Delhi News:
NIRF Ranking 2022: देशभर के तमाम शिक्षण संस्थानों के लिए जारी की जाने वाली NIRF रैंकिंग में जेएनयू ने दूसरा स्थान हासिल किया है। जबकि पहले नंबर पर बेंगलुरु का भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) है। वहीं तीसरे नंबर पर जामिया मिलिया इस्लामिया को जगह मिली है।
Delhi High Court: हाईकोर्ट ने जामिया मिलिया इस्लामिया कि उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानि UGC को सरोजिनी नायडू महिला अध्ययन केंद्र के लिए फंड जारी करने का निर्देश देने की मांग की थी।
जम्मू कश्मीर में इस्लामिक विद्वानों और MMU ने गुरुवार को जम्मू कश्मीर प्रशासन से शुक्रवार की नमाज जामिया मस्जिद में अदा करने की अनुमति देने की अपील की थी।
Udaipur Murder Case: घटना पर मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। संगठन के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने कन्हैयालाल की हत्या की निंदा की है।
सुप्रीम कोर्ट में दिए आवेदन में उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा अधिनियमित कानून और नगरपालिका कानूनों के उल्लंघन में ध्वस्त किए गए घरों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की गई है।
Jamiat Ulema-e-Hind: गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों को अब मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद को कानूनी सहायता देगा। जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपने बयान साफ कर दिया है कि पैगंबर का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
Nupur Sharma controversy: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के परिसर में प्रदर्शन करने के दौरान छात्रों द्वारा जमकर नारेबाजी करते हुए नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग की गई।
Fire In Delhi: दिल्ली में जिस पार्किंग में ये आग लगी, वहां पर ई रिक्शा चार्ज किए जाते थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आग लगने की ये घटना आज सुबह 5 बजे के करीब हुई है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा देवबंद में बुलाई गई एक बैठक के दौरान मौलवियों ने समुदाय को धैर्य रखने के लिए कहा और कहा कि भारत भी उनका है और जो मुसलमानों को पाकिस्तान जाने के लिए कह रहे हैं, वे खुद वहां चले जाएं। इस दौरान बैठक में ज्ञानवापी विवाद और यूसीसी के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित किए गए।
Jamiat Ulema-e-Hind: जमीयत उलेमा-ए-हिंद की बैठक में कहा गया कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद का ये सम्मेलन स्पष्ट कर देना चाहता है कि कोई मुसलमान इस्लामी क़ायदे क़ानून में किसी भी दख़ल अन्दाज़ी को स्वीकार नहीं करता। इसीलिए जब भारत का संविधान बना तो उसमें मौलिक अधिकारों के तहत यह बुनियादी हक़ दिया गया है कि देश के हर नागरिक को धर्म के मामले में पूरी आज़ादी होगी।
Jamiat Ulema-e-Hind : काशी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद पर हिंदू पक्ष के नए दावों और कोर्ट में सुनवाई के बीच हो रहे इस सम्मेलन पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं।
जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने एक बयान में कहा कि कुछ ‘शरारती लोग’ इस मामले के बहाने दो समुदायों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश में हैं, इसलिए इसमें संयम जरूरी है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार इमाम ने 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया और 16 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कथित रूप से भाषण दिये थे।
पुलिस के मुताबिक शरजील इमाम ने 13 दिसंबर 2019 को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में और 16 जनवरी 2020 को यूपी के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया दिया। फिलहाल वो दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है।
दिल्ली पुलिस ने मामले में इमाम के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसने कथित तौर पर केंद्र सरकार के प्रति नफरत, अवमानना और असंतोष को भड़काने वाले भाषण दिए और लोगों को भड़काया जिसके कारण दिसंबर 2019 में हिंसा हुई।
मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि अगर मीडिया साथ दे तो लोगों को जिहाद का सही मकसद लोगों को समझाया सकता है। मुल्क में बसने वाले लोगों के साथ मिलकर के रहना है और उनके साथ मिलकर इस मुल्क को आगे बढ़ाना है।
कुछ साल पहले जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने भी गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि देश में गाय को लेकर हो रहे अत्याचार रोकने के लिए यह कदम उठाया जाना जरूरी है।
अफगानिस्तान में तालिबान के फरमान की तरह ही जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने लड़कियों और लड़कों के को-एड पर रोक लगाने का प्रस्ताव रखा है। जमीयत का यह प्रस्ताव कितना जायज है? देखें 'मुकाबला' पर बहस।
जिस तरह से अफगानिस्तान में तालिबान ने लड़कियों पढ़ाई के लिए लड़कों से अलग स्कूल का फरमान जारी किया है उसी तरह की सोच भारत में भी चल रही है। मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा ए हिंद ने भारत में समृद्ध मुस्लमानों से बच्चियों के लिए अलग-अलग स्कूल खोलने का आहवान किया है और संगठन के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने लड़के तथा लड़कियों की एक साथ शिक्षा यानि CoEd की खिलाफत की है। सोमवार को जमीयत उलेमा ए हिंद की दिल्ली में एक बैठक हुई है जिसके बाद इस तरह का बयान जारी किया गया है।
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