इटालियन फुटबाल महासंघ (एफआईजीसी) ने पुष्टि की है कि उसने सेरी-ए सहित अपनी सभी प्रतिस्पर्धाओं का निलंबन 14 जून तक के लिए बढ़ा दिया है।
इटली में कोरोना वायरस के कारण नौ मार्च से सभी तरह की खेल गतिविधियां ठप्प पड़ी हैं। देश में इस महामारी के कारण 31,000 से अधिक लोगों की मौत हुई है।
देश में सभी फुटबॉल गतिविधियां कोरोनावायरस के कारण मार्च से बंद हैं और अधिकारी बिना दर्शकों के खाली स्टेडियम में सीजन खत्म पर विचार कर रहे हैं।
कोरोना वायरस के कारण यूरोप की अधिकतर लीग पिछले दो महीनों से ठप्प पड़ी हैं। जर्मनी की बुंदेसलीगा वापसी करने वाली महाद्वीप की पहली लीग हो सकती है।
इटली की बड़ी टीमें इंटर मिलान और एसी मिलान ने कोविड-19 महामारी के कारण लागू लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद व्यक्तिगत तौर पर अभ्यास शुरू कर दिया।
अरुणाचल प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान एक स्कूल द्वारा आश्रय दिए जाने पर आभार व्यक्त करने के लिए प्रवासी मजदूरों के एक समूह ने उसकी इमारत का रंग रोगन किया और इसके लिए कोई मेहनताना नहीं लिया।
दुनियाभर में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मरीज अमेरिका में हैं और वहीं पर कोरोना वायरस की सबसे ज्यादा टेस्टिंग हो रही है। अमेरिका में अबतक 77.27 लाख कोरोना टेस्ट हो चुके हैं और इनमें 12.37 लाख लोग पॉजिटिव पाए गए हैं।
सेरी-ए क्लब जुवेंटस की टीम के खिलाड़ियों ने सोमवार व्यक्तिगत स्तर पर प्रशिक्षण शुरू कर दिया है और इसी को देखते हुए जुवेंटस ने अपने सभी दस विदेशी खिलाड़ियों को बुला लिया है।
कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन नें रियायत मिलने के बाद दुनिया के कुछ सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों में लाखों लोग सैर करने के लिये बाहर सड़कों पर निकल गए और नतीजा यह हुआ कि भारत समेत कई देशों में रविवार को एक दिन में संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले सामने आए जो चिंता का विषय है।
कोरोना वायरस महामारी के बीच इटली से खेल जगत के लिए एक बड़ी और राहत भरी खबर आई है। इटली ने फुटबॉल लीग सिरी-ए क्लबों के फुटबालरों को व्यक्तिगत ट्रेनिंग सत्र में हिस्सा लेने की इजाजत दे दी है।
अमेरिका में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले न्यूयॉर्क से आए हैं जहां पर अबतक लगभग 2.94 लाख लोग संक्रमित हुए हैं, न्यूयॉर्क के बाद न्यूज जर्सी में 1 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं
जॉन हॉप्किंस यूनिवर्सिटी द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में पिछले 24 घंटों में 3100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई।
कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनिया भर में मरने वालों की संख्या एक लाख 70 हजार से ज्यादा हो गई है जिनमें से दो तिहाई सबसे बुरी तरह प्रभावित यूरोप से हैं।
इटली में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में सोमवार को पहली बार कमी दर्ज की गई।
अमेरिका की कुल आबादी लगभग 33 करोड़ है और अपने यहां अमेरिका 38 लाख से ज्यादा लोगों का कोरोना टेस्ट कर चुका है जिसमें 7.64 लाख से ज्यादा लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। यानि अमेरिका में कुल टेस्ट हुए लोगों में लगभग 21 प्रतिशत लोग कोरोना पॉजिटिव निकले हैं
इटली के रोम में एक विश्वविद्यालय, मुंबई के जैव प्रौद्योगिकी के तीन छात्रों और एक प्रोफेसर द्वारा तैयार एक उपकरण का परीक्षण कर रहा है। छात्रों और प्रोफेसर का दावा है कि इस उपकरण के जरिये स्मार्ट फोन का इस्तेमाल कर कोविड-19 के रोगियों का पता लगाया जा सकता है।
वाशिंग्टन: कोरोना वायरस के कारण अमेरिका में विश्व में सबसे ज्यादा मौतें हो गई है। ताजा आंकड़ो के मुताबिक अमेरिका में शनिवार को मौत का आंकड़ा बढ़कर 18,883 तक पहुंच गया है। वहीं इस वायरस के कारण दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा प्रभावित इटली है जहां 18,849 मौतें हुई है।
उरुग्वे के तट पर दो हफ्तों से फंसा ऑस्ट्रेलिया का क्रूज जहाज शुक्रवार को मोंटेवीडियो बंदरगाह पहुंचा। इस जहाज में सवार 100 से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं।
भारत में बीते एक महीने में कोविड-19 से संक्रमित 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो जाने के बावजूद देश में इससे होने वाली मृत्यु की दर लगभग तीन प्रतिशत है जोकि वैश्विक दर से कम और ब्रिटेन, इटली तथा स्पेन जैसे कई यूरोपीय देशों की तुलना में बहुत कम है।
स्पेन में 17 दिनों में पहली बार कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या में सर्वाधिक कमी दर्ज की गई है। यह आंकड़ा 605 रहा। सरकार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
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