जी-7 में शामिल होने आए देशों के साथ भारत अपने द्विपक्षीय सहयोग के आधार को और मजबूत करने में जुटा है। वियतनाम के बाद पीएम मोदी ने दक्षिण कोरिया के साथ भी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए वार्ता की।
जापान में चल रहे जी-7 शिखर सम्मेलन में हिंदुस्तान का जलवा पूरी दुनिया देख रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से लेकर विश्व के अन्य ताकतवर नेता भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कायल नजर आ रहे हैं। जी-7 की बैठक के दौरान उस वक्त चीन को चक्कर आ गया जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पीएम मोदी को ढूंढ़ते हुए उनके पास आए।
परमाणु हथियारों को बनाने की होड़ में दुनिया भर को खतरे में डालने वाले चीन और उत्तर कोरिया को जी-7 के मंच से दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोकतंत्रों के नेताओं ने कड़ी चेतावनी दी है। चीन और उत्तर कोरिया को विश्व नेताओं ने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की के शनिवार को हिरोशिमा पहुंचने से पहले यह चेतावनी दी है।
G-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जापान पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिरोशिमा के मंच से दुनिया को बड़ा संदेश दिया है। भारत ने वियतनाम से इस दौरान द्विपक्षीय वार्ता के दौरान प्रमुख रक्षा साझीदारों के तौर पर वर्णित किया है। बता दें कि वियतनाम ब्राजील और भारत जैसे ताकतवर देशों की तरह उभरता हुआ देश है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के जी-7 में शामिल होने से पहले योमिउरी शिंबुन को विशेष साक्षात्कार दिया है। इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर, दक्षिण-चीन सागर में चीन की बढ़ती दादागीरी, चीन-ताइवान तनाव, वैश्विक खाद्य और ऊर्जा संकट जैसे मुद्दों पर खुलकर बातचीत की है।
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जापान के हिरोशिमा में चल रहे जी-7 शिखर सम्मेलन में बतौर आमंत्रित सदस्य हिस्सा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंच गए हैं। पीएम मोदी ने इस दौरान हिरोशिमा में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण भी किया। साथ ही जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से मुलाकात के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की।
PM Modi In G-7 Summit: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी-7 देशों के शिखर सम्मेलन में बतौर अतिथि शिरकत करने के लिए इस हिरोशिमा(Hiroshima) में हैं। पीएम मोदी का आज का कार्यक्रम बेहद व्यस्त है और इसकी शुरुआत भी हो चुकी है।
दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोकतांत्रिक देशों के नेताओं ने ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (ज-7) की बैठक में यूक्रेन पर हमला करने वाले रूस को दंडित करने के नए तरीके खोजने पर चर्चा की योजना बनाई है। विश्व के सभी नेता जी-7 में रूस पर और अधिक प्रतिबंध लगाने की तैयारी में हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जापान में आयोजित हो रहे जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए रवाना हो चुके हैं। इस दौरान उनका आस्ट्रेलिया और पापुआ न्यू गिनी जाने का भी कार्यक्रम है। रवानगी से पहले पीए मोदी ने शुक्रवार को कहा कि जापान में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन में उनकी उपस्थिति विशेष मायने रखती है।
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इस बार दुनिया के ताकतवर देशों के नेता उस हिरोशिमा शहर में मिल रहे हैं जहां मानव सभ्यता ने अब तक का सबसे बड़ा परमाणु बम का विध्वंस देखा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की पूरी दुनिया कायल होती जा रही है। वर्ष 2014 में सत्ता संभालने के बाद से जिस तरह पीएम मोदी ने भारत को तरक्की के पहिए पर दौड़ाया है, उससे दूसरे देश भी प्रभावित हैं और हिंदुस्तान से बहुत कुछ सीखना चाहते हैं।
स्वीडन में यूरोपीय और हिंद प्रशांत देशों के विदेश मंत्रियों की एक बैठक में जापानी विदेश मंत्री हयाशी ने कहा कि यूक्रेन में जंग ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की बुनियाद को हिला दिया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मिलकर इसका जवाब देना चाहिए।
चीन और रूस अब यूक्रेन युद्ध के बीच मिलकर कुछ ऐसा करने जा रहे हैं जो यूरोप के लिए कतई शुभ समाचार नहीं है। दोनों महाशक्तियां यूरोप और पश्चिमी देशों का दबदबा खत्म करने के लिए बड़ा सैन्य सहयोग करने जा रहे हैं। यह सिर्फ यूक्रेन युद्ध के लिए ही नहीं, बल्कि अमेरिका समेत नाटो देशों के लिए भी बड़ा झटका है।
जापान की राजधानी तोक्यो और उसके आसपास के इलाकों में गुरुवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। बताया जा रहा है कि इसमें कई लोग घायल हो गए।
किशिदा और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ने रविवार को उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम जैसी साझा चुनौतियों का सामना करने के लिए ऐतिहासिक विवादित मुद्दों को सुलझाने और आपसी सहयोग को मजबूत करने का संकल्प लिया।
फुमियो किशिदा ने कहा “मार्च से ही हमारे बीच वित्त और रक्षा समेत अन्य क्षेत्रों में विभिन्न स्तर पर संवाद बरकरार है। मेरी योजना इस संवाद को और विस्तार देने की है। दक्षिण कोरियाई और जापानी अधिकारियों ने कहा कि योल और किशिदा उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम,दक्षिण कोरिया व जापान की आर्थिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर बात होगी।
मध्य जापान में शुक्रवार दोपहर को आए जोरदार भूकंप ने खलबली मचा दी है। इस भूकंप में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
जापान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.3 दर्ज की गई है। वहीं भूकंप का केंद्र नागोया से 262 किमी दूर उत्तर दिशा में है।
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