पीएम मोदी के 9 वर्षों के कार्यकाल में ही भारत ने रक्षा के क्षेत्र में बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है। भारतीय सेना की ताकत पहले से कई गुना बढ़ गई है। खास बात यह है कि हिंदुस्तान अब लड़ाकू विमानों और हथियारों के लिए विदेश पर निर्भर नहीं रहा।
जापान में एक नया ही ट्रैंड चल गया है। कई कंपनियां अब किराए पर परिवार उपलब्ध करा रही है। यहां तक की आपके लिए गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड भी रेंट पर मिल जाएंगे। कैटलॉग देखकर आप अपने अनुसार मेंबर्स का चयन कर सकते हैं।
चक्रवात मावार के कारण जापान में शुक्रवार को भारी बारिश हुई, जिससे दक्षिण तथा पश्चिमी इलाकों में बाढ़ आने तथा भू-धंसाव का खतरा बढ़ गया है।
कहते हैं कि शराब नहीं पीना चाहिए क्योंकि इससे आपकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। लेकिन इस देश में इसके उल्टा ही हो रहा है। यहां की सरकार अपने युवाओं से शराब पीने की अपील कर रही है।
चीन ने जापान से कहा है कि क्षेत्र की शांति को ध्यान में रखते हुए उसे लिथुआनिया में हो रही NATO समिट में हिस्सा नहीं लेना चाहिए।
अमेरिका का दुश्मन नंबर 1 चीन अब रूस के साथ खड़ा होता दिख रहा है। ऐसे में एशिया में रूस, खासकर चीन की अकड़ ढीली करने के लिए सुदूर पूर्व में जापान के साथ नाटो अब अपनी करीबी बढ़ा रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन अपने ही देश की डोमेस्टिक डेट सीलिंग पर चर्चा कर रहे थे तब एक रिपोर्ट ने उनके जवाब के बीच में ही दखल दिया। इस पर बाइडन गुस्सा हो गए। उन्होंने उस पत्रकार से कहा कि चुप रहो, ठीक है?
जापान के हिरोशिमा में जी-7 देशों के सम्मेलन के अंत में जो जॉइंट स्टेटमेंट जारी किया गया, उससे चीन के सीने पर सांप लोट गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जापान में ब्रिटेन और ब्राजील के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता करके भारत के संबंधों को मजबूत किया। प्रधानमंत्री ने ब्राजील के राष्ट्रपति इनासियो लूला डा सिल्वा और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक के साथ रविवार को उपयोगी और व्यापक वार्ता की।
जापान में चल रहे जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान पूरी दुनिया को उम्मीद थी कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कुछ न कुछ बड़ी बात जरूर कहेंगे। यह उम्मीद इस लिए भी थी कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी बातों को मजबूती से रखने के लिए जाने जाते हैं।
जापान के जी-7 शिखर सम्मेलन में बतौर जी-20 अध्यक्ष शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी दुनिया को वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए 10 सूत्री कार्ययोजना का अहम मंत्र दिया।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकप्रियता के मामले में दुनिया के सभी नेताओं को पीछे छोड़ दिया है। लगातार वह लोकप्रियता में अव्वल साबित हो रहे हैं। पीएम मोदी का जीवन, कार्यशैली और अंदाज ही ऐसा है कि वह हर किसी को कायल बना देता है। इसीलिए दुनिया के ताकतवर देशों के मुखिया भी पीएम मोदी से बेहद लगाव रखते हैं।
पीएम मोदी आज G-7 के आखिरी सेशन में हिस्सा लेंगे। इससे पहले आज तड़के पीएम मोदी हिरोशिमा शांति स्मारक पहुंचे और परमाणु हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
पीएम मोदी ने कहा कि यूक्रेन संकट का हल निकालने के लिए भारत हर संभव कोशिश करेगा। वहीं जेलेंस्की ने भी भारत को अपने शांति के फॉर्मूले के बारे में विस्तार से बताया।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1945 में अमेरिका द्वारा जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में गिराए गए परमाणु बम से हुई त्रासदी की यादें उस वक्त ताजा हो गईं, जब राष्ट्रपति जो बाइडेन हमले की दर पर पहुंचे।
जी-7 में शामिल होने आए देशों के साथ भारत अपने द्विपक्षीय सहयोग के आधार को और मजबूत करने में जुटा है। वियतनाम के बाद पीएम मोदी ने दक्षिण कोरिया के साथ भी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए वार्ता की।
जापान में चल रहे जी-7 शिखर सम्मेलन में हिंदुस्तान का जलवा पूरी दुनिया देख रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से लेकर विश्व के अन्य ताकतवर नेता भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कायल नजर आ रहे हैं। जी-7 की बैठक के दौरान उस वक्त चीन को चक्कर आ गया जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पीएम मोदी को ढूंढ़ते हुए उनके पास आए।
परमाणु हथियारों को बनाने की होड़ में दुनिया भर को खतरे में डालने वाले चीन और उत्तर कोरिया को जी-7 के मंच से दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोकतंत्रों के नेताओं ने कड़ी चेतावनी दी है। चीन और उत्तर कोरिया को विश्व नेताओं ने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की के शनिवार को हिरोशिमा पहुंचने से पहले यह चेतावनी दी है।
G-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जापान पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिरोशिमा के मंच से दुनिया को बड़ा संदेश दिया है। भारत ने वियतनाम से इस दौरान द्विपक्षीय वार्ता के दौरान प्रमुख रक्षा साझीदारों के तौर पर वर्णित किया है। बता दें कि वियतनाम ब्राजील और भारत जैसे ताकतवर देशों की तरह उभरता हुआ देश है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के जी-7 में शामिल होने से पहले योमिउरी शिंबुन को विशेष साक्षात्कार दिया है। इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर, दक्षिण-चीन सागर में चीन की बढ़ती दादागीरी, चीन-ताइवान तनाव, वैश्विक खाद्य और ऊर्जा संकट जैसे मुद्दों पर खुलकर बातचीत की है।
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