नीतीश कुमार ने नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। इस शपथ समारोह में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई अन्य बड़े नेता भी मौजूद रहे। नीतीश कुमार के अलावा आठ अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली।
जेपी नड्डा ने कहा कि नई एनडीए सरकार बिहार के उज्जवल भविष्य के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा कि यहां जब-जब हमारी सरकार बनती है, तब यहां कानून व्यवस्था में सुधार आता है। अपराध और अपराधियों पर काबू पाया जाता है।
रविवार सुबह महागठबंधन की सरकार से इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार ने एनडीए के सहयोग से एक बार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। इस बार वह नौवीं बार मुख्यमंत्री बने हैं।
नीतीश कुमार ने नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। नीतीश कुमार ने सीएम पद की पहली बार शपथ मार्च 2020 में ली थी, लेकिन वह केवल सात दिन ही इस पद पर रह सके थे।
तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि अभी खेला बाकी है। उन्होंने कहा कि इस साल ही नीतीश कुमार की जेडीयू पार्टी खत्म हो जाएगी और इनका नाम लेने वाला तक बिहार में कोई नहीं होगा।
नीतीश कुमार एक बार फिर से महागठबंधन से अलग होकर एनडीए में शामिल हो गए हैं। उनके इस फैसले के बाद राजधानी पटना की सड़कें पोस्टरों से भर गई हैं। जिसमें बीजेपी और जेडीयू दोनों दलों के पोस्टर शामिल हैं।
कांग्रेस के नेताओं की प्रतिक्रियाओं पर JDU नेता केसी त्यागी ने पलटवार किया है। उन्होंने जयराम रमेश और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की प्रतिक्रिया का जिक्र किया।
बिहार में नीतीश कुमार ने लालू की पार्टी आरजेडी के साथ गठबंधन तोड़ दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया है। इसके बाद एक बार फिर बिहार में जेडीयू-भाजपा सरकार बन गई है। एनडीए सरकार में बिहार भाजपा की ओर से सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को नीतीश सरकार में डिप्टी सीएम बनाया गया है।
नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा है। नीतीश के इस कदम से आरजेडी के हाथ से सत्ता फिसल गई है।
आरजेडी के साथ गठबंधन समाप्त करते हुए नीतीश कुमार ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया। नीतीश कुमार के इस्तीफे के साथ ही बीजेपी के साथ नई सरकार के गठन का भी ऐलान कर दिया गया। बिहार की इस नई सरकार में एक सीएम और दो डिप्टी सीएम का फार्मूला अपनाया गया है।
बिहार की सियासत से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा है। नीतीश के इस कदम से आरजेडी के हाथ से सत्ता फिसल गई है।
नौवीं बार बिहार के सीएम पद की शपथ ली नीतीश कुमार ने और सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली है। बिहार में भी अब एनडीए गठबंधन की सरकार बन गई है।
बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम के बीच शनिवार शाम को पटना में बैठक हुई। इस बैठक में ताजा हालातों को लेकर चर्चा हुई। इसके साथ इस बैठक में तय हुआ है कि पहली चाल नीतीश कुमार को ही चलनी पड़ेगी। उसके बाद ही पार्टी अपने पत्ते खोलेगी।
जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के बिहार विधानसभा में चार सदस्य हैं। पार्टी प्रमुख ने राजनीतिक उठापटक के बीच अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।
बीजेपी भी अभी तक सार्वजनिक रूप से वेट एंड वाच वाली स्थिति में है। उनकी तरफ से साफ़ है कि पहले नीतीश कुमार इस्तीफा दें, इसके बाद ही कुछ बात की जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार राजभवन जा सकते हैं और अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप सकते हैं। वहीं इस बीच दिल्ली से लेकर पटना तक बैठकों का दौर जारी है।
बिहार में सियासी हलचल के बीच बीजेपी ने भी अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। पार्टी की कोर कमिटी का कहना है कि नीतीश कुमार पहले अपना इस्तीफा सौंपें, उसके बाद ही कुछ किया जाएगा।
जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर अपना रुख बदल कर एनडीए में शामिल हो सकते हैं। इन संकेतों के चलते सत्तारूढ़ महागठबंधन में अनिश्चितता के बादल नजर आ रहे हैं।
बिहार में सभी प्रमुख दलों ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने दावा किया कि बिहार में महागठबंधन सरकार बरकरार नहीं रहेगी।
बिहार में एक बार फिर सियासी हलचल तेज है। कारण फिर नीतीश कुमार है। कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही नीतीश बीजेपी के साथ गठबंधन करने वाले हैं।
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