Jammu Kashmir Assembly Election: 39. 18 लाख से अधिक मतदाता 5,060 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर 415 उम्मीदवारों की किस्मत तय करेंगे। इस चरण के चुनाव में दो पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद और मुजफ्फर बेग मैदान में हैं।
जम्मू-कश्मीर इलेक्शन..फाइनल राउंड में वोटर किधर? कश्मीर चुनाव में हिजबुल्लाह...क्या बना मुद्दा? आखिरी ठप्पा नसरल्लाह के नाम पर या बदलाव पर? कश्मीर की आखिरी बाजी...निर्दलीयों के पास चाबी?
जम्मू-कश्मीर में दशकों से रहने के बावजूद विधानसभा चुनावों में वोट डालने के अधिकार से वंचित वाल्मीकि समुदाय ने पहली बार अपना विधायक चुनने के लिए मतदान किया।
अगस्त 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से जम्मू -कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है, जिसके नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। अंतिम चरण में कुल 40 सीटों पर चुनाव संपन्न हो गए हैं।
J&K Assembly Elections Phase 2 जम्मू कश्मीर में आज 6 जिलों की कुल 26 सीटों पर 56 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। अगस्त 2019 में केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद से जम्मू कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव हो रहा है।
जम्मू कश्मीर की लाल चौक सीट पर इन विधानसभा चुनावों में जबरदस्त मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है और सभी पार्टियों ने इस सीट को जीतने के लिए अपना पूरा जोर लगा दिया है।
15,500 से अधिक कश्मीरी प्रवासी मतदाता दूसरे चरण के चुनाव के लिए जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में बनाए गए 24 विशेष मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं। जम्मू में 14,700 से अधिक कश्मीरी पंडित मतदाता पंजीकृत हैं, जो यहां 19 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
जम्मू-कश्मीर का चुनाव अब दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है...दूसरे चरण के चुनाव के लिए तमाम पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है...एक तरफ इन पार्टियों के अपने एजेंडे हैं अपनी सियासत है...तो दूसरी तरफ अब इस चुनाव में पाकिस्तान की भी वाइल्ड कार्ड एंट्री हो गई है..
जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बीच पीएम मोदी ने कटरा में रैली की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार दिल और दिल्ली की दूरी मिटा रही है।
Jammu Kashmir में कुछ ऐसी छोटी पार्टियां भी हैं, जो किंगमेकर बन सकती हैं और बड़ी पार्टियों का खेल भी बिगाड़ सकती हैं। इनमें पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी), अपनी पार्टी, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) और अवामी इत्तेहाद पार्टी शामिल हैं।
बडगाम विधानसभा सीट को जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस का गढ़ माना जाता है लेकिन इस बार पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला का मुकाबला एक कद्दावर नेता आगा सैयद मुंतजिर मेहदी से है।
जम्मू-कश्मीर में 2014 के बाद अब 2024 में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। इसी बीच नौशेरा हॉट सीट पर भाजपा और JKNC के उम्मीदवारों के बीच कड़ा मुकाबला होने वाला है।
कांग्रेस नेता गुलाम अहमद मीर ने मतदान करने के बाद कहा कि आज का सबसे बड़ा उद्देश्य यह है कि जम्मू कश्मीर समृद्ध हो और लोगों के जीवन में खुशहाली आए।
J&K Assembly Elections Phase 1 Live: जम्मू कश्मीर में आज 7 जिलों की कुल 24 सीटों पर 219 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर है। अगस्त 2019 में केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद से जम्मू कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है।
पहले चरण के चुनाव में 35,500 प्रवासी कश्मीरी मतदाता जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में स्थापित 24 विशेष मतदान केंद्रों पर वोट डालने के पात्र हैं। जम्मू में 34,852 प्रवासी कश्मीरी मतदाता क्षेत्र के 19 विशेष मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए रजिस्टर्ड हैं।
पंपोर में, जानी मानी राजनीतिक हस्तियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। यहां नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी का मुकाबला पीडीपी के जहूर अहमद मीर से होगा, जिन्होंने 2008 और 2014 में जीत हासिल की थी। अनंतनाग से पूर्व सांसद मसूदी मीर को हराने की कोशिश कर रहे हैं।
त्राल में कौन जीतेगा सियासी जंग? त्राल सीट पर त्रिकोणीय चुनावी दंगल...कांग्रेस ने सुरिंद्र सिंह को मैदान में उतारा...पीडीपी ने रफीक अहमद नाईक को दिया टिकट...निर्दलीय गुलाम नबी बट भी मैदान में...त्राल सीट पर करीब 10 फीसदी सिख वोटर
हब्बा कदल में किसके पास बल? हब्बा कदल सीट पर त्रिकोणीय चुनावी मुकाबला...बीजेपी की ओर से अशोक भट चुनावी मैदान में...एनसी ने शमीम फिरदौस को मैदान में उतारा...पीडीपी की ओर से आरिफ इरशाद मैदान में...हब्बा कदल में स्टोन पेल्टर्स की रिहाई बड़ा मुद्दा...
जम्मू-कश्मीर में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के दौरान गड़बड़ी फैलाकर जनता के मन में डर पैदा करने की साजिश को नाकाम करते हुए सुरक्षाबलों ने बड़े पैमाने पर हथियार और गोला-बारूद जब्त किया है।
जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में कुछ साल पहले तक जहां पत्थरबाजी और हिंसा आम थी वहीं अब विधानसभा चुनावों के पास आते ही यह पूरा इलाका चुनावी रैलियों से गुलजार नजर आ रहा है।
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