आमतौर पर नेता और कार्यकर्ता तब तक आपस में लड़ते हैं जब तक टिकट फाइनल नहीं हो जाता लेकिन समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल में उम्मीदवारों के नाम का ऐलान होने के बाद बगावत होना अच्छे संकेत नहीं हैं।
अवतार सिंह भड़ाना ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी छोड़कर राष्ट्रीय लोकदल की सदस्यता ग्रहण की थी।
राष्ट्रीय लोकदल के एक नेता ने कहा, हम गठबंधन में जूनियर पार्टनर हैं, लेकिन पश्चिम यूपी में मजबूत हैं और इस क्षेत्र में दबदबा रखते हैं।
पहले चरण के तहत आज से 21 जनवरी तक पश्चिमी यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया चलेगा। 11 जिलों पर एक नजर दें तो इसमें शामली, मेरठ, बागपत, हापुड़, गाजियाबाद, मधुरा, आगरा, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर, मुजफ्फरनगर और बुलंदशहर शामिल है।
जयंत ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "मोदी जी ने कहा था कि वर्ष 2022 तक हम किसानों की आय दोगुनी कर देंगे अब 2022 आने में सिर्फ आठ दिन बचे हैं। क्या किसी किसान की आय दोगुनी हुई है?"
अखिलेश यादव भी इस रैली में शामिल होने वाले थे, लेकिन परिवार के कुछ सदस्यों के कोरोना संक्रमित होने की वजह से उन्होंने खुद को सार्वजनिक कार्यक्रमों से अलग रखने का फैसला किया है।
यूपी चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। आज अलीगढ़ में अखिलेश यादव और जयंत चौधरी साथ मिलकर रैली कर रहे हैं और शक्ति प्रदर्शन भी।
लखनऊ में आज अखिलेश यादव के घर आरएलडी चीफ जयंत चौधरी पहुंचे। दोनों के बीच दो घंटे बात हुई और यूपी में गठबंधन को लेकर दोनों के बीच सहमति बनने की खबर आई। दोनों नेताओं ने इसकी पुष्टि अपने ट्वीटर हैंडल से मुलाकात की तस्वीरें शेयर कर की है।
बताया जा रहा है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव से उनके आवास पर मुलाकात के बाद सीटों का बंटवारा लगभग फाइनल हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, सीटों के बंटवारे को लेकर रालोद और सपा के बीच सहमति बन गई है। बुधवार को दोनों ही नेता गठबंधन का एलान कर सकते हैं।
योगी सरकार पर निशाना साधते हुए जयंत चौधरी ने कहा, "उत्तर प्रदेश में भी समय समय पर लोगों ने आवाज़ उठायी चाहे वो छात्र हों या शिक्षामित्र, बाबा (योगी आदित्यनाथ) ने सब पर लाठियां चलवाने का काम किया है, जब हमारी सरकार बन जाएगी आपको आंदोलन करने की आवश्यकता नहीं रहेगी।"
जयंत चौधरी ने ऐलान किया कि सपा-रालोद का गठबंधन किसानों को भाजपा सरकार द्वारा दिए जाने वाले छह हजार रूपये के सापेक्ष प्रतिवर्ष 12 हजार रुपए देगा और लघु एवं सीमांत किसानों व दूसरों का खेत जोतने वालों को 15 हजार रुपए दिए जाएंगे।
लखीमपुर खीरी की घटना पर जयंत चौधरी ने कहा, सरकार अभी तक पीड़ित परिवारों को न्याय नही दिला पाई है।
जयंत चौधरी ने कहा कि लखीमपुर तक पहुंचना बहुत मुश्किल काम था क्योंकि योगी ने पूरी सरकारी मशीनरी को विपक्ष के प्रयास को विफल करने में लगा दिया था।
राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए रविवार को सवाल किया कि ‘जब गृहमंत्री साजिश रच रहे हैं तो कौन सुरक्षित है?’
छपरौली के श्री विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के मैदान में चौधरी अजित सिंह की श्रद्धांजलि सभा एवं रस्म पगड़ी कार्यक्रम में जयंत चौधरी ने हवन में आहुति दी। उन्होंने कार्यक्रम में पहुंचे लोगों का अभिवादन स्वीकार किया।
जयंत चौधरी ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ''141 दिन, 350 से ज्यादा किसान शहीद। आने वाली पीढ़ियां खेती-किसानी बचाने के लिए त्याग को याद रखें।''
राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने तीनों नये कृषि कानूनों (New farm laws) को किसानों के लिए आपदा करार देते हुए रविवार को कहा कि इन कानूनों को खत्म कराने के लिये भाजपा को सियासी चोट देना जरूरी हो गया है।
राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के प्रमुख चौधरी अजीत सिंह ने भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों को समर्थन देने की घोषणा की, जिसके सदस्य दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर पर केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी शुक्रवार सुबह दिल्ली से सटे गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। यहां वह भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से मिलने पहुंचे।
हाल ही में हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने गए जयंत चौधरी पर हुए लाठीचार्ज को लेकर RLD कार्यकर्ताओं में गुस्सा देखने को मिल रहा है। सोमवार को इसी के विरोध में मथुरा में एक महापंचायत का आयोजन किया गया।
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