ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए आप तीन तरीकों से प्लान बना सकते हैं। आइए पुरी तक जाने के लिए सड़क, रेल और हवाई मार्ग के बारे में जानते हैं।
परंपरा के अनुसार, पुरी के राजा गजपति महाराज दिव्य सिंह देव ने तीनों रथों के आगे ‘छेरा पहरा’ (रथों के आगे झाड़ू लगाना) अनुष्ठान किया। एसजेटीए के अधिकारियों ने बताया कि रथ खींचने की परंपरा शाम चार बजे से शुरू हुई।
पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़ मचने से 15 भक्त घायल हो गए। वहीं, एक श्रद्धालु की मौत हो गई। यहां 53 साल बाद दो दिन की रथ यात्रा हो रही है।
भगवान जगन्नाथ की यात्रा 53 साल बाद दो दिनों की हो रही है। स्नान पूर्णिमा पर ठीक हुए भगवान ठीक हो चुके हैं। जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा अपने-अपने रथ में विराजमान हैं और रथ यात्रा शुरू हो चुकी है।
जगन्नाथ रथ यात्रा आज से शुरू हो जाएगी। जो लोग यात्रा में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं उन्हें घर में कैसे जगन्नाथ जी की पूजा करनी चाहिए आइए जानते हैं।
जगन्नाथ धाम सीएम ममता बनर्जी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। उन्होंने 2019 में ही इस मंदिर की आधारशीला रखी थी। तब उन्होंने दावा किया था कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर जैसी ही भीड़ यहां जुटेगी।
जगन्नाथ रथ यात्रा समाप्ति के बाद भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी और सुभद्रा जी के रथों का क्या होता है, इसकी जानकारी आज हम आपको देंगे।
जगन्नाथ पूरी हिंदू धर्म के मुख्य धामों में से एक है। लेकिन यहां विराजमान जगन्नाथ जी की मूर्ति अधूरी क्यों है, इसके पीछे छिपी एक रोचक कहानी के बारे में आज हम आपको जानकारी देंगे।
Jagannath Rath Yatra: जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा जुलाई में 7 तारीख से शुरू होगी। इस यात्रा से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां आज हम आपको अपने इस लेख में देंगे।
जगन्नाथ रथ यात्रा साल 2024 में 7 जुलाई से शुरू होने जा रही है। ऐसे में आइए जानते हैं इस यात्रा से जुड़ी कुछ रोचक बातें।
Rath Yatra 2024: हर साल ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है, जिसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। रथ यात्रा में शामिल होने वाले भक्तों के सभी दुख-दर्द भगवान जगन्नाथ हर लेते हैं।
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ का जलाभिषेक किया जाता है, इसलिए इस दिन को देवस्नान पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं इस दिन किए जाने वाले जलाभिषेक से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां।
Jagannath Puri Chandan Yatra 2024: पुरी की रथ यात्रा देखने के लिए देश-विदेश से भक्त जुटते हैं। लेकिन इससे पहले जगन्नाथ मंदिर में चंदन रथ यात्रा निकाली जाती है। इस यात्रा का विशेष महत्व बताया गया है।
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर पोस्ट दावा किया जा रहा कि इस फोटो में दिख रहे हजारों की संख्या में लोग केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में सड़कों पर हैं, जो हमारी पड़ताल में गलत साबित हुआ है।
Jagannath Mandir: पुरी के जगन्नाथ मंदिर में अधूरी मूर्तियों की पूजा की जाती है। यहां भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं। अधूरी मूर्तियों के पीछे का इतिहास और कथा क्या है जानिए यहां।
हादसे के वक्त बालकनी में बच्चे और महिलाएं भी खड़ी थीं। अचानक हुए हादसे में उन्हें संभलने का मौका नहीं मिला और सभी मलबे के साथ नीचे गिर गए। घायलों में कई की हालात बेहद गंभीर बताई जा रही है।
आज भगवान जगन्नाथ की 146वीं रथ यात्रा निकाली गई है। इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने अपनी सैंड आर्ट के जरिए रथ यात्रा की शुभकामनाएं दी हैं।
जगन्नाथ यात्रा को लेकर साउथ दिल्ली के कई इलाकों के लिए ट्रैफिक पुलिस की तरफ से ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की गई है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक जुलूस निकालने का समय दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे के बीच तय किया गया है।
एक बार फिर आषाढ़ी बीज यानी कि आषाढ़ महीने की दूज पर रथयात्रा निकलेगी। इस बार निकलने वाली 146वीं रथयात्रा की तैयारियां महीने पहले से ही शुरू हो गई है, उड़ीसा के पूरी में निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की यात्रा के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी रथयात्रा जो अहमदाबाद से निकलती है। आइए जानें कैसा होता है इसका भव्य स्वरूप?
Jagannath Temple: इस साल ओड़िसा के पुरी में रथ यात्रा 20 जून 2023 को निकाली जाएगी। लेकिन इससे पहले जगन्नाथ मंदिर के कपाट 15 दिनों के लिए बंद कर दिए जाते हैं। इस दौरान भक्तगण भगवान के दर्शन नहीं कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि अब जगन्नाथ मंदिर को कब खोला जाएगा।
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