भारत के इस फैसले के बाद से पड़ोसी देश बौखलाया हुआ है और उसने इसी बीच अब पाकिस्तान से भारत में भेजे जाने वाले पोस्टल मेल भेजना बंद कर दिया है। इसके बारे में शनिवार को जानकारी मिली।
भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर राग अलापने पर पलटवार करते हुए कहा कि उसके नागरिकों को उनकी तरफ से बोलने के लिए किसी भी व्यक्ति की जरूरत नहीं है और कम से कम उन लोगों की तो कतई नहीं जिन्होंने नफरत की विचारधारा से आतंकवाद का कारोबार खड़ा किया है।
जम्मू-कश्मीर राजमार्ग पर एक गांव के पास शनिवार को सेना और दो संदिग्ध आतंकवादियों के बीच गोलीबारी हुई, जिसके बाद इलाके में व्यापक स्तर पर तलाश अभियान शुरू किया गया।
अब सवाल ये है कि इमरान क्या बोलेंगे या और क्या नहीं बोलेंगे या फिर सिर्फ और सिर्फ कश्मीर का रोना रोएंगे। इमरान के लिए कश्मीर तो बहाना होगा, महंगाई और डूबती इकॉनमी से मुंह छिपाना ही पाकिस्तानी पीएम का मकसद होगा।
कुरैशी न्यूयॉर्क में इमरान खान के साथ संयुक्त राष्ट्र महासभा में शामिल होने पहुंचे हैं। यहीं पर गुरुवार को सार्क देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक थी जिसमें भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत पड़ोसी देशों के विदेश मंत्री भी शामिल हुए। बैठक में शाह महमूद कुरैशी को भी शामिल होना था लेकिन कुरैशी इस मीटिंग में लेट से पहुंचे या यूं कहें.....
डिप्लोमेसी के दम पर पीएम मोदी ने पाकिस्तानी झूठ की फैक्ट्री का पर्दाफाश दुनिया के हर मंच पर किया है। कर्जे का कटोरा लेकर अमेरिका पहुंचे इमरान को लगा था कि ट्रंप के दरबार में हाजिरी लगाने से काम बन जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
खुफिया तंत्र के सूत्रों ने बताया कि 5 अगस्त को भारत सरकार ने आर्टिकल 370 हटाने का ऐलान किया तो जैश ने भारत की प्रमुख हस्तियों पर हमला कर बदला लेने की कसम ले ली। जैश-ए-मोहम्मद 5 अगस्त के बाद से अपने फिदायीन सीमा पार करवाने की लगातार फिराक में है।
बता दें कि जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और वो अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर को लेकर कई बार मात खा चुका है।
ट्रम्प ने सोमवार को खुद को एक अच्छा मध्यस्थ बताते हुए कहा था कि अगर भारत और पाकिस्तान चाहें तो वह दोनों पक्षों के बीच कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थ बनने को तैयार हैं। उन्होंने ह्यूस्टन में हाउडी मोदी सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए बयान को भी बेहद आक्रामक करार दिया था।
पाकिस्तान का चिरकालिक दोस्त चीन पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा ले जाने का प्रयास कर चुका है। लेकिन बीजिंग और इस्लामाबाद दोनों की अनदेखी करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद दरवाजे के पीछे हुई बैठक बेनतीजा रही।
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के लांचिंग पैड से आतंकियों के घुसपैठ का नया वीडियो सामने आया है। भारतीय सेना ने 12 और 13 सितंबर को बॉर्डर एक्शन टास्क (बैट) की कई घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि पीओके भारत का हिस्सा है और उम्मीद करते हैं कि एक दिन भारत के भौतिक अधिकार क्षेत्र में होगा। जयशंकर ने इसके साथ ही यह भी कहा कि एक सीमा के बाद इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है कि कश्मीर पर लोग क्या कहेंगे।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को 70 साल तक भेदभाव का सामना करना पड़ा है। इसका दुष्परिणाम, हिंसा और अलगाव के रूप में, अधूरी आशाओं और आकांक्षाओं के रूप में पूरे देश ने भुगता है।
अमेरिका के सांसदों ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर ‘गहरी चिंता’ जाहिर की है और भारत तथा पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूतों से दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए हर संभव प्रयास करने को कहा है।
एक महीने में तीसरी बार इमरान खान पीओके पहुंचे थे लेकिन ना लोगों में उत्साह था और ना ही उनको कोई सुनना चाहता था। जब रैली में उन्होंने तकरीर शुरु की तो लग ही नहीं रहा था कि किसी मुल्क का कोई प्रधानमंत्री बोल रहा हो।
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में संदिग्ध आतंकवादियों ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के स्थानीय नेता के निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) की राइफल छीन ली जिसके बाद प्रशासन ने शहर में कर्फ्यू लगा दिया है
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले, संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म किए जाने के 40वें दिन बाद भी कश्मीर में जनजीवन प्रभावित है।
जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद शाह फैसल ने कहा था कि कश्मीर में अप्रत्याशित बंद चल रहा है।
जम्मू-कश्मीर में आतंक की बड़ी साजिश नाकाम हुई है। पुलिस ने जम्मू-पंजाब बॉर्डर से 3 आतंकियों को गिरफ्तार किया है। तीनों को पंजाब-जम्मू बॉर्डर के लखनपुर से गिरफ्तार किया गया है।
एक डिबेट शो में इमरान के मंत्री ने कहा कि ये उनके कहने पर अफगानिस्तान में लड़ रहे थे और ये उनकी जिम्मेदारी है कि वो उन आतंकियों को नौकरी दें, पैसे दें।
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