इस योजना के तहत देशभर में अभी तक 53.13 करोड़ लोगों के बैंक खाते खोले जा चुके हैं, जिनमें 2,31,236 करोड़ रुपये जमा हैं। खास बात ये है कि इन 53.13 करोड़ खातों में से 66.6 प्रतिशत यानी करीब 35.37 करोड़ से ज्यादा खाते सिर्फ ग्रामीण और अर्ध शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना के 10 साल पूरे हो रहे हैं। ऐसे में इस योजना के एक दशक पूरे होने का जश्न मनाया जा रहा है। इसके तहत इस योजना से जुड़े कुछ सवालों का जवाब देकर कोई भी इनाम जीत सकता है।
पीएमजेडीवाई को 28 अगस्त, 2014 को वित्तीय समावेश के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था। इस योजना ने ने बैंकिंग सेवाओं से वंचित नागरिकों के सशक्तिकरण में बड़ी भूमिका निभाई है।
गौरतलब है कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री जनधन योजना को 2014 में शुरू किया गया था।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) भारत सरकार की बेहद सफल योजनाओं में से एक है। इस योजना ने करोड़ों लोगों को बैंकिग की सिस्टम से जोड़ा है। मौजूदा समय में सरकार तमाम स्कीम का लाभ सीधे बैंक खाते के जरिए दे रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रबुद्ध भारत की पत्रिका के 125वें वार्षिकोत्सव में बोलते हुए रविवार को कहा कि अगर गरीब बैंकों तक नहीं पहुंच सकते तो बैंकों को गरीबों तक पहुंचाया जाए।
पीएमजेडीवाई खातों में एक अप्रैल, 2020 तक कुल जमा 1.19 लाख करोड़ रुपये थे, जो नौ सितंबर, 2020 तक 8.5 प्रतिशत बढ़कर 1.3 लाख करोड़ रुपये हो गई। सितंबर, 2020 तक 3.01 करोड़ खाते ऐसे थे, जिनमें एक भी पैसा नहीं था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा आरंभ की गई कल्याणकारी योजनाओं की सराहना करते हुए भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि इनसे गरीब और अंतिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति सशक्त हुआ है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन आया है।
जनधन खातों में यह सफलता योजना की छठी वर्षगांठ से कुछ दिन पहले ही हासिल हुई है।
प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गए खाते बेसिक बचत खाता जमा (बीएसबीडी) खाते हैं, जिनके साथ रूपे डेबिट कार्ड और ओवरड्रॉफ्ट जैसी विशेष सुविधाएं मिलती हैं।
प्रधानमंत्री जन धन खातों में कुल जमा रकम जल्द ही 90,000 करोड़ रुपये के स्तर को पार जा सकती है।
प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) में खाताधारकों की संख्या 32 करोड़ से ज्यादा पहुंच गई है। वित्त मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पांच सितंबर तक कम-से-कम 20 लाख लोग इस योजना में शामिल हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महात्वाकांक्षी जन धन योजना की सफलता के बाद भी भारत में 19 करोड़ व्यस्कों के पास बैंक एकाउंट नहीं हैं। वर्ल्ड बैंक ने गुरुवार को इस बात का खुलासा करते हुए कहा है कि चीन के बाद भारत में दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा जनसंख्या ऐसी है, जिसके पास बैंक एकाउंट नहीं है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि जनधन योजना की शुरुआत से लेकर फरवरी अत तक देशभर में कुल 31.20 करोड़ जनधन खाते खोले जा चुके हैं
प्रधानमंत्री जनधन खातों की संख्या जहां सबसे ज्यादा है, उन राज्यों में ग्रामीण महंगाई घटी है। नोटबंदी के बाद से जनधन खातों में तेजी से इजाफा हुआ है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने जनधन खातों में कुछ व्यक्तियों द्वारा जमा की गई 1.64 करोड़ रुपए की अघोषित आय (ब्लैकमनी) और अन्य विसंगतियों का पता लगाया है।
नोटबंदी के बाद जनधन खातों में जमा में हुई जोरदार बढ़ोतरी में अब स्थिरता आती दिख रही है। 30 नवंबर तक सात दिन में जनधन खातों में 1,487 करोड़ रुपए जमा हुए हैं।
RBI ने जनधन खातों का दुरूपयोग किए जाने की आशंका जताते हुए आगाह किया कि इन खातों के जरिए धोखाधड़ी का अधिक डर है।
जितेंद्र सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 28 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं और बैंकों को इन खातों में 36000 करोड़ रुपए की जमाएं मिली हैं।
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