ऐसी चर्चा है कि चंपई सोरेन के साथ आज जेएमएम के 5 और विधायक बीजेपी ज्वाइन करने वाले हैं। चंपई को हेमंत सोरेन का पुराना साथी माना जाता है। विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा को बड़ा झटका लग सकता है।
झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने जेएमएम के खिलाफ खुली बगावत का इजहार कर दिया है। उन्होंने कहा कि कई ऐसी अपमानजनक घटनाएं हुईं, जिसका जिक्र फिलहाल नहीं करना चाहता।
आज चुनाव आयोग ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। उसके कुछ देर बाद ही कांग्रेस ने अपने दो राज्यों के अध्यक्ष बदल दिए।
झारखंड सियासी उठापटक का दौर अब तक समाप्त नहीं हुआ है। अब बताया जा रहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के कई विधायक हेमंत सोरेन से नाराज चल रहे हैं। अगर ये विधायक पाला बदलते हैं तो हेमंत सोरेन की सरकार मुश्किल में पड़ सकती है।
सीएम हेमंत सोरेन ने जमशेदपुर में उलियान स्थित शहीद निर्मल महतो की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव बाद सरकार बनने पर प्रत्येक परिवार को हर साल एक लाख रुपये आर्थिक मदद दिए जाएंगे।
झारखंड में इस साल के अंत तक विधानसभा होने की संभावना है। ऐसे में तमाम सियासी दलों ने अपनी कमर कस ली है। इस बीच, एनडीए के एक और घटक दल 'हम' ने भी झारखंड में अपने उम्मीदवार खड़े करने के संकेत दिए हैं।
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने शनिवार को पटना में जेडीयू की झारखंड इकाई के 50 प्रमुख नेताओं के साथ बैठक की और उन्हें चुनाव की तैयारी में जुट जाने का निर्देश दिया।
झारखंड में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव का आयोजन किया जाना है। इस बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पीएम मोदी से दिल्ली में मुलाकात की है। आइए जानते हैं पूरा मामला।
झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग की टीम ने बृहस्पतिवार को राज्य के सभी 24 जिलों के संबंधित अधिकारियों से मतदाता सूची तैयार करने की दिशा में हुई प्रगति और कानून व्यवस्था सहित विभिन्न मुद्दों की समीक्षा की।
झारखंड की राजनीतिक अस्थिरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि निर्दलीय विधायक रहे मधु कोड़ा भी लगभग 2 साल तक इस सूबे के सीएम रह चुके हैं।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता हेमंत सोरेन झारखंड के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं। उन्हें राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने आज शाम को शपथ दिलाई।
झारखंड का हेमंत सोरेन और चंपई सोरेन प्रकरण देखकर बिहार में कुछ साल पहले नीतीश कुमार और जीतनराम मांझी के बीच सत्ता की खींचतान याद आ गई। हालांकि झारखंड में उस तरह का ड्रामा देखने को नहीं मिला जैसा कि बिहार में देखने को मिला था।
लोकसभा चुनावों में आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित पांचों सीटें हारने के बाद बीजेपी ने झारखंड के लिए एक अलग रणनीति बनाई है और इसके तहत वह सूबे में कई दिग्गज आदिवासी नेताओं को विधानसभा चुनाव में उतार सकती है।
इस साल जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं वहां पर वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराने का काम एक जुलाई से शुरू होगा है। चुनाव आयोग ने इलेक्शन कराने की तैयारी शुरू कर दी है।
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