फिलिस्तीन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उस प्रस्ताव का स्वागत किया है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जेरुसलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के फैसले की निंदा की गई है...
"यह जानकर बहुत गर्व हुआ कि भारत ने जेरूसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के फैसले को खारिज करने वाले प्रस्ताव पर 100 देशों के साथ वोट किया है। यह वोट फिलीस्तीन को लेकर हमारे पक्ष और समर्थन को दर्शाता है।"
"ये हमसे अरबों डॉलर की मदद लेते हैं और फिर हमारे खिलाफ मतदान करते हैं।" उन्होंने कहा, "हम देख रहे हैं। इन्हें हमारे खिलाफ वोटिंग करने दो। हमें इससे फर्क नहीं पड़ता।"
सुरक्षा परिषद में सोमवार को अमेरिका ने इस प्रस्ताव पर वीटो कर दिया था, जबकि बाकी अन्य सभी 14 सदस्य उसके पक्ष में वोट डाला था...
संयुक्त राष्ट्र महसभा ने जेरूसलम मुद्दे पर चर्चा के लिए गुरुवार को आपात बैठक होने जा रही है। इससे पहले इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पेश हुआ था, जिस पर अमेरिका ने वीटो कर दिया था।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थाई प्रतिनिधि निकी हेली ने सोमवार को मिस्र द्वारा प्रस्तावित यूएन के इस प्रस्ताव के खिलाफ वीटो कर दिया था। इस प्रस्ताव में जेरूसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के फैसले पर चिंता व्यक्त की गई थी और अन्य
अमेरिका ने यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को खारिज करने वाले संयुक्त राष्ट्र के एक मसौदा प्रस्ताव पर आज वीटो कर दिया।
4 Palestinians killed in fresh clashes with Israel
शुक्रवार को नमाज के बाद फिलीस्तीनियों ने वेस्ट बैंक और गाजा बॉर्डर से लगे इलाकों के पास टायरों में आग लगा दी और इस्राइली सैनिकों पर पथराव किया...
यूरोपीय संघ के नेताओं ने यरूशलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दी गई मान्यता को खारिज करते हुए कहा कि वह अपने इस रुख पर कायम हैं कि शहर की स्थिति को वार्ता के जरिए ही सुलझाया जाना चाहिए।
इस्लामी नेताओं ने आज विश्व समुदाय से अपील की कि वह पूर्वी यरूशलम को फलस्तीन की राजधानी के तौर पर मान्यता दें। फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने चेताया कि अमेरिका को अब शांति प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं निभानी है।
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन ने चेताते हुए कहा कि जेरूसल पर अमेरिका के कदम से मध्यपूर्व अस्थिर होगा और इससे इजरायल-फिलीस्तीन संघर्ष को सुलझाने में मदद नहीं मिलेगी।
र्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने चेताया है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस्राइल की राजधानी के रूप में यरुशलम को मान्यता दिये जाने से क्षेत्र में पहले से मौजूद तनाव के और बढ़ने की आशंका है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी इस हफ्ते तुर्की की राजधानी में जेरुसलम के मुद्दे पर इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे...
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को यूरोपीय देशों से आग्रह किया कि वे अमेरिका का अनुकरण करते हुए अपने दूतावास तेल अवीव से स्थानांतरित कर जेरुसलम ले आएं...
रविवार को अरब के विदेश मंत्रियों ने कहा कि जेरुसलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने का अमेरिका का फैसला अवैध है...
जेरुसलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के वॉशिंगटन के विवादित फैसले के विरोध में रविवार को लेबनान में अमेरिकी दूतावास के पास फिलिस्तीन समर्थकों ने प्रदर्शन किया...
अमेरिका के इस फैसले के विरोध में शुक्रवार शाम को न्यूयॉर्क टाइम्स स्क्वायर पर फिलीस्तीन के लगभग 1,000 समर्थकों ने प्रदर्शन भी किया। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थाई प्रतिनिधि निकी हेली ने शांति प्रक्रिया और द्वी-राष्ट्र समाधान के लिए ट्रंप प्रशास
खुद को फलस्तीनी मामलों के समाधान की धुरी मानने वाले एर्दोआन ने तभी से इस धारणा का विरोध करना शुरू कर दिया था जब इस बारे में घोषणा भी नहीं की गई थी। उन्होंने ट्रंप की इस घोषणा को ‘‘मुस्लिमों के लिये खतरे की घंटी ’’ बताया है, क्योंकि पूर्वी फलस्तीनी क्
‘‘येरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने और अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से येरुशलम ले जाने की तैयारियों के अमेरिका के फैसले से हम असहमत हैं। यह सुरक्षा परिषद के संकल्पों के अनुरूप नहीं है और क्षेत्र में शांति की संभावनाओं के मद्देनजर भी
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