जंतर मंतर पर किसान कानूनों के खिलाफ विरोध में बैठे किसानों से मिलने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं के साथ राहुल गांधी पहुंचे हैं
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को घोषणा की कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के आठ महीने पूरे होने के अवसर पर महिलाएं सोमवार को जंतर-मंतर पर ‘ किसान संसद’ का आयोजन करेंगी।
किसान नेताओं की मुख्य समस्या ये है कि उन्होंने तीनों कानूनों की वापसी को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है।
दिल्ली पुलिस की मंजूरी के बाद, किसानों ने केंद्र और उसके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर-मंतर पर अधिनियमों को रद्द करने की मांग करते हुए अपना विरोध शुरू कर दिया है। किसानों ने कहा है कि उचित COVID-19 मानदंडों के अनुसार प्रतिदिन सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक जंतर मंतर पर एक प्रदर्शन किया जाएगा, यह कहते हुए कि आंदोलन शांतिपूर्ण होगा।
नए कृषि कानूनों के विरोध में आज से किसान जंतर-मंतर पर अपना विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे। आज दिल्ली छावनी में तब्दील है। यहां चप्पे चप्पे पर सख्त पहरा है, पुलिस भी है और पैरामिलिट्री फोर्स भी।
नए कृषि कानूनों के विरोध में आज से किसान जंतर-मंतर पर अपना विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे। दिल्ली पुलिस ने किसान संगठनों को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की इजाजत दे दी है।
केंद्र के 3 कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान गुरुवार से जंतर-मंतर पर भारी सुरक्षा के बीच आंदोलन शुरू करेंगे। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने 9 अगस्त तक अधिकतम 200 किसानों द्वारा प्रदर्शन की विशेष अनुमति दे दी है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि 200 किसानों का एक समूह पुलिस की सुरक्षा के साथ बसों में सिंघू सीमा से जंतर-मंतर आएगा और वहां पूर्वाह्न 11 बजे से शाम 5 बजे तक विरोध प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियनों के निकाय संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) को एक शपथपत्र देने के लिए कहा गया है कि सभी कोविड मानदंडों का पालन किया जाएगा और आंदोलन शांतिपूर्ण होगा।
भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने स्थानीय निवासियों की सुविधा के लिए अधिकारियों से प्रदर्शन स्थलों के पास की सड़कों को फिर से खोलने का आग्रह करते हुए कहा कि गाजीपुर सीमा से कोई भी किसान "गुप्त रूप से" दिल्ली नहीं जाएगा।
केंद्र के 3 कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान गुरुवार से जंतर-मंतर पर भारी सुरक्षा के बीच आंदोलन शुरू करेंगे।
किसान यूनियन ने संसद के मौजूदा मॉनसून सत्र के दौरान जंतर-मंतर पर एक ‘किसान संसद’ का आयोजन करने की योजना बनाई है।
किसान संगठनों ने संसद का घेराव करने की योजना बनाई थी लेकिन किसान यूनियन के एक नेता ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा कि किसान कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे और कोई भी प्रदर्शनकारी संसद नहीं जाएगा।
दिल्ली पुलिस की सलाह पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह राजघाट के बदले अब बुधवार को यहां जंतर-मंतर पर अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों और विधायकों के साथ 'धरना' देंगे।
मध्य दिल्ली के जंतर मंतर पर शुक्रवार को कोविड-19 महामारी के बाद से शायद सबसे बड़ा प्रदर्शन हुआ तथा वहां जुटे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने हाथरस में कथित सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई युवती के लिए इंसाफ की मांग की।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल भी जंतर मंतर पर अनशन पर बैठ गईं हैं। इससे पहले स्वाति बापू की समाधि पर राजघाट भी गईं। इससे पहले उन्होंने आरोप लगाया था कि पुलिस उन्हें जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करने की अनुमति नहीं दे रही है।
कोलकाता में विपक्ष की रैली की अगुवाई ममता बनर्जी ने की थी लेकिन दिल्ली में आज होने जा रही विरोधियों की रैली का नेतृत्व आम आदमी पार्टी करेगी।
SC/ST आरक्षण से जुडे मामलों पर दलित समुदाय काफी नाराज है जिसके चलते देशभर से कई दलित संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। इसकी के चलते दिल्ली के जंतर-मंतर पर बैठे दलितों के प्रदर्शन का हिस्सा बनने बुधवार को राहुल गांधी वहां पहुंचे।
दिल्ली के जंतर-मंतर पर दलितों के प्रदर्शन में शामिल हुए राहुल गांधी, पीएम मोदी पर बोला हमला
मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेपकांड पर RJD का जंतर-मंतर पर जोरदार प्रदर्शन, राहुल-केजरीवाल समेत कई विपक्षी नेता पहुंचे
उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि जंतर - मंतर पर प्रदर्शन करने या धरना देने पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लग सकता है। पीठ ने केन्द्र को निर्देश दिया कि वह ऐसे प्रदर्शनों की अनुमति देने के लिए दिशा - निर्देश तय करें।
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