बेंगलुरू प्रेस क्लब द्वारा आयोजित ‘प्रेस से मिलिए’ कार्यक्रम के दौरान कुमारस्वामी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने पहले ही तय कर लिया है कि उसमें (साझा की गई वीडियो में) जो भी सामग्री है, हम अदालत में याचिका दायर करने जा रहे हैं।’’
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल सेक्युलर नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि वे कांग्रेस नेता सिद्धारमैया का पाला हुआ तोता नहीं हैं, उन्होंने कहा कि अगर वे मुख्यमंत्री बने थे तो कांग्रेस हाई कमान की मेहरबानी से बने थे
कर्नाटक में एक बार फिर से विधानसभा चुनावों की बड़ी लड़ाई होने जा रही है। चुनाव आयोग ने राज्य की 15 विधानसभा सीटों पर चुनाव कराने की घोषणा कर दी है
पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा ने सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर निशाना साधते हुए कांग्रेस आलाकमान के फैसले को ‘गलत’ ठहराया।
कर्नाटक में गठबंधन सरकार गिरने के करीब एक महीने बाद जनता दल (सेकुलर) के वरिष्ठ नेता एच डी देवगौड़ा ने बुधवार को आरोप लगाया कि गठबंधन के सहयोगी दल कांग्रेस में ‘कुछ मित्र’ उनके बेटे एच डी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं देख सके।
जानकारी के मुताबिक ऐन वक्त पर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने इस प्लान को होल्ड पर डाल दिया। येदियुरप्पा का शपथ ग्रहण की तारीख से लेकर मंत्रिमंडल विस्तार तक की तारीख तय थी लेकिन इन सब को फिलहाल रोक दिया गया है।
मध्य प्रदेश की राजनीति में अचानक से सबकुछ इतनी तेजी से बदला जिसकी उम्मीद बीजेपी को कभी नहीं थी। कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार के गिरने के बाद से ही बीजेपी नेता मध्य प्रदेश में भी सत्ता बदल देने का दावा कर रहे थे।
विश्वासमत के जब नतीजे आए तो सदन के अंदर येदियुरप्पा की अगुवाई में बीजेपी विधायक विक्ट्री साइन दिखा रहे थे तो बाहर कार्यकर्ताओं की टोली नाच रही थी। हालांकि इससे पहले कर्नाटक विधानसभा में कल भी पूरे दिन विश्वासमत पर वोटिंग से कांग्रेस-जेडीएस विधायकों ने बचने की खूब कोशिश की।
सदन में मंगलवार को सत्ता पक्ष के इका दुका विधायक ही सदन में नजर आए जबकि विश्वास प्रस्ताव पर आज मतदान होना है। कुमार ने मंत्री प्रियांक खड़गे से पूछा, ‘‘यह अध्यक्ष के भविष्य की बात है विधानसभा के।’’
इस बीच खबर ये है कि बागियों को मनाने के लिए आखिरी कोशिश के तौर पर जेडीएस ने कुमारस्वामी के सीएम की कुर्सी छोड़ने की पेशकश भी की। जेडीएस की तरफ से ऑप्शन दिया गया कि सिद्धारमैया, जी परमेश्वर या डीके शिवकुमार में से कोई भी चीफ मिनिस्टर बने, उन्हें परेशानी नहीं है लेकिन बीजेपी की जीत नहीं होनी चाहिए।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को कहा कि वह अपनी सरकार को बचाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग नहीं करेंगे। विधानसभा में उनके द्वारा पेश किए गए विश्वास प्रस्ताव को लेकर उन्होंने यह बात की।
राज्यपाल ने गुरुवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे तक विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने को कहा है। इससे पहले कर्नाटक विधानसभा को गुरुवार को सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद (एस) व विपक्षी भाजपा के नेताओं के विश्वास मत प्रस्ताव पर देरी करने को लेकर हंगामे के बाद विधानसभा को स्थगित कर दिया गया।
गठबंधन सरकार के 16 विधायकों के विधानसभा से इस्तीफा देने और दो निर्दलीय विधायकों के सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद सभी की निगाहें विश्वास मत पर टिकी हैं। बहरहाल, एक असंतुष्ट विधायक रामलिंगा रेड्डी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने पार्टी के साथ रहने का फैसला कर लिया है
अगर फ्लोर टेस्ट से पहले स्पीकर रमेश कुमार 15 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लेते हैं तो कर्नाटक विधानसभा में सदस्यों की संख्या 225 से घटकर 210 रह जाएगी क्योंकि स्पीकर वोटिंग में हिस्सा नहीं लेते हैं। ऐसे में केवल 209 विधायक ही विश्वास मत पर वोटिंग कर सकेंगे।
कर्नाटक के सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट ने बहुत बड़ा फैसला दिया है। चीफ जस्टिस ने फैसले में कहा कि 15 बागी विधायकों को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए दबाव नहीं डाला जा सकता है।
रोहतगी ने यह भी कहा कि बागी विधायकों ने भाजपा के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा है इसे साबित करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं है और अयोग्य घोषित करना संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत संक्षिप्त-सुनवाई है, जबकि इस्तीफ अलग है, उसे स्वीकार किया जाना सिर्फ एक मानक पर आधारित है कि वह स्वैच्छिक है या नहीं।
खबरों के अनुसार, उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर भी नागराज को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने के वास्ते उनके घर गए। नागराज ने बुधवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। इसी तरह विधायक रामलिंगा रेड्डी, मणिरत्न और आर रोशन बेग को मनाने की कोशिश की गई।
सियासी ड्रामे के बीच शुक्रवार से कर्नाटक विधानसभा का मॉनसून सेशन शुरू हुआ है। कांग्रेस और जेडीएस ने अपने-अपने विधायकों को विधानसभा में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी कर रखा है। अब कुमारस्वामी के ट्रस्ट वोट साबित करने के ऐलान के बाद बागी विधायकों को व्हिप का पालन करना पड़ेगा।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में आरोप लगाया कि बागी विधायकों के इस्तीफे के मामले में शीर्ष अदालत ने विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस दिये बगैर ही आदेश पारित किया था।
कर्नाटक का नाटक मंगलवार तक चलता रहेगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में अब मामले की सुनवाई मंगलवार को होगी तब तक विधानसभा अध्यक्ष कोई फैसला नहीं ले पाएंगे। सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने पूछा कि क्या विधानसभा अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के पावर को चुनौती दे रहे हैं?
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