सुरक्षा समूह ने जून की शुरुआत में जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (जेआईएल) का नियंत्रण लेने के बाद इक्विटी और ऋण के रूप में इसमें 250 करोड़ रुपये डाले हैं। जेआईएल के पास फिलहाल 1,250 करोड़ रुपये का फंड है, जिसमें 1,000 करोड़ रुपये की आंतरिक नकदी और सुरक्षा समूह से 250 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है।
Jaypee Infratech Share : सुरक्षा समूह ने जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड में 125 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डाली है। उसने यह निवेश बैंकों के बकाये का निपटान करने और दिल्ली-एनसीआर में करीब 20,000 अधूरे फ्लैट का निर्माण पूरा करने की अपनी समाधान योजना के तहत किया है।
न्यायाधिकरण ने यह भी आदेश दिया कि जय प्रकाश इंफ्राटेक की मूल कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स द्वारा जमा 750 करोड़ रुपए योजना का हिस्सा होगा।
दिवाला हो चुकी जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण की दौड़ में शामिल मुंबई की कंपनी सुरक्षा रीयल्टी अपनी बोली का अधिक आकर्षक बना सकती है।
कर्ज में फंसी जेपी इंफ्राटेक के कर्जदाताओं ने एनबीबीसी लिमिटेड से बिना किसी विवाद के स्पष्ट मालिकाना हक वाली कुछ और जमीन देने तथा ऋण-मुक्त यमुना एक्सप्रेस के हस्तांतरण की पेशकश करने को कहा है।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी लिमिटेड ने दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण के लिये रविवार को नयी बोली सौंपी।
जेपी इंफ्राटेक के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का जिम्मा NBCC ने लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने NBCC को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्या वह ये जिम्मेदारी निभाने को तैयार है? हां करने पर सुप्रीम कोर्ट ने NBCC को 3 हफ्ते में सीलबंद लिफाफे में नया प्रस्ताव पेश करने को कहा है।
एनसीएलएटी ने बोली लगाने के लिए पात्रता से जुड़ी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड की अर्जी खारिज कर दी है।
केन्द्र सरकार ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता में संशोधन में मकान खरीदारों के हितों की रक्षा को उचित महत्व दिया गया है, जिससे घर खरीदने वालों को मदद मिलेगी।
कर्ज के बोझ तले दबी जेपी इंफ्राटेक को सबसे ज्यादा कर्ज देने वाले आईडीबीआई बैंक ने एनबीसीसी की बोली का विरोध करते हुए कहा था कि यह बोली शर्तों के साथ रखी गई है।
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने आज बैंकों की राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) के आदेश के खिलाफ याचिका को स्वीकार कर लिया है।
जेपी इंफ्राटेक ने बताया कि वह यमुना एक्सप्रेस-वे को अन्य डेवेलपर को सौंपना चाहती है। उस डेवेलपर ने इसके लिए 2,500 करोड़ रुपए की पेशकश की है।
सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट फर्म जेपी एसोसिएट्स को 27 अक्टूबर तक न्यायालय की रजिस्ट्री में 2,000 करोड रुपए जमा कराने का आज निर्देश दिया है।
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने Jaypee Infratech Ltd के खिलाफ दिवालियापन की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है।
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