झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को लेकर बड़ी खबर है। उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की प्राथमिक सदस्यता एवं सभी पदों से त्याग-पत्र दिया।
चंपई सोरेन के आज ही मंत्री पद और जेएमएम से इस्तीफा देने की चर्चा है। सोरेन ने 18 अगस्त को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर कहा था कि झामुमो में उनका अपमान हुआ।
चंपई सोरेन 2 दिन पहले अचानक दिल्ली पहुंचे थे तो इस बात की चर्चा थी कि वह झामुमो के चार अन्य विधायकों के साथ भाजपा में शामिल होने वाले हैं। लेकिन शाम में उन्होंने सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट जारी कर कहा कि सीएम पद से उन्हें अपमानजनक तरीके से हटाया गया और अब उनके लिए तीन ही ऑप्शन बचे हैं।
जेएमएम से नाराज चल रहे चंपई सोरेन के भाजपा ज्वाइन करने की बात कही जा रही है। फिलहाल इसे लेकर भाजपा खामोश है तो वहीं झारखंड में कांग्रेस अलर्ट है। आगे क्या होगा झारखंड की राजनीति में?
पूर्व सीएम चंपई सोरेन को कोल्हान टाइगर भी कहा जाता है। ऐसे में चर्चा होने लगी है कि कोल्हान टाइगर के बीजेपी में आने से पार्टी को कितना फायदा होने वाला है? अगले कुछ महीनों में विधानसभा के चुनाव जो होने वाले हैं।
झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने जेएमएम के खिलाफ खुली बगावत का इजहार कर दिया है। उन्होंने कहा कि कई ऐसी अपमानजनक घटनाएं हुईं, जिसका जिक्र फिलहाल नहीं करना चाहता।
हेमंत सोरेन ने कहा कि घर और पार्टी पैसे के दम पर तोड़ा जा रहा है। अभी बहुत जल्द चुनाव का घंटी राज्य में बजने वाला है। ये चुनाव कब होगा, इसकी घंटी हमारे विरोधी बीजेपी के पास है।
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने अपने जन्मदिन पर एक पोस्ट की है। एक्स पर किए गए अपनी पोस्ट में उन्होंने जेल में कैदियों को लगाई जाने वाली मुहर के निशान शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि यह निशान केवल मेरा नहीं, बल्कि हमारे लोकतंत्र की वर्तमान चुनौतियों का प्रतीक है।
हेम्ब्रोम ने राजमहल लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था और झामुमो के आधिकारिक उम्मीदवार विजय हांसदा को चुनौती दी थी। वहीं, जेपी पटेल लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे और वह हजारीबाग सीट से चुनाव लड़े थे। हालांकि, दोनों ही चुनाव हार गए थे।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि भाजपा को सीएम हेमंत सोरेन से चिढ़ है। हेमंत का नाम सुनते ही असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की हिम्मत खत्म हो जाती है।
झारखंड में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव का आयोजन किया जाना है। इस बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पीएम मोदी से दिल्ली में मुलाकात की है। आइए जानते हैं पूरा मामला।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने एक नई भविष्यवाणी की है। उन्होंने दावा किया कि दो से तीन महीने में झारखंड में चुनाव होंगे और इस साल के अंत तक राज्य में बीजेपी की सरकार बनेगी।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीजेपी को चैलेंज करते हुए कहा कि पार्टी की ताबूत में आखिरी कील ठोकने का वक्त आ गया है और आने वाले चुनावों में उसका सफाया हो जाएगा।
सियासत के जानकारों का कहना है कि विधानसभा चुनाव नवंबर-दिसंबर में होने हैं और मौजूदा सरकार के कार्यकाल के महज 5-6 महीने बचे हैं। ऐसे में झामुमो का नेतृत्व कल्पना सोरेन के लिए चंपई सोरेन को सीएम की कुर्सी से हटाने की जोखिम नहीं लेगा।
लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अंतरिम जमानत की राह देख रहे हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने उनके वकील को कहा कि इस मामले को सोमवार को होने वाली जमानत याचिका के साथ उठाएं। बता दें कि सोरेन चुनाव प्रचार के लिए जमानत चाहते हैं।
नलिन सोरेन ने सीता सोरेन को चेतावनी दे डाली कि अगर उन्होंने जेएमएम और हेमंत सोरेन के खिलाफ बोलना जारी रखा तो उनके साथ वैसा ही सलूक हो सकता है, जैसा सिंहभूम में भाजपा की प्रत्याशी गीता कोड़ा के साथ हुआ।
Lok Sabha Elections 2024 : लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर इंडिया अलायंस में मतभेद उभरकर सामने आने लगे हैं। गठबंधन दलों के सुर और ताल नहीं मिल पा रहे हैं।
बीजेपी ने झारखंड में सोरेन परिवार में सेंध लगाने में सफलता हासिल की है, जिसमें नागपुर कनेक्शन सामने आ रहा है। इसके पीछे पूरी रणनीति बनाने वाली नागपुर की पूर्व नगर सेविका चेतन टांक हैं।
जेएमएम नेता और हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा ज्वाइन कर लिया है। इसके बाद महुआ माजी ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि हम तो हैरान हैं। सीता सोरेन ने भी अपनी बात कही है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की विधायक सीता सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। आज उन्होंने जेएमएम के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी ज्वॉइन कर लिया।
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