अंतरराष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा अब दुनिया भर के देशों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। समुद्र के रास्ते अवैध हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी ने जोर पकड़ा है। ऐसे में समुद्री व्यवस्था का बेहतर रखरखाव और अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी हो गया है। इसके लिए दुनिया की उम्मीद भरी निगाहें भारत की ओर हैं।
भारत अब सेमीकंडक्टर का नया केंद्र बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2018 में ही भारत-जापान डिजिटल साझेदारी की शुरुआत की थी। अब दोनों देशों के बीच सेमीकंडक्टर निर्माण को लेकर महत्वपूर्ण समझौता हुआ है। इस दिशा में इसे भारत की पहली छलांग माना जा रहा है।
जापान की सुप्रीम कोर्ट ने लिंग परिवर्तन के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने जापान में उस कानून को असंवैधानिक करार दिया है, जिसके तहत ट्रांसजेंडरों को दस्तावेजों में लिंग परिवर्तन कराने के लिए अपने प्रजनन अंगों को भी बदलवाना पड़ता था।
एसएंडपी ग्लोबल इंडिया के मुताबिक, भारत के साल 2030 तक 7.3 ट्रिलियन इकोनॉमी के साथ दुनिया की तीसरी इकोनॉमी बनने की संभावना है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2023 वित्त वर्ष में भी लगातार मजबूत ग्रोथ दिखाना जारी रखा।
जापान और चीन की दुश्मनी काफी पुरानी है। विस्तारवादी मानसिकता वाले चीन से टककर लेने के लिए जापान ने भी कमर कस ली है। वह अपने दोस्त अमेरिका से खतरनाक टॉमहॉक मिसाइलों का जखीरा खरीदने जा रहा है। खुद जापानी रक्षामंत्री ने इसकी घोषणा की है।
चीन सहित पड़ोसी देशों के विरोध के बावजूद जापान रेडियोएक्टिव जल छोड़ रहा है। पहली खेप खत्म होने के बाद अब जापान ने दूसरी खेप छोड़ना शुरू कर दिया है। इसके लिए संशोधित रेडियोधर्मी जल को समुद्र में छोड़ने के लिए एक पंप चालू कर दिया।
जापान दुनिया के सबसे ज्यादा भूकंप के संवेदनशील इलाकों में से एक है। यहां एक बार फिर भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.6 बताई जा रही है। इसके चलते सुनामी को लेकर भी चेतावनी जारी कर दी गई है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के दौरान दुनिया को परमाणु हथियारों से मुक्त करने का मुद्दा गूंजा। जापान ने कहा कि वह पूरे विश्व को परमाणु हथियारों से मुक्त करने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए अगुवाई करना चाहता है। वहीं ईरान ने अमेरिका पर पूर्व के परमाणु समझौते पर लौटने के लिए इच्छाशक्ति दिखाने की बात कही।
चीन ऐसा अजीबोगरीब कानून लेकर आ रहा है, जिससे अपनी पसंद की कोई भी पोशाक पहनना मुश्किल हो जाएगा। दरअसली, चीनी सरकार जिस ड्रेस को पसंद न करे उस पोशाक को पहनने वालों पर कार्रवाई कर सकती है। इस आशय का एक कानून लाने की कवायदें चल रही है।
भारत ने G20 Summit की मेजबानी सफलता पूर्वक पूरी कर ली है। जिसमें जी-20 लीडर्स समिट डिक्लेरेशन पर पीएम मोदी का घोषणा पत्र आम सहमति से मंजूर हुआ। घोषणा पत्र में मजबूत, दीर्घकालीक, संतुलित और समावेशी विकास की बात की गई।
अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और क्रांति की उम्मीद बढ़ गई है। भारत के ताबड़तोड़ चांद और सूर्य मिशन के बाद अब जापान ने अपना ब्रह्मांड मिशन लांच किया है। जापान का एक्सरे रॉकेट दूरबीन के साथ ब्रह्मांड की उत्पत्ति का पता लगाने चांद पर रवाना हो चुका है। भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संघठन ने जापान को इसके लिए बधाई दी है।
बांग्लादेश का मातरबारी पोर्ट डेवलप किया जा रहा है। यह पोर्ट बनने से भारत, भूटान, नेपाल को भी फायदा होगा। वहीं चीन की नींद उड़ जाएगी। भारत के दोस्त और चीन के दुश्मन देश जापान द्वारा यह पोर्ट डेवलप किया जा रहा है।
जापान अपने रक्षा बजट में रिकॉर्ड बढ़ोतरी कर रहा है। इससे चीन और उत्तर कोरिया को झटका लगेगा। इसी बीच एशिया प्रशांत क्षेत्र में दो धुरियां बन रही हैं। एक गुट चीन, उत्तर कोरिया और रूस का है। वहीं दूसरा गुट है जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया का।
जापान और चीन में तल्खी बढ़ गई है। जापान ने 24 अगस्त को अपने फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट से रेडियोएक्टिव पानी छोड़ने की शुरुआत की थी। अब चीन द्वारा इस मामले में जापानी स्कूलों और दूतावास पर पत्थरबाजी की जा रही है। इसका जापान ने विरोध किया है।
क्वाड में भारत साथी जापान के चंद्र मिशन को लगता है 'ग्रहण' लग गया है। जापान के चंद्र मिशन में लगातार रुकावटें आ रही हैं। इस कारण तीसरी बार लॉन्चिंग टल गई है।
जापान ने जब से रेडियोएक्टिव पानी छोड़ा है। तबसे चीन, हांगकांग, दक्षिण कोरिया जैसे देश परेशान हैं। चीन, हांगकांग ने तो समंदर का पानी जहरीला होने के अंदेशे में जापान से सी फूड मंगवाना भी बंद कर दिया है। अब चीन की ओर से जापान को इस मामले में धमकीभरे कॉल किए जा रहे हैं। इस पर जापान ने ऐतराज जताया है।
सुनामी से तबाह हुए फुकुशिमा दाइची न्यूक्लियर प्लांट से 133 करोड़ लीटर रेडियोएक्टिव पानी जापान ने छोड़ना शुरू कर दिया है। इस पानी के छोड़ने से चीन और हांगकांग व दक्षिण कोरिया जैसे देश डर गए हैं। चीन ने जापान पर यह पाबंदी लगा दी है।
अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया अब एक नए सुरक्षा संकल्प पर आगे बढ़ चुके हैं। इस संगठन के बनने के बाद उत्तर कोरिया से लेकर चीन तक की चुनौती बढ़ने वाली है। नए सुरक्षा संकल्प के अनुसार अमेरिका, जापान या दक्षिण कोरिया में से किसी एक देश पर हमला सभी पर आक्रमण माना जाएगा और फिर तीनों देश मिलकर इसका जवाब देंगे।
जापान के पास वर्तमान में बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम मौजूद है, लेकिन यह हाइपरसोनिक हथियारों के हमले को रोकने मे सक्षम नहीं है। ऐसे में अमेरिका के साथ मिलकर जापान हाइपरसोनिक मिसाइल इंटरसेप्टर बना रहा है, जो कारगर होगा।
जापान भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6 मापी गई है।भूकंप का केंद्र पृथ्वी की सतह से 46 किमी (28.58 मील) नीचे था।
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