आयकर विभाग ने हाल में बताया था कि करदाताओं से समय पर रिफंड पाने के लिए अपने रिटर्न सही ढंग से दाखिल करने चाहिए। विभाग ने कहा, ‘‘रिफंड के दावों की जांच सत्यापन के अधीन होती है, जिससे देरी हो सकती है।
समय सीमा से पहले अपना ITR जमा करना बहुत जरूरी है। हर साल, ITR फ़ॉर्म के लिए एक खास फाइलिंग डेडलाइन होती है। इस डेडलाइन को मिस करने से अस्वीकृति की संभावना बढ़ जाती है।
इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) म्यूचुअल फंड हैं जो इक्विटी में निवेश करते हैं और इनकी लॉक-इन अवधि तीन साल की होती है। आप इनमें निवेश कर सकते हैं और धारा 80सी के तहत कर कटौती का दावा कर सकते हैं।
इस बीच, आयकर विभाग ने भी स्वीकार किया है कि कुछ तकनीकी गबड़ी आ रही है और उनका समाधान निकालने के लिए काम चल रहा है, लेकिन समाधान के लिए कोई समयसीमा नहीं बताई है।
फर्जी रिफंड के लोभ में न फंसे और किसी संदेह वाले एसएमएस में दिए गए क्लिक करने से बचें। अगर आपको आयकर विभाग से कथित तौर पर कोई संदेश मिलता है, तो किसी भी लिंक पर क्लिक करने से बचें और सीधे आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना रिफंड स्टेटस चेक करें।
ITR Filing 2024 : इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। हालांकि आप 31 दिसंबर तक जुर्माने के साथ बिलेटेड आईटीआर फाइल कर सकते हैं।
आयकर विभाग ने टैक्सपेयर्स को सूचित किया कि आयकर (आईटी) अधिनियम, 1961 के मुताबिक, वेरिफिकेशन (सत्यापन) में देरी के विपरीत परिणाम हो सकते हैं।
आखिरी तारीख का इंतजार करने से बचते हुए जितनी जल्दी हो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर देना चाहिए। जानकारों का कहना है कि ऑनलाइन इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले कुछ जरूरी होमवर्क पहले कर लेना चाहिए।
जानकारों का कहना है कि किसी भी टैक्सपेयर्स को आखिरी तारीख में रिटर्न फाइल करने का इंतजार नहीं करना चाहिए। आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है।
अगर आपकी आय मूल छूट सीमा से ज्यादा है, तो आपको ITR दाखिल करना जरूरी है। 2023-24 (मूल्यांकन वर्ष 2024-25) के लिए, पुरानी कर व्यवस्था के तहत 60 वर्ष से कम आयु वालों के लिए मूल छूट सीमा 2.5 लाख रुपये है और नई, न्यूनतम छूट व्यवस्था के तहत 3 लाख रुपये है।
इनकम टैक्स रिटर्न भरना ही काफी नहीं है। रिटर्न भरने के साथ-साथ उसे वेरीफाई भी करें। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आपको रिफंड नहीं मिलेगा।
पुरानी कर व्यवस्था के तहत, 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को 2.5 लाख रुपये से अधिक कर योग्य आय के साथ कर का भुगतान करना पड़ता है। वरिष्ठ नागरिकों (60 से 80 वर्ष) के लिए कर-मुक्त आय सीमा 3 लाख रुपये रखी गई है, और सुपर वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक) के लिए, यह एक वित्तीय वर्ष में 5 लाख रुपये है।
अगर आप नई टैक्स व्यवस्था के बजाय पुरानी टैक्स व्यवस्था को चुनना पसंद करते हैं, तो आपको अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने से पहले फॉर्म 10IEA जमा करना आवश्यक है।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। आप आखिरी तारीख का इंतजार न करें, जितनी जल्दी हो इसे फाइल कर लें, ताकि किसी तरह के करेक्शन की स्थिति में आपको मौका मिल सके।
इनकम टैक्स रिटर्न हमेशा सावधानी से भरें। थोड़ी से चूक आपको परेशानी में डाल सकता है। आयकर विभाग गलत जानकारी देने पर टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजता है।
शेयर बाजार निवेश पर टैक्स बचाने का एक और स्मार्ट तरीका है कि लंबी अवधि के लिए निवेश करें। अगर आप एक वर्ष से अधिक समय तक निवेश करेंगे, तो यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स के अंदर में आएगा। इस पर आपको सिर्फ 10% की दर से टैक्स देना होगा।
आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर टैक्स छूट दी जाती है। आप जीवनसाथी, बच्चों और आपके माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीद कर यह छूट प्राप्त कर सकते हैं।
टैक्स एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर किसी टैक्स पेयर की कुल सालाना आय, इनकम टैक्स की छूट सीमा से अधिक है तो उसके लिए रिटर्न फाइल करना जरूरी है।
करदाता को वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान अपने सभी बैंक खातों की जानकारी देनी होगी। आयकर रिफंड हो या न हो, बैंक खातों की जानकारी देना अनिवार्य है। बैंक खातों की जानकारी देते समय बैंकों के नाम, खाता संख्या, खाता प्रकार और IFSC कोड का उल्लेख करें।
अगर आप ओल्ड टैक्स रिजीम चुनने से चूक जाते हैं तो बाई-डिफॉल्ट न्यू टैक्स रिजीम अपना ली जाएगी। हालांकि, न्यू टैक्स रिजीम में HRA, LTA, धारा 80C, 80D, आदि जैसी छूट का लाभ नहीं मिलता है।
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