जलियांवाला बाग हत्याकांड की घटना ने उधम सिंह को अंदर तक से हिलाकर रख दिया था। घटनाक्रम के करीब 20 साल बाद उधम सिंह लंदन गए और कैक्सटन हॉल में जनरल डायर की गोली मारकर हत्या कर दी।
13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग में हुए हत्यकांड की शुरुआत रोलेट एक्ट के साथ शुरू हुई, जिसे 1919 में ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में राष्ट्रीय आंदोलन को कुचलने के मकसद से तैयार किया गया था।
भारत को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी दिलाने के लिए न जाने कितने लोग क्रूरता का शिकार हुए। अंग्रेजों की क्रूर नीतियों ने अनगिनत भारतीयों की जान ले ली।
13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से कुछ दूर स्थित जालियांवाला बाग़ में अंग्रेजी हुकूमत ने अपने खिलाफ तेज होती आवाज को दबाने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया था।
100 साल पीछे मुड़िए और इतिहास में झांककर देखिए 13 अप्रैल 1919 का वो दिन, जो भारत के लिए अमावस की काली रात से भी ज्यादा स्याह साबित हुआ।
कई निर्देशकों ने जलियांवाला बाग नरसंहार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इसपर फिल्में बनाई है। जिस पर इस मनहूस दिन के बारें में फिल्माया गया है। जानें इन फिल्मों के बारें में।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने जलियांवाला बाग नरसंहार के सौ वर्ष होने के मौके पर जलियांवाला बाग स्मारक स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
देश की आजादी के इतिहास में 13 अप्रैल का दिन एक दुखद घटना के साथ दर्ज है।
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