हाल ही में हुए उपचुनाव में खतौली सीट पर रालोद के प्रत्याशी मदन भैया ने बीजेपी की उम्मीदवार राजकुमारी सैनी को 22 हजार से भी ज्यादा वोटों से पराजित किया था। जिसके बाद अब विपक्ष प्रदेश सरकार को नए सिरे से घेरने की तैयारी कर रहा है।
जेएमजी समीकरण का मतलब है, जाट+मुस्लिम+गुर्जर। दरअसल, जयंत चौधरी जाट समुदाय से आते हैं और मदन भैया गुर्जर समुदाय से। वहीं आरएलडी को मुस्लिमों का समर्थन पश्चिमी यूपी में पहले से मिलता आया है।
राज्यसभा सांसद बनना तय माने जा रहे जयंत चौधरी के इस फैसले का बिश्नोई समाज ने भी स्वागत किया है। बिश्नोई समाज का जाना माना नाम मनोहर विश्नोई ने जयंत चौधरी को रीट्वीट कर कहा, सकारात्मक सोच, सराहनीय पहल।
Jayant Chaudhary: राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी को लेकर कई दिनों से चले आ रहे सस्पेंस को समाजवादी पार्टी ने खत्म कर दिया है। सपा ने गुरुवार को ऐलान किया कि जयंत चौधरी सपा और रालोद के संयुक्त प्रत्याशी होंगे।
जयंत ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘‘हाल के विधानसभा चुनाव की समीक्षा के लिए एक समीक्षा समिति गठित की गई है जो जिलों के दौरे कर जानकारी जुटा रही है। समीक्षा के बाद लखनऊ में बड़े पैमाने पर कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।’’
उत्तर प्रदेश विधानसभा के हाल में संपन्न चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल ने 33 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे।
मसूद अहमद ने जयंत चौधरी और अखिलेश यादव पर तानाशाह की तरह काम करने का आरोप लगाया।
रालोद के मुखिया जयंत चौधरी ने कहा कि मानसिक दबाव बनाने के लिए यह एक्जिट पोल हो रहे हैं। पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने कहा कि जितने भी टीवी चैनल के एक्जिट पोल हैं, ये एक राय है। मैं तो इससे सहमत नहीं हूं।
मोदी, योगी और शाह - BJP के बड़े नेता यूपी चुनाव को लेकर बड़े-बड़े बयान दे रहे हैं। इसकी चर्चा BJP से ज़्यादा अखिलेश और जयंत चौधरी के कैंप में हो रही है। आखिर पश्चिमी यूपी में ऐसा क्या हुआ जिससे अखिलेश-जयंत कैंप में खलबली मच गई और BJP का कॉन्फिडेंस बढ़कर दोगुना हो गया ? देखिए यह रिपोर्ट।
जयंत चौधरी ने दावा किया कि प्रदेश में सपा-रालोद गठबंधन की सरकार बनने पर भेदभाव के सबके लिए काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि इस बार चुनाव में चूक गए तो किसान हार जाएगा और फिर इस देश में कभी आंदोलन नहीं होगा।
जयंत चौधरी ने खराब मौसम के कारण प्रधानमंत्री की रैली रद्द होने संबंधी समाचार के साथ ही 'गूगल मौसम रिपोर्ट' का स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जिसमें बिजनौर में धूप खिली दिखाई गई है।
जनसभा को संबोधित करते हुए जयंत चौधरी ने कहा, हम किसानों और युवा समाज के हर वर्ग की लड़ाई लड़ने का कार्य कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का गुरुवार को बुलंदशहर में आमना-सामना हुआ।
भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें युवाओं, किसानों और रोजगार सृजन के लिए ‘कुछ भी नहीं’ है।
राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के मुखिया जयंत चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर करारे तंज कसे। उन्होंने भाजपा को किसान, गरीब, मजदूर, युवा, व्यापारी आदि की विरोधी पार्टी बताते हुए उसे दोबारा सत्ता में न आने देने की अपील की।
योगी आदित्यनाथ मेरठ और गाजियाबाद में प्रचार करेंगे जबकि अपर्णा यादव रायबरेली में अदिति सिंह के लिए वोट मांगेंगी।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस्तीफा देने वाले मंत्री अब झूठ बोल रहे हैं। बीजेपी छोड़ने वाले नेता अतृप्त आत्मा हैं। बीजेपी छोड़ने वाले नेताओं की सोच परिवारवादी है। पार्टी छोड़ने वाले परिवार के लिए टिकट चाहते थे।
इस बार पश्चिमी यूपी में किसकी हवा है। क्या योगी 2017 का परफॉर्मेंस दोहरा पाएगे या अखिलेश जयंत की जोड़ी गेम चेंजर साबित होगी। आज योगी और अखिलेश दोनों ने पश्चिमी यूपी में अपना प्रचार किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने जहां मेरठ के हस्तिनापुर से अखिलेश सरकार पर हमला किया, वहीं अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने मुज़फ़्फ़रनगर से लाल टोपी और लाल पोटली दिखा कर योगी सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाया। पहले आपको सुनाते हैं किस तरह सीएम योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश सरकार पर कांवड़ यात्रा रोकने, दंगाइयों को गले लगाने और मुकदमें वापस लेने का आरोप लगाया।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर कोई शिकायत है तो वो उनसे लड़ सकते हैं, लेकिन भाजपा से कोई नाराजगी नहीं रखनी चाहिए। जयंत चौधरी को लेकर जाटों के मन में सॉफ्ट कार्नर को देखते हुए शाह ने यह भी कहा कि जयंत ने इस बार गलत घर चुन लिया है।
शाह ने कहा कि अगर कोई शिकायत है तो वो उनसे लड़ सकते हैं , लेकिन भाजपा से कोई नाराजगी नहीं रखनी चाहिए। अखिलेश यादव को बाहरी बताते हुए जाट नेताओं से शाह ने यह भी कहा कि घर की लड़ाई में बाहर वालों को क्यों लाते हो ?
संपादक की पसंद