चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग में मुख्य भूमिका इसरो चीफ एस.सोमनाथ की है। भारत के इस ऐतिहासिक पल को हर देशवासी अपने मन में सजाकर रखना चाहता है। इस मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने का पूरा श्रेय इसरो चीफ सोमनाथ को जाता है।
Chandrayaan-3 का विक्रम लैंडर सोमवार को हा स्लीप मोड में चला गया था। अंधेरे में चांद पर अभी विक्रम लैंडर कैसा दिख रहा है। इसकी तस्वीर चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने ली। जिसे ISRO ने सोशल मीडिया साइट X पर शेयर किया है।
भारत के ISRO की राह पर अमेरिका का NASA भी चलेगा। नासा चांद के दक्षिणी ध्रुव पर रोवर यान उतारेगा। इसके लिए टेस्टिंग शुरू हो गई है। 'नासा' द्वारा चांद पर अंतरिक्ष यान भेजने के लिए एक चंद्रमा रोवर बनाया जा रहा है।
अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और क्रांति की उम्मीद बढ़ गई है। भारत के ताबड़तोड़ चांद और सूर्य मिशन के बाद अब जापान ने अपना ब्रह्मांड मिशन लांच किया है। जापान का एक्सरे रॉकेट दूरबीन के साथ ब्रह्मांड की उत्पत्ति का पता लगाने चांद पर रवाना हो चुका है। भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संघठन ने जापान को इसके लिए बधाई दी है।
सूर्य मिशन आदित्य एल1 ने अंतरिक्ष में सेल्फी ली है और चंद्रमा व धरती की फोटो खींची है जिसे इसरो ने शेयर किया है। बता दें कि आदित्य एल1 ने पृथ्वी के दो कक्षाओं के चक्कर लगा लिए हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान ने आज चंद्रमा की एक 3D तस्वीर जारी की है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर गए प्रज्ञान रोवर ने यह तस्वीर ली है। तस्वीर पोस्ट करते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
चंद्रवंशी भगवान कृष्ण की 5,250वीं जयंती के एक विशेष और भव्य उत्सव में, प्रज्ञान रोवर की एक विशेष कलाकृति पवित्र भागवत भवन में, देवता की सीट के सामने रखी जाएगी। 23 अगस्त को, जिस दिन लैंडर मॉड्यूल प्रज्ञान ने लैंडिंग की, उसकी सफलता के लिए मथुरा के प्रमुख मंदिरों में विशेष प्रार्थनाएं की गईं थीं।
भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 अपने लक्ष्य की ओर सफलतापूर्वक बढ़ता चला जा रहा है। इसे लेकर रोज नए अपडेट सामने आ रहे हैं।
भारत का चंद्रयान-3 मिशन चांद पर अपनी सभी अपेक्षाओं पर खड़ा उतरा है। प्रज्ञान रोवर सभी अहम जानकारियों को ट्रांसफर कर के स्लीप मोड में जा चुका है। वहीं, विक्रम लैंडर ने एक और करतब दिखाया है।
इसरो की वैज्ञानिक एन वलरमती का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वलरमति रॉकेट लॉन्चिंग के लिए काउंटडाउन का जिम्मा संभालती थीं। चंद्रयान- 3 की लॉन्चिंग के लिए भी काउंटडाउन वलरमती ने ही किया था।
इसरो ने अपने पहले सूर्य मिशन आदित्य-L1 को लेकर बड़ी जानकारी दी है। इसरो ने बताया कि देश का पहला सौर मिशन आदित्य-L1 ठीक से काम कर रहा है। इसरो ने बताया कि आदित्य-L1 ने आज अपनी कक्षा बदली है।
भारत अब तक चांद पर तीन मिशन भेज चुका है। साल 2008 में चंद्रयान-1 को लॉन्च किया गया था। इसमें एक प्रोब की क्रैश लैंडिंग कराई गई थी जिससे चांद पर पानी के बारे में पता चला था। फिर 2019 में चंद्रयान-2 चांद के करीब पहुंचा, लेकिन लैंड नहीं कर पाया। 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 के चांद पर लैंड करते ही भारत ने रिकॉर्ड बना दिया।
चंद्रयान-3 को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। जानकारी मिली है कि रोवर, लैंडर से 100 मीटर दूर हो गया है। एक या दो दिन में इन्हें निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
आदित्य एल1 ने धरती की सतह को छोड़ दिया है। अब यह यान सूर्य की ओर बढ़ चला है और अगले 128 दिनों में वह एल1 प्वाइंट पर पहुंच जाएगा। यहां पहुंचने के बाद यह यान सूर्य का अध्ययन करेगा और इसरो को डेटा भेजेगा।
ISRO ने सूर्य की स्टडी करने के लिए आदित्य एल 1 को लॉन्च कर दिया है। ये भारत के लिए ऐतिहासिल पल है क्योंकि सूर्य की स्टडी करने के लिए ये पहला भारत का मिशन है।
सूर्ययान यानी आदित्य एल1 को आज लॉन्च किया जाएगा। सुबह 11.50 बजे इसरो द्वारा आदित्य एल1 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। इससे जुड़ा अहम सवाल ये है कि क्या सूर्य के इतने करीब पहुंचने पर आदित्य एल1 जलकर खाक नहीं होगा।
चंद्रयान 3 की सफलता के बाद इसरो आज सूर्ययान आदित्य एल1 को लॉन्च करने वजा रहा है। आदित्य एल1 को 2 सितंबर की सुबह 11.50 बजे लॉन्च किया जाएगा। बता दें कि दिए गए लिंक के जरिए इस लॉन्च का लाइव प्रसारण आप देख सकते हैं।
भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो आज आदित्य एल 1 को लॉन्च करने वाली है। ऐसे में मौसम कैसा है, इससे जुड़ी अहम जानकारी सामने आई है।
इसरो ने आज अपना बहुप्रतिक्षित सोलर अभियान शुरू कर दिया है। इस अभियान के तहत श्रीहरिकोटा से आदित्य एल-1 को लॉन्च किया गया। इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जमा हुए।
इसरो आज आदित्य एल1 को लॉन्च करने वाला है। यह लॉन्चिंग आज सुबह 11.50 बजे होगी। इस मिशन का काम होगा सूर्य के तापमान व वहां हो रही घटनाओं का अध्ययन करना। इस यान को सूर्य की कक्षा में पहुंचने में 128 दिन का समय लगेगा।
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