सोनाक्षी सिन्हा इस वक्त सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं, पहले वह सोशल मीडिया पर काम के लिए एक्टिव हुआ करती थीं मगर अब उनका दायरा थोड़ा बड़ा हो गया है। अब अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा लोगों को मौजूदा स्थिति में जागरूक करने का काम कर रही हैं।
मंदिरा ने कहा, “मैं एक्सरसाइज के जरिए अपने आपको फिट रखती हूं. अपने मेंटल सटिस्फैक्शन के मैं योग करती हूं। 2008 से ही ये सिलसिला शुरू हुआ, जब मैं एक रियलिटी शो का हिस्सा थी और तब जाकर यह यह फिटनेस वाली स्थिति शुरू हो। अगर आप इसे अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लेते हैं तो यह आप को बड़े स्तर पर मदद करता है।”
कोरोना वायरस के मौजूदा संक्रमण की स्थिति में शहरों के साथ-साथ गांव के लोग अछूते नहीं रहे हैं, ऐसे में गांव के लोगों की तरफ ध्यान देना काफी जरूरी है कुमार विश्वास इस स्थिति को समझते हुए गांव के लोगों की खास तौर पर मदद कर रहे हैं।
हर किसी के लिए मुश्किल समय है। अपने परिवार की जिम्मेदारी लें। जरूरत पड़ने पर ही बाहर लें। कोविड से रिकवर हुए लोगों को प्लाजमा डोनेट करने के लिए प्रोतसाहन करें। कोरोना से लड़ने के लिए हम सभी को एक होना होगा। क्वारंटीन पीरियड काफी हार्ड होता है। इस दौरान काफी परेशानी होती है, लेकिन हम अपने आप को व्यस्थ रखने की कोशिश करते हैं।
हर्षल पटेल इस समय अमेरिका में हैं और वहां पहुंचने के बाद घर में 7 दिन के लिए खुद को क्वांरटीन किया और फिर टेस्ट कराया जिसमें वह निगेटिव आए। इसके बाद ही हर्षल अपने परिवार से मिल सके।
इंग्लैंड में होने वाले WTC फाइनल को लेकर पनेसर ने भारतीय टीम को फेवरेट करार दिया। पनेसर ने कहा- WTC फाइनल में भारतीय टीम काफी मजबूत हैं। लेकिन रोहित शर्मा की बल्लेबाजी बहुत अहम होगी। भारत में रोहित की फार्म अच्छी है लेकिन बाहर के मैदानों पर उनका बल्ला उतना नहीं चला है। अगर रोहित का बल्ला चलता है तो भारत फाइनल जीतने में जरुर कामयाब होगा।
क्वारंटीन में कमरे में रहकर बोर हो जाते हैं। 6 दिन कमरे में अकेला रहना होता है, मनसिक रूप से खुद को मजबूत रखना होता है। रोज बस दिन गिन रहे होते हैं। कमरे में हमें सारा समान दे दिया गया है और हमें यहीं ट्रेनिंग करनी होती है।
मोहम्मद शमी के मुताबिक कोरोना की इस घड़ी में आखिरी मिनट तक हमें फाइट करनी है। इस मुश्किल स्थिति में हम सभी को एक साथ रहने और एक-दूसरे की मदद करने की जरुरत है। इस समय हमें घर पर रहने और खुद को शांत रखन की आवश्यकता है। कोरोना जैसी बीमीरी को मात देने के लिए सकारात्मक सोच काफी जरुरी है। शमी ने देशवासियों से अपने परिवार का ख्याल रखने और जरुरतमदों की मदद करने की भी अपील की है।
मशहूर सूफी सिंगर कैलाश खेर ने कोरोना काल के नेगेटिविटी माहौल को दूर करने के लिए सुरों को खास बताया है। कैलाश खेर ने बताया कि सुरों के जरिए आत्मविश्वास का संचार होता है। उन्होंने कहा, ''मेरी जिंदगी ही एक उदाहारण है, शुरुआत में मुझे हर तरफ से तिरस्कार मिला लेकिन, मेरे 15 साल के करियर में मुझे संगीत के जरिए सम्मान मिला।''
