौन सीएम होगा, इसे लेकर भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने तंज कसा है।
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनने की अटकलों के बीच जेएमएम गठबंधन के विधायकों से बिना नाम वाले पत्र पर हस्ताक्षर करवाया गया है।
नरेंद्र मोदी ने 4 फरवरी की रैली Cancel कर दी..झारखंड और बिहार का दौरा रद्द कर दिया। तो क्या अगले 5 दिनों के भीतर कुछ बड़ा होने वाला है। इस वक्त कुछ बड़े नेता..ये सोच रहे हैं..कि कहीं उनके घर ED तो नहीं आ रही। कुछ ऐसे भी नेता हैं जो अपनी फाइल निकाल के बैठे हैं.
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने JMM विधायक दल की बैठक बुलाई है...थोड़ी देर में हेमंत सोरेन विधायकों के साथ मीटिंग करेंगे...ED की जांच के बीच हेमंत सोरेन आज दूसरी बार विधायकों के साथ बात करेंगे.
झारखंड में जारी राजनीतिक बवाल के बीच रांची में सीएम हेमंत सोरेन के आवास, राजभवन और ईडी कार्यालय के 100 मीटर के दायरे में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है। सोरेन विधायकों संग बैठक कर रहे हैं तो वहीं, भाजपा ने सोरेन की गुमशुदगी का ऐलान किया है।
झारखंड की सियासत में इस वक्त हड़कंप मचा हुआ है। सीएम हेमंत सोरेन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। अवैध खनन के मामले में ईडी की टीम तमाम जगहों पर छापेमारी कर रही है। इस बीच सीएम हाउस में विधायक दल की बैठक हुई
कल्पना सोरेन का जन्म वर्ष 1976 में झारखंड की राजधानी रांची में हुआ था। हालाकि, मूल रूप से वह ओडिशा के मयूरभंज जिले की रहने वाली हैं। उनका नाम सीएम पद के लिए बार-बार सामने आ रहा है।
झारखंड में सियासी संकट के बीच एक तरफ जहां हेमंत सोरेन ने JMM के विधायक दल की बैठक बुलाई है, तो दूसरी तरफ बीजेपी का कहना है कि सीएम अपनी पत्नी को सूबे की कमान देना चाहते हैं।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को गांडेय विधानसभा सीट से पत्नी कल्पना सोरेन के चुनाव लड़ने के कयासों को खारिज करते हुए इसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘दिमागी उपज’ करार दिया। सोरेन ने कहा कि इन कयासों में कोई सच्चाई नहीं है।
झारखंड की गांडेय विधानसभा सीट से विधायक सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया है। एक अधिसूचना के जरिए उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिए जाने की जानकारी मिली है। उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया है, इसे लेकर अभी भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के एक नेता पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के एक जवान की पत्नी को किडनैप करने का आरोप है। मामले में पुलिस ने पप्पी सिंह को गिरफ्तार किया है।
झारखंड बीजेपी का चीफ बनाए जाने के बाद सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनावो में राज्य की सभी 14 सीटों पर जीत दर्ज करेगी।
कांग्रेस की झारखंड इकाई के चीफ राजेश ठाकुर ने आरोप लगाया कि केंद्र की बीजेपी नीत सरकार कांग्रेस के बढ़ते जनाधार से घबराकर पार्टी नेता राहुल गांधी का मनोबल तोड़ने का प्रयास कर रही है।
हेमंत सोरेन के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए JMM के कार्यकर्ताओं ने रांची में मार्च निकाला। अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने सोरेन को आज पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन सोरेन ED के सामने पेश नहीं होंगे, इस बारे में देर रात को फैसला किया गया।
JDU Politics: नीतीश कुमार जिस विपक्षी एकता की मुहिम पर निकले हैं, वह 2024 के लोकसभा चुनाव के नजरिए से झारखंड में कितना असरदार साबित होगा लेकिन झारखंड की जमीन से भाजपा को बेदखल करने की कोई भी लड़ाई झामुमो को साथ लिए बगैर आगे नहीं बढ़ पाएगी।
OBC Reservation: झारखंड के मौजूदा सत्ताधारी गठबंधन में तीन पार्टियां झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस एवं राजद शामिल हैं और इन तीनों दलों ने वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान अपने-अपने घोषणापत्रों में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का वादा किया था।
Jharkhand News: मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार कल रांची पहुंचे सभी विधायकों को सीधे विधानसभा भवन ले जाया जायेगा। विधायकों की किसी भी संभावित खरीद-फरोख्त के प्रयास से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है।
Nishikant Dubey: निशिकांत दुबे ने राज्य की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाए है। इतना ही नहीं उन्होंने तीनों आरोपियों की नागरिकता को लेकर NIA से जांच की मांग की है। बता दें कि दुमका में एक और बच्ची का शव पेड़ से लटका मिलने पर हड़कंप मच गया।
Jharkhand News: चुनाव आयोग (ईसी) ने लाभ के पद के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधानसभा से अयोग्य ठहराने की भाजपा की याचिका के बाद 25 अगस्त को राज्यपाल रमेश बैस को अपना फैसला भेजा था, जिससे राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया है।
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