जगन्नाथ मंदिर को घेरने वाली विशाल दीवार 'मेघनाद पाचेरी' में कई दरारें आ गई हैं। अब इस मंदिर की सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगा है।
ओडिशा के पुरी जगन्नाथ मंदिर में स्थित रत्न भंडार के अंदर खुफिया सुरंग या फिर कमरे के काफी किस्से हैं। अब इस मामले से जुड़ा जवाब भी सामने आ गया है।
ओडिशा के पुरी में स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में भी अब घी की जांच की जाएगी। पुरी के कलेक्टर ने इस संबंध में आदेश दिए हैं।
ओडिशा के पुरी जगन्नाथ मंदिर में एक ऐसी हैरान करने वाली घटना सामने आई है जिसकी कल्पना करनी भी मुश्किल है। सुरक्षा घेरे को तोड़कर एक अज्ञात शख्स मंदिर के शिखर पर चढ़ गया था।
ओडिशा के पुरी जगन्नाथ मंदिर में रत्न भंडार को 46 साल बाद खोला गया है। रत्न भंडार खुलने के बाद इससे जुड़ी कई कहानियां भी सामने आ रही हैं। इसी में से एक है रत्न भंडार के भीतर एक सुरंग का होना। आइए जानते हैं इस बात में कितनी सच्चाई है।
भगवान जगन्नाथ और बजरंगबली से जुड़ी एक रोचक कहानी और साथ ही पुरी धाम से जुड़े कुछ रहस्यों की जानकारी आज हम आपको अपने इस लेख में देंगे।
ओडिशा के जगन्नाथ पुरी मंदिर में जांच करने गई निगरानी समिति को खजाना मिल गया है। बता दें कि निगरानी के दौरान 4 आलमारी और 3 संदूक मिले हैं, जिनमें हीरे, जवाहरात, सोने और चांदी भरे पड़े हैं।
ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए आप तीन तरीकों से प्लान बना सकते हैं। आइए पुरी तक जाने के लिए सड़क, रेल और हवाई मार्ग के बारे में जानते हैं।
जगन्नाथ पुरी धाम के रत्न भंडार के दरवाजे इस साल खोले जा रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं 46 सालों तक ये दरवाजे बंद क्यों रखे गए, और आखिरी बार जब खुले थे तो भंडार से क्या मिला था? अगर नहीं तो आइए जानते हैं।
पुरी के जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को एक बार फिर खोला जा रहा है। आज सुबह 9.51 बजे से 12 बजे के बीच भंडारगृह को खोला जाएगा और 11 सदस्यीय समिति इसकी निगरानी करेगी। इस टीम की अगुवाई हाईकोर्ट के जज विश्वनाथ रथ कर रहे हैं।
रत्न भंडार की सूची की निगरानी के लिए गठित 11 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष ने बताया कि 5 से 7 प्राचीन छोटी मूर्तियां मिलीं जो पिछले चार दशकों में लगभग काली हो गई हैं
परंपरा के अनुसार, पुरी के राजा गजपति महाराज दिव्य सिंह देव ने तीनों रथों के आगे ‘छेरा पहरा’ (रथों के आगे झाड़ू लगाना) अनुष्ठान किया। एसजेटीए के अधिकारियों ने बताया कि रथ खींचने की परंपरा शाम चार बजे से शुरू हुई।
ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को आज खोल दिया गया है। रत्न भंडार को 46 सालों के बाद खोला गया है। इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था सहित तमाम अन्य तैयारियां पूरी की गई हैं।
पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़ मचने से 15 भक्त घायल हो गए। वहीं, एक श्रद्धालु की मौत हो गई। यहां 53 साल बाद दो दिन की रथ यात्रा हो रही है।
भगवान जगन्नाथ की यात्रा 53 साल बाद दो दिनों की हो रही है। स्नान पूर्णिमा पर ठीक हुए भगवान ठीक हो चुके हैं। जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा अपने-अपने रथ में विराजमान हैं और रथ यात्रा शुरू हो चुकी है।
गुजरात के अहमदाबाद स्थित जगन्नाथ मंदिर से भगवान जगन्नाथ की 147वीं रथयात्रा निकाली गई। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मंदिर पहुंचकर भगवान की आरती की और सोने की झाड़ू से सफाई का यात्रा का मार्ग प्रस्थान करवाया।
जगन्नाथ रथ यात्रा आज से शुरू हो जाएगी। जो लोग यात्रा में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं उन्हें घर में कैसे जगन्नाथ जी की पूजा करनी चाहिए आइए जानते हैं।
जगन्नाथ धाम सीएम ममता बनर्जी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। उन्होंने 2019 में ही इस मंदिर की आधारशीला रखी थी। तब उन्होंने दावा किया था कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर जैसी ही भीड़ यहां जुटेगी।
ओडिशा की मोहन माझी सरकार द्वारा नयी समिति का गठन इसलिए किया गया है ताकि जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार में रखी कीमती वस्तुओं की सूची तैयार की जा सके।
जगन्नाथ रथ यात्रा समाप्ति के बाद भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी और सुभद्रा जी के रथों का क्या होता है, इसकी जानकारी आज हम आपको देंगे।
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