कोरोना हालात के बीच, आध्यात्मिक गुरु भाईश्री रमेशभाई ओझा कहते हैं कि खुद पर विश्वास करना महत्वपूर्ण है। एक व्यक्ति को उस पर और भगवान में विश्वास रखना चाहिए।
मुरारी बापू ने कहा, ''जिस ग्रंथ को मैं केंद्र में रखकर मैं अपनी बातें करता हूं। आज की जो भौतिक सुविधाएं हैं जो दवाइयां हैं, जो वैक्सीन देनी है उसे साथ-साथ बहुत ही गंभीरता से निभाए और उसके साथ-साथ हरि नाम ले, जो भी इंसान जिस किसी को भी अपना ईश्वर मानता है उसका नाम लेना आवश्यक है।''
साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि आध्यात्मिकता और धैर्य आपको कोविड महामारी से लड़ने के लिए आत्मविश्वास और शक्ति प्रदान करते हैं।
गायिका हर्षदीप कौर का कहना है कि COVID-19 महामारी की कठिन परिस्थिति के बीच खुद को शांत रखने के लिए बहुत से लोगों ने संगीत चिकित्सा का उपयोग किया है।
संकट के समय में बहुत सारे लोग मानसिक समस्याओं जैसे तनाव, चिंता आदि से प्रभावित हो रहे हैं। अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी आवश्यक है। यही कारण है कि लोकप्रिय गायक कुमार शानू अपनी सुरीली आवाज से आपका जोश बढ़ाने के लिए यहां हैं।
कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर के लिए पर्याप्त रूप से तैयार करने में विफल रहने के बाद, अधिकारी और स्वास्थ्य अधिकारी अब नियमित रूप से लोगों को तीसरी लहर की संभावना के बारे में चेतावनी दे रहे हैं।
ब्लैक फंगस से सतर्क रहें और सावधानी बरतें। शुगर के मरीजों को ब्लैक फंगस का खतरा। किडनी ट्रांसप्लांट और कैंसर मरीजों को खतरा। नाक से ब्राउन पानी निकलना ब्लैक फंगस का लक्षण।
आप कोविड और म्यूकोर्मिकोसिस के दोहरे संक्रमण से कैसे निपटते हैं? ब्लैक फंगस की पहचान कैसे करें, इसका इलाज कैसे किया जाता है और क्या सावधानियां आवश्यक हैं? ईएनटी विशेषज्ञों से जानिए हर सवाल का जवाब।
देश पहले से ही कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर से लड़ रहा है और ऐसी अटकलें हैं कि इस साल के अंत में वायरस की तीसरी लहर देश में आ सकती है।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से महामारी रोग अधिनियम के तहत म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस को एक उल्लेखनीय बीमारी बनाने का आग्रह किया था, जिसमें कहा गया था कि संक्रमण लंबे समय तक रुग्णता और कोरोना रोगियों में मृत्यु दर का कारण बन रहा है। हालांकि, सफेद फंगस के मामलों की रिपोर्ट ने भी चिंता जताई है क्योंकि संक्रमण ब्लैक फंगस की तुलना में अधिक घातक पाया गया है।
म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस, एक दुर्लभ और खतरनाक कवक संक्रमण कुछ कोविड -19 रोगियों के साथ-साथ उन लोगों में भी पाया गया है जो संक्रमण से उबर चुके थे। ऑन द रिकॉर्ड के इस एपिसोड में, मैरीलैंड विश्वविद्यालय के संक्रामक रोग विशेषज्ञ, डॉ फहीम यूनुस बताते हैं कि ब्लैक फंगस से कैसे निपटा जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए पूरा वीडियो देखें।
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