उच्चतम न्यायालय ने पुरी के जगन्नाथ मंदिर में हुई हिंसा के बाद पुलिस कर्मियों के जूता पहनकर एवं हथियार लेकर मंदिर में प्रवेश पर रोक लगा दी है।
जानकारी के अनुसार, भक्तों ने बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाकर पुरी मंदिर प्रशासन कार्यालय को तहस-नहस कर दिया। मंदिर के सिंघ द्वार के सामने बैरिकेड्स और मेटल डिटेक्टर को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है।
ओडिशा में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भगवान जगन्नाथ की मशहूर रथ यात्रा पारंपरिक श्रद्धा, धार्मिक उल्लास , उत्साह और सौहार्द के साथ शुरू हुई।
इस रथ यात्रा में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल हुए हैं। बीजेपी अध्यक्ष ने मंदिर में भगवान जगन्नाथ का भजन किया फिर आरती में शामिल हुए। इस यात्रा में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य कई नेता भी शामिल हैं।
पुरी का जग्गनाथ मंदिर चार धामों में से एक है। यह मंदिर उड़िसा के पुरी शहर में स्थित है। इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ के साथ-साथ भगवान बलराम और देवी सुभद्रा की मूर्ती है जो कि विश्वरभर में फेमस है। आपको बता दें कि हर साल पूरी जग्गनाथ रथ यात्रा निकाली जाती है।
पुरी का जग्गनाथ मंदिर चार धामों में से एक है। यह मंदिर उड़िसा के पुरी शहर में स्थित है। इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ के साथ-साथ भगवान बलराम और देवी सुभद्रा की मूर्ती है जो कि विश्वरभर में फेमस है।
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गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने एक विज्ञप्ति में कहा कि सनातन धर्म की सदियों पुरानी परंपरा का उल्लंघन कर श्री मंदिर में सभी को प्रवेश की अनुमति देना हमें स्वीकार्य नहीं है।
कहते हैं इस विशाल पुरी जग्गनाथ मंदिर के गर्भ में मौजूद है भगवान का खजाना जिसे न तो कोई छू सकता है, न ही खजाने के बारे में कोई बात कर सकता है लेकिन इस बार ये मंदिर अपने खजाने को लेकर चर्चा में नहीं बल्कि ऐसे कई सवाल हैं जिसने मंदिर में आस्था रखनेवालों की नींद उड़ा दी है।
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दावा ये भी किया जा रहा है कि भगवान जगन्नाथ के मंदिर में जो खजाना मिला है कि उसके सामने दुनिया के सबसे अमीर लोगों की दौलत भी कम पड़ जाए। इतने बड़े खजाने से कई साल तक कई मुल्कों की अर्थव्यवस्था चलाई जा सकती है। कहा तो ये भी जा रहा है कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर में जो खजाना मिला है उतना बड़ा खजाना आज से पहले देश के किसी मंदिर में नहीं मिला।
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