जयदेव ने ट्विटर पर लिखा, ''जब मैं बच्चा था तो मैं इस खेल के दिग्गजों को पूरे मनोयोग से खेलते हुए देखकर प्रेरित हुआ और मुझे अपना जुनून मिला। बाद के वर्षों में मैंने स्वयं यह अनुभव हासिल किया।''
जयदेव उनादकट अगले तीन-चार साल खुद को अपने खेल के शिखर पर देखते हैं और भारतीय टीम चयनकर्ताओं की लगातार अनदेखी भी उन्हें अपनी क्षमता से बेहतर करने से नहीं रोक पायेगी।
रणजी ट्रॉफी सत्र 2019-20 में सौराष्ट्र के लिए 67 विकेट के साथ शानदार प्रदर्शन करने वाले तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के दौरे के लिए भारतीय टीमों में खुद को न पाकर खफा हैं।
राजस्थान रॉयल्स के (आरआर) बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में देश की मदद करने के लिए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैच के वेतन का 10 प्रतिशत हिस्सा दान देने का फैसला किया है।
उनदाकट ने लोगों से वैक्सीन लगवाने की भी अपील की है साथ ही यह भी कहा की हम सभी को जरुरतमंदों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। यह बहुत ही कठीन समय है।
राजस्थान रॉयल्स के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट ने कहा कि मानसिक स्पष्टता से उन्हें आईपीएल के मौजूदा सत्र में अच्छी शुरूआत में मदद मिली।
जयदेव उनादकट ने माना कि जब वो क्रिस मॉरिस के साथ अंतिम पलों में बल्लेबाजी कर रहे थे। तो उनका यही प्लान था कि चीजों को साधारण रखना है और शांत रहना है।
आईपीएल इतिहास के कुछ ऐसे आकड़ें सामने आए हैं जो ये गवाही देते हैं कि जब - जब कोई खिलाड़ी सबसे महंगा बिका है। उसके बाद वो लीग में फ्लॉप रहा है।
सौराष्ट्र को राष्ट्रीय एक दिवसीय चैम्पियनशिप में एलीट ग्रुप ई में रखा गया है जिसमें जम्मू कश्मीर, हरियाणा, बंगाल, चंडीगढ और सेना की भी टीमें है।
पेशेवर क्रिकेटरों को मैच फिटनेस हासिल करने के लिए चार से छह सप्ताह की आवश्यकता होगी, लेकिन गेंदबाजों के लिए यह अधिक मुश्किल होगा क्योंकि लंबे ब्रेक के बाद उनके चोटिल होने का खतरा अधिक होगा।
जयदेव उनादकट का मानना है कि सफेद गेंद पर लार और पसीना का इस्तेमाल रुकने से खेल पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा।
उनादकट ने दिसंबर 2010 में 19 साल की उम्र में भारत के लिए अपना अभी तक का इकलौता टेस्ट मैच खेला था। वह हालांकि भारत के लिए सात वनडे और 10 टी-20 मैच खेल चुके हैं।
इस गेंदबाज ने ट्वीटर पर लिखा, "मेरा परिवार और मैं प्रधानमंत्री केयर्स फंड और मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान दे रहे हैं।"
उनादकट के बाद दूसरे नंबर पर मेघालय के लेफ्ट आर्म स्पिनर संजय यादव रहे। हरियाणा की ओर से खेलने वाले तेज गेंदबाज हार्विक पटेल तीसरे नंबर पर रहे।
सौराष्ट्र को रणजी चैंपियन बनाने वाले तेज गेंदबाज और कप्तान जयदेव उनादकट ने रविवार को सगाई कर ली।
सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव उनादकट ने टीम को रणजी ट्राफी दिलाने के बाद कहा कि इस शानदार घरेलू सत्र के बाद भारतीय टीम में वापसी की उनकी बेताबी काफी बढ़ गयी है।
उनादकट ने अपनी लाजवाब गेंदबाजी के साथ एक रन आउट कर इन 4 में से तीन विकेट झटके और महज आज 27 रन के अंदर बंगाल को 381 रन पर ढेर कर दिया।
जयदवे उनादकट पिछले 21 साल के इतिहास में रणजी ट्रॉफी के एक सीजन में सबसे ज्यादा विकेट चटकाने वाले तेज गेंदबाज बन गए हैं।
सौराष्ट्र ने अपनी पहली पारी में 304 रन का स्कोर बनाया और फिर गुजरात को उसकी पहली पारी में 252 रन पर ऑलआउट करके 52 रनों की बढ़त हासिल कर ली थी।
जयदेव उनाकट इस साल की नीलामी में ज्यादा रकम नहीं कमा सके, उन्हें इस साल भी राजस्थान ने 3 करोड़ रुपए में अपनी टीम में शामिल किया।
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