महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार में गृह मंत्री रहे अनिल देशमुख को लेकर प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने कल ही एक बड़ा खुलासा किया था।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रणाली जून की तुलना में इस समय काफी हद तक बेहतर काम कर रही है लेकिन अब भी कुछ समस्याएं बनी हुई हैं।
आयकर अधिनियम की धारा 234ए के तहत ब्याज और धारा 234 एफ के तहत विलंब शुल्क की गलत गणना से जुड़ी खामी को दूर करने के लिए आईटीआर सॉफ्टवेयर को एक अगस्त को ठीक कर दिया गया।
इंटीग्रेटेड ई-फाइलिंग और सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर 2.0 प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में इस साल 7 जून को नए इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल की शुरुआत की गई।
कर निकाय ने बताया कि पोर्टल पर 62 लाख से अधिक आधार को पैन से जोड़ने के अनुरोध मिले हैं, लगभग 4.87 लाख ई-पैन जारी किए गए हैं और 1.32 लाख डीएससी पंजीकरण पूरे हो गए हैं।
नए पोर्टल को लॉन्च करने की तैयारियों और माइग्रेशन गतिविधि के लिए आयकर विभाग का मौजूदा पोर्टल एक जून से 6 जून तक 6 दिनों के लिए उपलब्ध नहीं होगा।
आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) सरल प्रारूप हैं, जिसका उपयोग बड़ी संख्या में अपेक्षाकृत कम आय वाले करदाता करते हैं।
सीबीडीटी ने कहा कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल आईटीआर फॉर्म्स फाइल करने के तरीके में भी कोई विशेष बदलाव नहीं किया गया है।
2014 से लेकर अब तक टैक्स रिटर्न दायर करने वालों की संख्या दोगुना हो गई है। वित्त मंत्री ने आज बजट भाषण में जानकारी दी की 2020 में टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या 6.84 करोड़ हो गई, जो कि 2014 में 3.31 करोड़ थी
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ट्वीट कर बताया कि सीबीडीटी ने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 119 के तहत 11 जनवरी को एक आदेश पारित कर धारा 44एबी के तहत ऑडिट रिपोर्ट को फाइल करने की अंतिम तारीख आगे बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया है।
कई बार डेड लाइन बढ़ने के बाद इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की समय सीमा आज 10 जनवरी को समाप्त हो रही है।
आयकर विभाग को कोलकाता स्थित रियल एस्टेट और स्टॉक ब्रोकिंग समूह पर छापे के दौरान 365 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है।
पांच जनवरी तक 2.7 करोड़ से अधिक आईटीआर-1 भरे गये जो पांच सितंबर, 2019 तक भरे गये 3.1 करोड़ के मुकाबले कम है। वहीं आईटीआर-4 के संदर्भ में पांच जनवरी तक 1.16 करोड़ रिटर्न भरे गये जो पांच सितंबर, 2019 तक 1.28 करोड़ थे।
आयकर रिटर्न दाखिल करने में आ रही मुश्किलों को देखते हुए विभाग ने रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को बढ़ा दिया है। अब करदाता 10 जनवरी तक अपना रिटर्न भर सकेंगे
आयकर विभाग ने साफ किया कि आयकरदाताओं को रिटर्न दी गई तारीख तक भरना है हालांकि आधार ओटीपी या दूसरे माध्यम के जरिए ई-वेरिफिकेशन रिटर्न फाइल करने के 120 दिनों तक किया जा सकता है।
व्यक्तिगत करदाताओं द्वारा वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आईटीआर दाखिल करने की समयसीमा 31 दिसंबर, 2020 को समाप्त हो रही है।
लास्ट डेट से पहले ITR फाइल करने के कई फायदे हैं। समय से पहले ITR दाखिल करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें किसी प्रकार की गलती होने पर इसे सुधारने का मौका मिल जाता है और टैक्सपेयर पेनाल्टी और नोटिस से बच जाते हैं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बताया था कि वह 14 दिसंबर तक 1.02 करोड़ से अधिक करदाताओं को 1.48 लाख करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड कर चुका है।
केरल में बिलिवर्स चर्च के 40 से ज्यादा केंद्रों पर आयकर विभाग ने रेड की। गुरुवार सुबह 6 बजकर 45 मिनिट से छापेमारी शुरू हुई।
कोविड-19 के दौर में करदाताओं को राहत देने के लिए सरकार मई के बाद से बार-बार आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को आगे खिसका रही है।
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