भले ही लड़ लेना झगड़ लेना पिट जाना या फिर पीट देना मगर कभी बोलचाल बंद मत करना क्यूंकि बोलचाल के बंद होते ही सुलह के सारे दरवाजे बंद हो जाते हैं।
प्रसिद्ध जैन मुनि तरुण सागर महाराज का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को 51 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। करीब 20 दिन पहले पीलिया की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
प्रसिद्ध जैन मुनि तरुण सागर महाराज का लंबी बिमारी के बाद निधन
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