बिहार की सियासत से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा है। नीतीश के इस कदम से आरजेडी के हाथ से सत्ता फिसल गई है।
नौवीं बार बिहार के सीएम पद की शपथ ली नीतीश कुमार ने और सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली है। बिहार में भी अब एनडीए गठबंधन की सरकार बन गई है।
बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम के बीच शनिवार शाम को पटना में बैठक हुई। इस बैठक में ताजा हालातों को लेकर चर्चा हुई। इसके साथ इस बैठक में तय हुआ है कि पहली चाल नीतीश कुमार को ही चलनी पड़ेगी। उसके बाद ही पार्टी अपने पत्ते खोलेगी।
जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के बिहार विधानसभा में चार सदस्य हैं। पार्टी प्रमुख ने राजनीतिक उठापटक के बीच अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।
बीजेपी भी अभी तक सार्वजनिक रूप से वेट एंड वाच वाली स्थिति में है। उनकी तरफ से साफ़ है कि पहले नीतीश कुमार इस्तीफा दें, इसके बाद ही कुछ बात की जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार राजभवन जा सकते हैं और अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप सकते हैं। वहीं इस बीच दिल्ली से लेकर पटना तक बैठकों का दौर जारी है।
बिहार में सियासी हलचल के बीच बीजेपी ने भी अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। पार्टी की कोर कमिटी का कहना है कि नीतीश कुमार पहले अपना इस्तीफा सौंपें, उसके बाद ही कुछ किया जाएगा।
जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर अपना रुख बदल कर एनडीए में शामिल हो सकते हैं। इन संकेतों के चलते सत्तारूढ़ महागठबंधन में अनिश्चितता के बादल नजर आ रहे हैं।
बिहार में सभी प्रमुख दलों ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने दावा किया कि बिहार में महागठबंधन सरकार बरकरार नहीं रहेगी।
बिहार में एक बार फिर सियासी हलचल तेज है। कारण फिर नीतीश कुमार है। कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही नीतीश बीजेपी के साथ गठबंधन करने वाले हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आरजेडी ने मांग की है कि वे राजनीतिक अटकलों पर जवाब दें और आज शाम तक अपनी स्थिति स्पष्ट कर दें ताकि कंफ्यूजन हो सके।
भारतीय जनता पार्टी और जेडीयू के बीच में फिर से कुछ खिचड़ी पक रही है। दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच में फिर से साथ आने की बातचीत हुई है। इस खबर के बाहर आते ही बिहार का सियासी पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है।
पटना से लेकर दिल्ली तक मीटिंग का दौर जारी है। बीजेपी आलाकमान ने बिहार के पार्टी नेताओं को दिल्ली बुला लिया है। इनमें प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और सुशील मोदी शामिल हैं।
बिहार में सियासी हलचल के बीच बीजेपी और जेडीयू के नेता दिल्ली पहुंच रहे हैं। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर से पलटी मारने वाले हैं और बीजेपी के साथ आने वाले हैं।
राम मंदिर में सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस बीच जेडीयू के प्रवक्ता सुनील कुमार सिंह ने राम का नाम लेकर पार्टी को अलविदा कह दिया है। उन्होंने अपने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
लालू प्रसाद द्वारा 15 जनवरी को आयोजित दही-चूड़ा भोज में शामिल होने के लिए जब नीतीश कुमार पैदल ही पहुंचे, तब यह माना जाने लगा था कि राजद-जेडीयू के रिश्ते में पड़ी गांठ सुलझ गई है। लेकिन बुधवार को 2 बड़ी बातें एक बार फिर चर्चा को गर्म कर रही हैं।
INDIA गठबंधन का अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बनाया गया है। वहीं जब संयोजक पद के लिए नीतीश कुमार का नाम सामने आया तो उन्होंने यह पद स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
गुरुवार को सुजीत सिंह रक्सौल स्थित इस्लामपुर टोला पप्पू मियां के पास गए थे। वहां उनको चिरान मिल के लिए लकड़ी की खरीदारी करनी थी। देर शाम तक जब घर नहीं लौटे तो उनके मोबाइल पर परिवार के लोगों ने संपर्क किया लेकिन वह भी बंद बता रहा था।
जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ अपना सोच रही है। केसी त्यागी ने कहा कि कांग्रेस रूल स्टेट में या जहां कांग्रेस बड़ी पार्टी है वहां सबकुछ ठीक है। वहां किसी के साथ कोई सीट शेयरिंग नहीं है।
जेडीयू सांसद कौशलेंद्र कुमार के विवादित बयान पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास जी महाराज ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि मूर्ख हमेशा मूर्ख की तरह ही बोलेगा। वह स्वयं मूर्ख है।
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