कुल 128 दिन की यात्रा के बाद आदित्य L1 उपग्रह L1 प्वाइंट पर स्थापित होगा। इस मिशन में विकास इंजन का प्रयोग किया गया है जो पूरी तरह भारत में बना है।
सूरज के रहस्यों पर अभी भी पर्दा पड़ा हुआ है। यहां कई ऐसे राज दबे हुए हैं, जिससे हम सभी अभी तक अंजान हैं। इन तमाम राज को उजागर करने के लिए भारत आदित्य-एल1 मिशन को 2 सितम्बर को सुबह 11:50 पर लॉन्च कर रहा है।
ISRO Aditya-L1 Launching: चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो और पूरा देश काफी उत्साह में है। चांद पर पहुंचने के बाद अब इसरो की नजर सूर्य पर है। सूर्य पर रिसर्च के लिए अब इसरो रिसर्च के लिए एक खास मिशन लॉन्च कर रहा है, वह भी बेहद जल्द. इस मिशन का नाम आदित्य एल-1 है, पूरा देश इसकी सफलता के लिए प्रार्थना कर रहा है।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो चांद के बाद अब सूर्य पर भी खोज करने के लिए मिशन लॉन्च करने जा रही है। इससे पहले इसरो के चीफ मंदिर पहुंचे।
अब देश की निगाहें सूर्य मिशन आदित्य L1 पर टिकी हैं। इसका काउंटडाउन शुरू हो गया है। इसरो के आदित्य L1 मिशन को शनिवार सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर श्री हरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा।
चंद्रयान 3 की सफलता पर विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A ने इसरो को बधाई दी है। इसरो को बधाई देते हुए विपक्षी गठबंधन ने कहा कि चंद्रयान 3 की सफलता के बाद दुनिया की निगाहें अब आदित्य एल 1 के लॉन्च पर टिकी हैं।
इसरो अपने सौर मिशन के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसरो का यान अदित्य एल-1 कल श्रीहरिकोटा से सौर मिशन के लिए उड़ान भरने वाला है। आज से काउंटडाउन शुरू हो जाएगा।
आदित्य एल-1 मिशन को 2 सितंबर को लॉन्च किया जाना है और यह सूर्य के अध्ययन के लिए भारत का पहला समर्पित मिशन है।
23 अगस्त की शाम भारत के चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी हिस्से में लैंडिंग कर के इतिहास रच दिया था। इसके बाद से लगातार इसरो के वैज्ञानिकों का सम्मान किया जा रहा है।
भारत अब तक चांद पर तीन मिशन भेज चुका है। साल 2008 में चंद्रयान-1 को लॉन्च किया गया था। इसमें एक प्रोब की क्रैश लैंडिंग कराई गई थी जिससे चांद पर पानी के बारे में पता चला था। फिर 2019 में चंद्रयान-2 चांद के करीब पहुंचा, लेकिन लैंड नहीं कर पाया। 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 के चांद पर लैंड करते ही भारत ने रिकॉर्ड बना दिया।
इसरो द्वारा भेजे गए चंद्रयान-3 का लैंडर पूरी शान के साथ चांद की सतह पर खड़ा है। प्रज्ञान रोवर ने लैंडर विक्रम की एक और तस्वीर अपने कैमरे में कैद की है। इस तस्वीर को इसरो ने जारी किया है।
गुजरात में एक ऐसे टीचर को गिरफ्तार किया गया है, जो ट्यूशन के लालच में खुद को ISRO का वैज्ञानिक बताता था। पुलिस ने शख्स के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।
चंद्रयान-3 मिशन के जरिए भारत ने एक और ऐतिहासिक कामयाबी हासिल की है। इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने चांद पर ऑक्सीजन का पता लगाया है।
चंद्रयान 3 की सफलता के बाद इसरो अब सूर्य के अध्ययन के लिए अपना मिशन भेजने वाला है। सूर्य का अध्ययन करने वाले Aditya L1 मिशन को 2 सितंबर को लॉन्च किया जाएगा।
चंद्रयान-3 का प्रज्ञान रोवर चांद पर नए-नए खोज कर रहा है। दूसरी ओर भारत में इसके लैंडिंग साइट के नामकरण को लेकर राजनीतिक दलों के बीच विवाद हो गया है।
इसरो ने रोवर प्रज्ञान की कुछ नई तस्वीरें जारी की है। दरअसल, रोवर चांद की सतह से सैंपल्स जुटाने में लगा है। इस बीच, रोवर प्रज्ञान चहलकदमी करते हुए एक बड़े गड्ढे के पास पहुंच गया।
मिशन चंद्रयान 3 को पूरा करने के बाद भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो अब सूर्य तक अपनी पहुंच बनाने की तैयारियों में जुट चुका है। इसी कड़ी में आदित्य एल 1 मिशन को जल्द ही लॉन्च किया जाएगा।
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद रविवार को इसरो प्रमुख ने तिरुवनंतपुरम में मीडिया से बात करते हुए बताया कि चंद्रमा की सबसे अच्छी तस्वीर केवल हमारे पास है।
बीजेपी ने इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन का एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में नारायणन कांग्रेस शासन के बारे में बात करते नजर आ रहे हैं। इसमें वह बता रहे हैं कि कांग्रेस शासन में इसरो के लिए सुविधाओं का अभाव था।
चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान- 3 की सॉफ्ट लैंडिंग के चार दिन बाद इसरो चीफ रविवार को पूर्णमिकवु-भद्रकाली मंदिर पहुंचे। भगवान के दर्शन के बाद उन्होंने बातचीत में खुद को एक खोजकर्ता बताया।
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