पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका और सऊदी अरब के रिश्ते काफी अच्छे थे। लेकिन बाइडेन के आने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में काफी खटास आ गई। बाइडेन ने यमन युद्ध में सऊदी अरब को दिया जाने वाला सहयोग वापस ले लिया था।
अमेरिकी कांग्रेस (संसद) को सौंपी गई एक खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सऊदी अरब के शहजादे (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन सलमान ने इस्तांबुल में पत्रकार जमाल खशोगी को ‘‘पकड़ने या मारने’’ के एक अभियान को मंजूरी दी थी।
खशोगी की दो अक्टूबर 2018 को तुर्की के इस्तांबुल शहर में सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में हत्या कर दी गई थी।
सऊदी अरब के वली अहद मोहम्मद बिन सलमान ने एक टेलीविजन साक्षात्कार में कहा कि वह पत्रकार जमाल खशोगी की निर्मम हत्या की ‘पूरी जिम्मेदारी’ लेते हैं।
सऊदी अरब के क्राउन राजकुमार ने पिछले साल हुई पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या की जिम्मेदारी ली है। अगले हफ्ते प्रसारित होने वाली पीबीएस डॉक्यूमेंट्री के अनुसार सऊदी के क्राउन प्रिंस ने कहा कि ये हत्या उनकी निगरानी में हुई थी।
कल्लामार्ड ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस से मामले में औपचारिक आपराधिक जांच शुरू करने का भी आग्रह किया।
सऊदी अरब के शक्तिशाली क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर खशोगी की हत्या की साजिश रचने का आरोप है लेकिन सल्तनत ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है।
तुर्की के इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के दूतावास में मार दिए गए पत्रकार जमाल खशोगी की लाश के बारे में शायद कभी नहीं पता लग पाएगा।
शुरुआती दिनों में खशोगी की गुमशुदगी की जानकारी होने से इंकार करने के बाद सऊदी अरब ने माना कि उसके अधिकारियों की एक टीम ने दूतावास के भीतर पत्रकार की हत्या कर दी।
आइए, नजर डालते हैं 2018 की कुछ ऐसी घटनाओं पर, जिन्होंने इस साल दुनियाभर का ध्यान अपनी तरफ खींचा।
यह ऑडियो रिकॉर्डिग 2 अक्टूबर को खशोगी के सऊदी वाणिज्यिक दूतावास में घुसने के साथ ही शुरू होती है।
साउथ कैरोलिना से सीनेटर लिंडसे ने कहा कि क्राउन प्रिंस को सिरफिरा, सनकी और खतरनाक बताया। सऊदी अरब ने खशोगी की हत्या में 11 लोगों पर आरोप लगाया है लेकिन इसमें क्राउन प्रिंस की भूमिका से इनकार किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अवहेलना करते हुए सीनेटरों ने कड़ा संकेत दिया कि वे पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या में भूमिका के लिए सऊदी अरब को दंडित करना चाहते हैं।
पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के लिए सऊदी अरब के शाही परिवार को जिम्मेदार ठहराने के मामले में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के सिर पर ठीकरा फोड़ दिया है।
अमेरिका ने इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में खशोगी की हत्या में भूमिका के लिये वहां के 17 लोगों पर पिछले सप्ताह प्रतिबंध लगाया था।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय का कहना है कि सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या को लेकर अभी ट्रंप सरकार किसी तरह के निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है।
अमेरिकी खुफिया एजेंसी का आकलन है कि क्राउन प्रिंस के भाई खालिद बिन सलमान ने खशोगी को फोन कर उन्हें वाणिज्यिक दूतावास जाकर दस्तावेज लाने के लिए प्रोत्साहित किया था।
तुर्की के अखबार में छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि जमाल खशोकी की हत्या के बाद शव को तेजाब में गलाकर ड्रेन में फेंका गया था
इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी के प्रवेश करने के साथ ही गला घोंट कर उनकी हत्या कर दी गई और उनके शव को ठिकाने लगाने से पहले शरीर के टुकड़े-टुकड़े किए गए
सऊदी अरब सुल्तान सलमान बिन अब्दुल्लाजीज और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने हाल ही में जमाल खशोगी के बेटे सालाह खशोगी से मिलकर सहानुभूति व्यक्त की थी।
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